सामाजिक संस्था 'मेरा वजूद फाउण्डेशन' का मुजफ्फरनगर में हुआ शुभारंभ
होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर काॅलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के सभागार में सामाजिक संस्था मेरा वजूद फाउण्डेशन’ का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया।;
मुजफ्फरनगर। होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर काॅलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के सभागार में सामाजिक संस्था मेरा वजूद फाउण्डेशन' का उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम शुभारम्भ माँ सरस्वती के सम्मुख मुख्य अतिथि चासन्लर शोभित यूनिवर्सिटी कुवर शेखर विजेन्द्र, कार्यक्रम अध्यक्ष, श्रीराम ग्रुप आफ काॅलेज के संस्थापक डाॅ. एस.सी. कुलश्रेष्ठ, प्रधानाचार्य प्रेरणा मित्तल, जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार, डायरेक्टर एस.डी. इंजीनियरिंग काॅलेज, डाॅ. एस.एन. चैहान, विद्या प्रकाशन के शिक्षाविद् डाॅ. रोहित खोकर, राजीव आबराय, महामंडलेश्वर, अध्यक्ष महामृत्युन्जय सेवा मिशन पं. संजीव शंकर, अजय कुमार, जिला पंचायत सदस्य सचिन करानिया, मैनेजिक डायरेक्टर एटूजेड महिन्द्रा आटो व्हील्स विवेक वीरभान, देवेन्द्र दहिया, संस्था के चैयरमेन प्रवेन्द्र दहिया, वाइस चैयरमेन डाॅ. रणवीर सिंह, संरक्षक तेजस मुनि, प्रत्यूष गोयल, हेमन्त चैधरी, जनरल सैकेटरी समृधि त्यागी, सलाहकार डाॅ. कीर्तिवर्धन, डाॅ. राजीव कुमार, सचिव शिव कुमार, अनिल शास्त्री, कोषाध्यक्ष पंकज धीमान, एक्जुकेटिव मेम्बर सुदेशवीर, आदित्य दहिया द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन विकास भार्गव एवं प्रवेन्द्र दहिया द्वारा किया गया। कुवर शेखर विजेन्द्र ने अपने व्याख्यान में बताया कि आज समाज को सही दशा और दिशा देने के लिए इस तरह की संस्था की बहुत आवश्यकता है। मेरा वजूद से तात्पर्य यह होना चाहिए, जैसे ब्रह्मा, विष्णु, महेश, ब्रह्मा का मतलब हमें बनना है और यह विचार मस्तिष्क में आते है और कैसा बनना है यदि इसका समावेश नहीं किया गया तो बात अधूरी रह जाती और कैसा बनना है यह हमारे हृदय से निकलता है जिसे विष्णु की उपाधि दी जाती है। बनना है और कैसा बनना है इसके लिए हमारे हाथों की आवश्यकता होती है जिसे आप महेश कह सकते है। महेश का कार्य जब समाज में या किसी वस्तु में जब बुराईयां ज्यादा हो जाती है तो उनका विनाश करना और उनकी जगह अच्छी चीजों का सर्जन करना होता है, जब इंसान इन तीनों का समावेश करके चलता है तब मस्तिष्क में 'मेरा वजूद' की तरह की संस्था को खडा करने के विचार आते है और जो हमने समाज से अच्छी-अच्छी बातें सीखी संस्था के माध्यम से उन्हें समाज को लौटाना होता है। डाॅ. एस.एन. चैहान ने अपने सम्बोधन में बताया कि मेरा वजूद फाउन्डेशन का पर्यावरण संरक्षण को लेकर समाज को जागरूक करने के प्रति संकल्पित भाव सराहनीय है, क्योंकि एक अच्छा पर्यावरण आज समाज की प्राथमिक आवश्यकता है। डाॅ. एस.सी. कुलश्रेष्ठ ने अपने सम्बोधन में संस्था को शुभाकामनाएं देते हुए बताया कि संस्था द्वारा युवा पीढी को सही मार्गदर्शन देने के लिए संस्था द्वारा मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले कार्य की सराहना की, क्योंकि आज युवा मानसिक संतुलन खो रहा है, जिससे वे आत्महत्या तक कर रहा है। संस्था के द्वारा कार्यशाला एवं काउन्सलिंग से युवा पीढी को मार्गदर्शन मिलेगा। डाॅ. रोहित खोकर ने युवाओं में नशा एवं अपराध को रोकने के लिए संस्था द्वारा पहल किये जाने की सराहना की। जिला विद्यालय निरीक्षक गजेन्द्र कुमार ने कहा कि आज बेहतर समाज को बनाने के लिए युवा और शिक्षा बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि शिक्षा और युवा दोनों ही देश को आगे बढाने के लिए आवश्यक अंग है। संस्था को प्रयास करना होगा कि आज समाज में अपराध एवं आपसी झगडों की वजह से घर बर्बाद हो रहे है। नई पीढी को इस बर्बादी से बचाने के लिए संस्था को समाज को मार्गदर्शन देने का प्रयास करना होगा। जिससे भविष्य में एक स्वच्छ और अच्छे समाज का निर्माण किया जा सके। महामंडलेश्वर संजीव शंकर एवं तेजस मुनि ने भारतीय संस्कृति के विषय में बताते हुए कहा कि आज समाज में संस्कार एवं संस्कृति की अत्यन्त आवश्यकता है। संस्कृति का का मतलब अच्छी-अच्छी आदतों को अपने अन्दर विकसित करना है। कार्यक्रम में इंडिपेन्डेन्ट स्कूल्स एशोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आर्य, एफिलिटिड स्कूल्स एवं सोसयल वैलफेयर एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जसवीर राना, उपाध्यक्ष चन्द्रपाल सिंह, जिला अध्यक्ष, महेशपाल सिंह, विक्रम सिंह, डाॅ. अरशद सम्राट, हासिम अली, डाॅ. अरविन्द मलिक, नीरज बालियान, सुरेन्द्र आर्य, डाॅ. अजीत सिंह तोमर, सुघोष आर्य, चन्द्रवीर सिंह, प्रेरक जैन, कुलदीप सिवाच, संदीप मलिक इत्यादि की उपस्थिति की सराहनीय रही और अन्त में संस्था के चैयरमेन प्रवेन्द्र दहिया और वाईस चेयरमैन डा. रणवीर सिंह ने कहा कि 'मेरा वजूद फाउन्डेशन' के मुख्य उद्देश्यों एक बेहतर समाज का निर्माण करना, नई पीढी को नशा एवं अपराधिक गतिविधियों से दूर रखना, स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्रेरित करना, विद्यार्थियों के लिए भारतीय संस्कार एवं संस्कृति को बढावा देना एवं बच्चों को कैरियर गाइडनेस और काउन्सिलिंग की वर्कशाॅप का आयोजन कराना है। संस्था के द्वारा विभिन्न विद्यालयों एवं संगठनों के प्रधानाचार्य डायरेक्टर, समाजसेवियों एवं शिक्षाविदों को अतिथियों द्वारा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।