यूपी पंचायत चुनाव-कल फाइनल होगी आरक्षण लिस्ट, फंसने का भी है डर
यूपी के पंचायत चुनाव इस बार बड़े विवाद और कानूनी पचडे में फंसे हुए हैं। कोरोना संकट के कारण देरी से हो रही पंचायत चुनाव में पहले हाईकोर्ट के फैसले ने कई उम्मीदवारों की उभरती उम्मीदों को जमीन पर ला पटकने का काम किया, तो वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बने संशय के कारण पंचायत चुनाव की कल फाइनल हो रही आरक्षण लिस्ट के फंसने का डर भी नये आरक्षण में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके उम्मीदवारों को सता रहा है।
लखनऊ। यूपी के पंचायत चुनाव इस बार बड़े विवाद और कानूनी पचडे में फंसे हुए हैं। कोरोना संकट के कारण देरी से हो रही पंचायत चुनाव में पहले हाईकोर्ट के फैसले ने कई उम्मीदवारों की उभरती उम्मीदों को जमीन पर ला पटकने का काम किया, तो वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बने संशय के कारण पंचायत चुनाव की कल फाइनल हो रही आरक्षण लिस्ट के फंसने का डर भी नये आरक्षण में चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके उम्मीदवारों को सता रहा है। आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद पंचायत चुनाव की नई आरक्षण लिस्ट फाइनल कर ली गयी है, लेकिन शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही इसको जारी किया जायेगा।
यूपी पंचायत चुनाव में आरक्षण और सीटों के आवंटन में दावे व आपत्तियां के निस्तारण की प्रक्रिया जारी है। पंचायती राज विभाग की ओर से जारी नए कार्यक्रम के अनुसार अंतिम सूचियों को 26 मार्च तक जारी किया जाना है। उसी दिन सभी जिलों से आरक्षित व अनारक्षित की गयी सीटों का पूरा ब्योरा पंचायतीराज निदेशालय को भेज दिया जाएगा और निदेशालय भी बगैर देर किये उसी दिन राज्य निर्वाचन आयोग को यह ब्योरा सौंप देगा।
वहीं 26 मार्च को ही सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर दोबारा तय हुए आरक्षण और सीटों के आवंटन को लेकर दायर याचिका की सुनवाई है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका खारिज कर दी तो उम्मीद है कि उसी दिन या फिर अगले दिन आयोग चुनाव की अधिसूचना और विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दे। बता दें कि यूपी में चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव में मतदान की प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरी करने के लिए खाका तैयार किया है। पहले बोर्ड परीक्षा शुरू होने से यानि 24 अप्रैल से आयोग को मतदान की प्रक्रिया पूरी करवानी पड़ रही थी, जिसमें काफी दिक्कतें पेश आ रही थीं। इसीलिए राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे और बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम थोड़ा आगे बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था।
पंचायत चुनाव में सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से इस बारे में सभी जिलाधिकारियों को बुधवार को निर्देश जारी किये गये हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार द्वारा जिलाधिकारियों के लिए जारी किये गये पत्र में कहा गया है कि चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया के दौरान नागरिकों द्वारा भेजे जाने वाले एसएमएस और सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली विविध सामग्री जैसे फोटो, वीडियो, आडियो क्लिप और संदेश पर विशेष निगरानी रखे जाने की जरूरत है।