MUZAFFARNAGAR-पीएम आवास में 79 ने किया पैसा लेने से इंकार
पीएम आवास योजना शहरी में कर्टेलमेंट डीपीआर की जांच को लेकर पालिका ने बढ़ाया कदम, फर्जी मिले फोन नम्बर, भौतिक सत्यापन के कारण रूका नई डीपीआर का काम, जांच के बाद सूडा को भेजा जायेगा कर्टेलमेंट डीपीआर का रिकार्ड
मुजफ्फरनगर। गरीब परिवारों को अपना आशियाना बनाने के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में मिलने वाली ढाई लाख रुपये की सहायता के लिए लोग दर-दर भटकते हुए नजर आ ही जाते हैं, लेकिन इस योजना में सर्वेयर कंपनी ने दावा किया है कि नगर पालिका क्षेत्र में पीएम आवास योजना शहरी में आवेदन करने वाले 79 लोगों ने योजना का पैसा लेने से इंकार कर दिया है। अब इनको कर्टेलमेंट डीपीआर में डालकर इसका सत्यापन कराने की नगरपालिका परिषद् से मांग सर्वेयर कंपनी की ओर से की गई है ताकि इसका निस्तारण होने के बाद पीएम आवास के नये आवेदकों की डीपीआर बनाकर स्वीकृति के लिए भेजी जा सके, लेकिन अपात्र ठहराये गये इन 79 लोगों की सूची में ही गड़बड़ी मिली है। जांच में कई आवेदकों के फोन नम्बर फर्जी पाये गये हैं, जिसके बाद पालिका की ओर से सूची का भौतिक सत्यापन कराये जाने का निर्णय लेते हुए सर्वेयर कंपनी से भी एक कर्मचारी की मांग की गयी है।
बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को अपना पक्का आवास बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी चलाई जा रही है। इसमें केन्द्र सरकार की ओर से पात्र आवेदक को मकान बनाने के लिए ढाई लाख रुपये की सहायता दी जाती है। पहली किस्त में 50 हजार, दूसरी में डेढ़ लाख और तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद त्रिस्तरीय जांच होती है। इसमें नगर पालिका, तहसील और डूडा की ओर से सर्वेयर कंपनी के कर्मचारी जांच करते हैं। जिले में सात हजार लोगों ने आवास के लिए आवेदन कर रखा है, जो लम्बित चल रहे हैं, ऐसे में नई डीपीआर बनाने की कवायद भी शुरू की जा चुकी है। नये आवेदनों के निस्तारण में पहले लोकसभा चुनाव की बाधा आ गई तो अब नई डीपीआर बनाने में कर्टेलमेंट डीपीआर की जांच ने रोडा अटका दिया है।
पीएम आवास योजना में डूडा के साथ काम कर रही सर्वेयर कंपनी के जिला समन्यक ब्रज देव ने बताया कि सभी नगरीय क्षेत्रों से बनी कर्टेलमेंट डीपीआर की जांच और स्वीकृति के बाद ही नई डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। कर्टेलमेंट डीपीआर में वो आवेदक शामिल हैं, जिनके द्वारा योजना में आवेदन स्वीकार होने के बाद पैसा लेने से इंकार कर दिया है। इनको अपात्रता की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र में कुल 4659 आवेदक इस कर्टेलमेंट डीपीआर में शामिल किये गये हैं, जोकि 2107 से 2024 तक के हैं। इनमें से 4580 पात्र पाये गये हैं तो वहीं 79 आवेदकों को अपात्रता की श्रेणी में रखा गया है। ब्रज देव ने बताया कि कर्टेलमेंट डीपीआर में शामिल शहरी क्षेत्र के इन 79 अपात्र आवेदकों की जांच के लिए नगरपालिका परिषद् को पत्रावली भेजी गई है। इसमें पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कर अधीक्षक नरेश शिवालिया को सूची का सत्यापन कराकर जल्द जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
नगरपालिका के कर अधीक्षक नरेश शिवालिया ने बताया कि पीएम आवास योजना के अन्तर्गत सर्वेयर कंपनी के जिला समन्वयक ब्रज देव की ओर से कर्टेलमेंट डीपीआर की पत्रावली पालिक को 79 अपात्रों की जांच करने के लिए दी गई थी। ईओ के आदेश के अन्तर्गत इन अपात्रों की सूची का अवलोकन करते हुए जांच प्रारम्भ कराई गयी है। इसमें दिये गये कई फोन नम्बरों पर आवेदकों से सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया, लेकिन सूची में दिये गये कई मोबाइल नम्बर फर्जी पाये गये हैं। ऐसे में फोन पर किसी से सम्पर्क नहीं हो पाने के कारण भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए लाइसेंस पटल पर कार्यरत बीसी सोनू मित्तल को लगाया गया है। सर्वेयर कंपनी से अपात्रों के पते की जानकारी के लिए एक कर्मचारी देने की भी मांग की गई है। अभी सर्वेयर कंपनी के द्वारा अपना कर्मचारी नहीं दिया गया है, जिस कारण भौतिक सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है। जल्द ही सत्यापन कराकर रिपोर्ट ईओ को प्रेषित कर दी जायेगी।