मुजफ्फरनगर। जनपद के गांव लुहारी खुर्द में मौसी के साथ रेप करने के बाद उसके भांजे की भी हत्या कर दिये जाने के सनसनीखेज मामले में अब 6 साल बाद अदालत का फैसला आया है, इसमें तीन आरोपियों को कोर्ट ने मंगलवार को संदेह का लाभ बताकर बरी कर दिया। पुलिस ने दावा किया था कि युवती की हत्या से पहले उसके साथ रेप किया गया है। जबकि उसके मासूम भांजे की हत्या करने के बाद उसके शरीर के अंग निकाले गये हैं। इसके बाद इस दलित युवती की हत्या के मामले की गूज देशभर में रही थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल क्षेत्र के गांव लूहारी खुर्द का है। यहां रहने वाली 19 वर्षीय दलित प्राची 19 दिसंबर 2017 को गन्ना छीलने के लिए पूर्व प्रधान के खेत पर गई थी। प्राची के साथ उसका 6 वर्षीय भांजा नवदीप भी चला गया था। दिन भर इंतजार के बाद रात को जब प्राची और उसका भांजा नहीं लौटे तो परिवार वालों को चिंता हुई। परिजन खोजबीन में जुट गए, लेकिन कुछ भी पता नहीं चल पाया। पुलिस में दोनों की गुमशुदगी दर्ज की थी। अगले दिन सुबह पूर्व प्रधान तेजवीर के खेत से दोनों के शव बरामद हुए थे।
पुलिस ने 19 वर्षीय प्राची और भांजे नवदीप की हत्या का मुकदमा अज्ञात के ऊपर दर्ज किया था। जांच में सामने आया था कि गर्दन काटकर हत्या से पहले प्राची का रेप किया गया था। दाईं आंख, हाथ और अन्य कई अंग नवदीप के शरीर से गायब मिले थे।
पुलिस ने इस मामले में आरोपी शराफत उर्फ फद्दड़ को गिरफ्तार कर घटना की जानकारी हासिल कर ली थी। इसके बाद 25 दिसंबर को थाना भवन रोड पर गांव सिकंदरपुर के समीप सुबह के समय पुलिस की दो हत्यारोंपियों से मुठभेड़ हुई थी। पैर में गोली लगने से आरोपी मुकम्मल पुत्र शमशाद और जानू उर्फ जान आलम गिरफ्तार कर लिए गए थे। इनके कब्जे से मृतका का मोबाइल भी बरामद हुआ था। घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष एससी एसटी कोर्ट के जज रजनीश कुमार ने की। दोनों पक्ष की सुनवाई कर संदेह का लाभ देते हुए उन्होंने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया है।