सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का अभिनव फैसला-आंगनबाडी की बेटी बनी मुख्यमंत्री

Update: 2021-01-24 10:14 GMT

देहरादून। राज्य में सरकार का काम बोल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कार्यप्रणाली से आम आदमी के जीवन में भी बदलाव महसूस हो रहा है। सरकार ऐसे कार्य कर रही है, जो एक मिसाल बन गई है। बालिका दिवस के अवसर पर एक बेटी को मुख्यमंत्री बनाया गया है, इस परिवार के लिए यह अवसर किसी स्वप्न से कम नहीं है। आंगनबाडी कार्यकत्री की इस बेटी ने प्रतीकात्मक मुख्यमंत्री बनकर अपनी लीडर क्षमता को भी प्रदर्शित करते हुए सभी को प्रभावित किया।

रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर हरिद्वार की सृष्टि गोस्वामी एक दिन के लिए उत्तराखंड की मुख्यमंत्री बनीं है। सृष्टि ने इस अवसर पर उत्तराखंड की समर कैपिटल गैरसैंण से शासन किया और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की तमाम योजनाओं की समीक्षा की। इन योजनाओं में अटल आयुष्मान योजना, स्मार्ट सिटी परियोजना, पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना और अन्य विकास परियोजनाएं शामिल रही हैं। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए, बाल आयोग की पहल पर सृष्टि गोस्वामी को सरकार ने एक दिन का बाल सीएम बनने का अवसर प्रदान किया गया था।

इसी क्रम में सृष्टि गोस्वामी ने रविवार 24 जनवरी को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक विधानसभा भवन के कमरा संख्या 120 में विभागीय समीक्षा बैठक ली। 19 साल की सृष्टि हरिद्वार के दौलतपुर गांव की रहने वाली हैं और रुड़की के बीएसएम पीजी कालेज से बीएससी एग्रिकल्चर में 7वें सेमेस्टर की छात्रा हैं। उनके पिता प्रवीण पुरी की गांव में छोटी सी दुकान है और मां सुधा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। सृष्टि गोस्वामी को इससे पहले 2018 में हुई बाल विधानसभा में कानून निर्माता चुना गया था। साल 2019 में वह गर्ल्स इंटरनैशनल लीडरशिप कार्यक्रम में थाइलैंड में भारत की अगुआई कर चुकी हैं। वह दो साल से आरंभ नामक योजना चला रही हैं। इसमें इलाके के गरीब बच्चों खासकर लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रही हैं। दिलचस्प बात यह है कि सृष्टि, उत्तराखंड की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी हंै। हालाँकि यह प्रतीकात्मक है और सृष्टि के द्वारा बाल विधानसभा सत्र में बतौर मुख्यमंत्री, सरकार के अलग-अलग विभागों के कार्यों का जायजा लिया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। 

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