शालू सैनी ने एक ही दिन में किये 3 अंतिम संस्कार

छपार और शहर कोतवाली पुलिस को मिले थे तीन लावारिस शव, साक्षी वैलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष ने निभाया मानवीय धर्म, अब तक 600 से ज्यादा लावारिस शवों की अंत्येष्टि कर चुकी शालू को मिल है इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड अवार्ड

Update: 2022-09-18 11:28 GMT
मुजफ्फरनगर। एक बेटी होने के बावजूद समाज में निडरता के साथ कार्य करते हुए लावारिस शवों की वारिस के रूप में मानवीय स्तर पर पहचान बनाने वाली समाजसेविका क्रांतिकारी शालू सैनी ने एक ही दिन में तीन लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हुए अपनी सेवा की मुहिम को आगे बढ़ाने का काम किया है। शालू सैनी को उसके द्वारा किये जा रही फीयरलैस वर्क के लिए इंडिया बुक आॅफ रिकार्ड ने भी अवार्ड प्रदान किया है। इसके बाद शालू सैनी ने गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए आवेदन किया है, जिसमें टीम द्वारा उनके कार्य को लेकर यहां से जानकारी जुटाई गयी है। शालू सैनी अब तक करीब 600 से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करा चुकी हैं, साथ ही व अंतिम क्रिया के बाद अस्थि विसर्जन का कार्य भी कर रही हैं। उनके इस कार्य को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने सलाम पेश करते हुए सम्मानित किया है।


समाजसेवा के लिए महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और महिला सशक्तिकरण के लिए शालू सैनी द्वारा साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट नाम सामाजिक संस्था चलाई जाती है। इसके साथ ही शालू सैनी ने लावारिस शवों की वारिस बनकर समाज में एक नई पहचान बनाई है। उनके द्वारा मुजफ्फरनगर सहित आसपास के जनपदों में भी लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए कार्य किया जा रहा है। सनातन धर्म के अनुसार मान्यता है कि श्मशान में महिलाओं का जाना वर्जित है, लेकिन धार्मिक और सामाजिक बंदिशों को पीछे छोड़कर शालू सैनी पिछले तीन वर्षाे से लगातार श्मशान घाट पहुंचती रही हैं। इसके पीछे उनका उद्देश्य मानवीय धर्म का पालन करना रहा है। वह श्मशान घाट जाकर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार अपने हाथों से करती हैं। कोरोना संक्रमण जैसी महामारी के दौरान जब लोगों ने अपनों से दूरी बनाई तो उस दौरान भी लावारिस शवों का अंतिम संस्कार व् अस्थि विसर्जन करने से शालू सैनी के मकसद को कोई डिगा नहीं पाया। अंतिम संस्कार करने में असमर्थ परिवारों के लिए भी शालू सैनी और उनकी टीम एक बड़ा सहारा बनी हुई हैं।


शालू सैनी ने बताया कि 17 सितंबर को उनके द्वारा अपनी टीम के साथ मिलकर 3 लावारिस शवों के अंतिम संस्कार अपने हाथों से किये। उन्होंने बताया कि उनको इन शवों के अंतिम संस्कार के लिए थानों से सूचना मिली थी। इसमें दो डेड बाॅडी शहर कोतवाली से थी और एक लावारिस शव छपार थाने से था। दोनों थानों से पुलिसकर्मी इन तीनों शवों को लेकर भोपा रोड नई मंडी श्मशान घाट पर लेकर पहुंचे थे। यहां पर शालू सैनी ने अपने टीम सदस्यों और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर अपनों हाथो से पूर्ण विधि विधान के साथ इन तीनों लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया। शालू सैनी सामाजिक संस्था साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्टीय अध्यक्ष है और गांव गांव उनके द्वारा महिलाओं युवतियों के लिए अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी टीम के साथ मिलकर पिछले 3 वर्षाे के लावारिस शवों का अंतिम संस्कार व् अस्थि विसर्जन करती आ रही है । लगातार प्रशासन और आम जनमानस द्वारा इस तरह की सूचना उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने इस पुनीत कार्य में समाज से पूर्ण सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी लावारिस शव के अंतिम संस्कार के लिए उनसे मोबाइल नम्बर 8273189764 पर सम्पर्क किया जा सकता है। शवों के अंतिम संस्कार के दौरान उनकी टीम के सदस्य राजू सैनी, मंगलेश प्रजापति, राजीव सिंघल, रविंद्र शर्मा, विनय बिंदल आदि शामिल रहे।


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