पुलिस के खिलाफ क्रांति शिवसेना ने वापस लिया अपना आंदोलन-जानिए क्यों?

पुलिस विभाग में बढ़ रहे कथित भ्रष्टाचार पर रोष जताते हुए पुलिस प्रशासन पर आम जनता के साथ दुव्र्यवहार करने और थानों में पीड़ितों का शोषण करने के आरोप लगाये गये थे।

Update: 2020-09-03 11:16 GMT


मुजफ्फरनगर। पुलिस विभाग में कथित भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों को लेकर एक दिन पहले तक मुजफ्फरनगर पुलिस के खिलाफ आंदोलन का ऐलान करने वाली क्रांति शिवसेना ने आज अपना यह आंदोलन वापस ले लिया है।

बुधवार को क्रांति शिवसेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. योगेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में प्रकाश मार्किट स्थित कार्यालय पर बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें पुलिस विभाग में बढ़ रहे कथित भ्रष्टाचार पर रोष जताते हुए पुलिस प्रशासन पर आम जनता के साथ दुव्र्यवहार करने और थानों में पीड़ितों का शोषण करने के आरोप लगाये गये थे। इस बैठक में पुलिस थानों को दलाली का अड्डा बताते हुए 4 सितम्बर को थाना छपार का घेराव करते हुए पुलिस विभाग के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया गया था।

आज इसे वापस ले लिया गया है। गुरूवार को क्रांति शिवसेना की बैठक कार्यालय पर योगेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में ही बुलाई गयी। संचालन जिला महासचिव देवेन्द्र चैहान ने किया। इसमें बताया गया कि क्रांति शिवसेना के थाना छपार के घेराव की चेतावनी का संज्ञान लेकर एसएसपी ने छपार थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है। एसपी सिटी ने भी संगठन के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया और कहा कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। एसपी सिटी के इस आश्वासन पर क्रांति शिवसेना ने थाना छपार के घेराव और आंदोलन की घोषणा आज वापस ले ली है। योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि अब यह घेराव नहीं किया जायेगा। बैठक में डा. योगेन्द्र शर्मा के अलावा नरेन्द्र पंवार, शरद कपूर, देवेन्द्र चैहान, राजेश शर्मा व शैलेन्द्र शर्मा मौजूद रहे। 

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