हिंद मजदूर किसान समिति की महिला मोर्चा ने देखी "द केरल स्टोरी"
राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रमोहन की प्रेरणा से देखी मूवी, महिलाओं ने कहा-समाज की सच्चाई ये कहानी, इसके प्रति हम यदि जागरूक नहीं हुए तो भविष्य बहुत ही भयानक होगा।
मुजफ्फरनगर। हिन्द मजदूर किसान समिति की महिला मोर्चा मेरठ क्षेत्र की सैंकड़ों पदाधिकारी "द केरल स्टोरी" मूवी देखेने पहुंची। मूवी के विषय में जानकारी लेने पर मेरठ महिला मोर्चा अध्यक्ष सोनिया ने बताया की हम सभी महिलाएं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रमोहन की प्रेरणा से ये मूवी देखने पहुंचे हैं। चंद्रमोहन के संदेश में उन्होंने कहा कि पिछले साल "दी कश्मीर फाइल्स मूवी" और अब ये "दी केरल स्टोरी" ये दोनों ही मूवी समाज की वो सच्चाई हैं, जिसके प्रति हम यदि अब भी जागरूक नहीं हुए आने वाला भविष्य बहुत ही भयानक और क्रूर होगा।
उन्होंने आगे बताया की जहां "दी कश्मीर फाइल्स" हमें ये संदेश देती है की यदि हम जातिरहित होकर एकजुट नहीं हुए तो हमारा हाल कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचार से भी बदतर होगा। वहीं दूसरी मूवी ‘दी केरल स्टोरी’ हमें सिखाती है कि अगर हम अपने धर्म और संस्कृति के प्रति लापरवाह रहे तो हाल ऐसा होगा, जैसा मूवी में उस लड़की ‘शालिनी उन्नीकृष्णन’ या ‘गीतांजलि’ का दिखाया है। उन्होंने आगे बताया कि जैसे केरल में इतनी बड़ी संख्या में हिन्दू लड़कियों को जबरन, उनका माइंड वाश करके या किसी अन्य जाल में फंसा कर आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन एक आतंकवादी बनाते हैं, उन्हें दूसरे देशों में ले जाते हैं या इसी प्रकार कि अन्य आतंकवादी घटना उनके माध्यम से करवाते हैं और जातिवादी राजनीति को ये सब बात पता चलने पर भी जातिवादी राजनीति कोई ज्यादा कार्यवाही नहीं करती है, इसके पीछे का एक कारण ये भी है कि हम जातिरहित समाज बनाने के लिए एकजुट नहीं हंै, यदि हम जातिरहित स्तर पर एकजुट हैं अपने धर्म के सम्मान के प्रति जागरूक हैं और एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं तो जातिवादी राजनीति को इस पर कठोर कार्यवाही करनी ही पड़ेगी और देश में चल रहीं इन भयानक आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगानी पड़ेगी इसलिए अब हमारा जातिरहित एकजुट होना हमारी मजबूरी भी है और मजबूती भी।
उन्होंने कहा कि जिस डायरेक्टर ने ये मूवी बनाई है उनको हम धन्यवाद देते हैं कि समाज की इस भयावह सच्चाई से देश का परिचय बड़े ही सुंदर ढंग से करवाया गया है। हम हिंदुओं का एक बड़ा दुर्भाग्य ये भी है कि हम अपने धर्म अपनी संस्कृति को भूलकर पाश्चात्य संस्कृति की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं और उससे भी बड़ी बात ये कि हम जातियों में बंटे हैं। अगर हम अब भी नहीं जागे तो शायद कल हमारे घर में कोई, या गीतांजलि जैसी लड़कियां इसकी शिकार न हों जाएं। केवल हिन्दू धर्म ही संसार में अमन चैन की स्थापना कर सकता है और कोई नहीं, लेकिन इसके लिए हमें हिंदू धर्म के ऊपर चढ़ी जाति की धूल को साफ करना होगा और अपनी संस्कृति के विषय में जागरूक होना होगा। हिन्दू जब तक जातियों में बंटा रहेगा शोषित रहेगा, मुट्ठी भर रहेगा और जहां हिन्दू जाति को छोड़कर एकजुट हुआ संसार को मुट्ठी में कर सकता है।
आजकल हम हिन्दू जाट, बामण, गुर्जर, अहीर, सैनी, दलित इत्यादि होने पर गर्व करते हैं अर्थात हम जाति पर गर्व करते हैं, जबकि ये सोच खतरनाक है, पतन की ओर ले जाने वाली है। हमारे अंदर गर्व होना चाहिए कि हम ऋषियों की संतान है, हम सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं, हम हिन्दू हैं। जिस दिन ये सोच देश के लोगों की हो गई तो फिर किसी "शालिनी या गीतांजलि" को ऐसी परिस्थिति से नहीं गुजरना पड़ेगा। हिन्द हिन्द मजदूर किसान समिति के मीडिया प्रवक्ता अमित मौलाहेडी ने बताया कि इस अवसर पर महिला मोर्चा की पदाधिकारियों के साथ सैंकड़ों कार्यकर्ता मूवी देखने में शामिल रहीं। यह प्रयास समाज को जागरुक करने क लिए किया गया है।