मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् द्वारा 7 अक्टूबर को अवैध कब्जा के आरोप में तोड़ी गई उद्यान विभाग की दीवार के प्रकरण में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने नगर मजिस्ट्रेट को जांच सौंप दी है। डीएम का आदेश मिलने के बाद नगर मजिस्ट्रेट ने नगर निकाय प्रभारी एसडीएम मुख्यालय को अपने कार्यालय बुलाकर मामले की जानकारी ली है। सभासदों ने भी डीएम से एसडीएम की निगरानी में उद्यान विभाग को आवंटित भूमि की पैमाइश कराने की मांग की थी।
7 अक्टूबर की बोर्ड बैठक के बाद सभासदों के प्रस्ताव पर नगरपालिका परिषद् की ओर से कमला नेहरू वाटिका में उद्यान विभाग पर करीब 46 बीघा भूमि पर कब्जा करने का गंभीर आरोप लगाया था। इसके बाद पालिका प्रशासन ने वाटिका पहुंचकर उद्यान विभाग की दीवार को जेसीबी से बिस्मार करा दिया था। इस दौरान सभासद भी मौजूद थे। इस मामले में उद्यान अधिकारी ने 9 अक्टूबर को ईओ, कर अधीक्षक और 60 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया, जिससे पालिका प्रशासन में हड़कम्म मचा हुआ है। सभासदों ने भूमि की पैमाइश की मांग की। इस मामले में पालिका प्रशासन ने गोपनीय ढंग से भूमि की पैमाइश कराई है। इसमें उद्यान विभाग को 1992 में आवंटित भूमि से उसके कब्जे में मिली भूमि कम पाई गई है।
इससे इस प्रकरण में नया मोड आ गया है। इस प्रकरण में लगातार हो रही फजीहत को देखते हुए आज जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने पूरे प्रकरण की जांच नगर मजिस्ट्रेट अखिलेश सिंह को सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार नगर मजिस्ट्रेट ने डीएम के आदेश मिलने के साथ ही जांच पड़ताल प्रारम्भ कर दी है। नगर मजिस्ट्रेट ने इस मामले में नगरीय निकाय प्रभारी एसडीएम मुख्यालय अजय कुमार अम्बष्ट को अपने कार्यालय बुलाकर जानकारी ली। दीवार तोड़े जाने वाले दिन अजय अम्बष्ट मौके पर गये थे और पालिका की कार्यवाही को रुकवाया था।