महिला सुरक्षा को लेकर राज्यों को केद्र ने जारी की एडवाइजरी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को विस्तृत गाइड लाइन जारी करते हुए कहा है कि वह महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज करने में कोताही ना की जाए।

Update: 2020-10-10 07:24 GMT

नई दिल्ली। हाथरस गैंगरेप और मर्डर कांड तथा लगातार आ रहे महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को विस्तृत गाइड लाइन जारी करते हुए कहा है कि वह महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज करने में कोताही ना की जाए। 

केंद्र सरकार ने जारी दिशा निर्देशों में काहा कि महिला उत्पीडन के हर मामले में अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज की जाए। इसके अलावा आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के प्रावधानों का राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। गृह मंत्रालय ने महिला अपराध के मामलों में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा है कि अगर अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ है तो कानून में जीरो एफआईआर दर्ज करने के प्रावधान के तहत अमल किया जाए। सरकार का कहना है कि ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज न करने पर अधिकारी को भी सजा का प्रावधान है। दूसरी ओर गैंगरेप से जुड़े मामलों में गृह मंत्रालय ने एक आॅनलाइन पोर्टल बनाकर ऐसे मामलों की माॅनिटरिंग शुरू की है। यह भी निर्देश दिया गया है कि बलात्कार या यौन शोषण मामलों की सूचना मिलने पर सीआरपीसी के सेक्घ्शन 164-। के अनुसार 24 घंटे के भीतर पीड़िता की सहमति से उनकी मेडिकल जांच कराई जाएगी ऐसे मामलों में इंडियन एविडेंस ऐक्ट की धारा 32(1) के अनुसार मृत व्यक्ति का बयान जांच में अहम तथ्य होगा। फोरेंसिंक साइंस सर्विसिज डायरेक्टोरेट द्वारा बनाई गई नियमावली के अनुसार रेप मामलों में फोरेंसिंक सबूत इकट्ठा करने, स्टोर करने की गाइडलाइंस का भी पालन करने को कहा गया है।

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