कानपुर. हाल में यूपी राज्य परिवहन निगम के चेयरमैन और वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कथित धर्मांतरण को प्रेरित करने वाले वीडियो वायरल होने के बाद शासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा की अध्यक्षता वाली एसआईटी मामले की जांच धर्मांतरण और धर्म प्रचार के एंगल से करेगी. SIT प्रमुख बुधवार को कानपुर भी जा सकते हैं. इस बीच कानपुर के एक शख्स ने इफ्तिखारुद्दीन पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है. आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन मामले की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए गए है. मामले की जांच धर्मांतरण और धर्म प्रचार के एंगल पर होगी. एसआईटी प्रमुख जीएल मीणा ने उनके तीनों वायरल वीडियो को मंगाकर देखा है. इसके बाद उन्होंने एडीजी कानपुर भानु भास्कर से फोन पर बात भी की. फ़िलहाल भानु भास्कर नवोदय विद्यालय जांच के मामले में मैनपुरी गए हैं वे आज कानपुर लौटेंगे। उसके बाद इस मामले की जांच में भी तेजी आएगी.
उधर वरिष्ठ आईएस इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो सामने आने के बाद कानपुर के कल्याणपुर निवासी निर्मल कुमार नाम का एक शख्स सामने आया है, जिसका दावा है कि तत्कालीन कानपुर जोन के कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन और उसके आदमियों ने बस्ती के लोगों पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला था. निर्मल कुमार ने बताया की मेट्रो के डीपीआर में तत्कालीन कमिश्नर ने गलत तरीके से लोगों की जमीन शामिल करवा ली और जब पीड़ित उनसे मिलने पहुंचे तो इफ्तिखारुद्दीन ने पीड़ित लोगों को कमिश्नर की लिखी एक किताब देकर इस्लाम धर्म अपनाने को कहा था और लालच दिया था कि इसके बाद उनकी जमीन वापस मिल जायेगी.