मीरापुर-हिंदू बूथों पर चला मिथलेश का जादू, सुम्बुल को भी हर बूथ पर मिला वोट, देखें बूथवार लिस्ट....

इस चुनाव में बसपा की मौजूदगी के बावजूद भी दलित वोटरों ने मायावती के हाथी को नकारने का काम किया और दलित वोटों का बंटवारा आसपा व रालोद के बीच हो गया।

Update: 2024-11-24 11:04 GMT

मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा सीट पर 20 नवम्बर को हुए मतदान के दिन सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा व उनकी पार्टी के नेताओं सहित विपक्षी दलों और खुद भाजपा रालोद गठबंधन में चुनाव लड़कर विधायक बनी रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने वोट नहीं डालने दिए जाने के आरोप लगाये थे, लेकिन मतदान के बाद आये परिणाम और अब बूथों पर प्रत्याशियों को मिले वोटों के आंकड़े ने इन आरोपों की सारी पोल खोलकर रख दी है।

सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा को मीरापुर विधानसभा सीट के 328 बूथों में सभी बूथ पर वोट मिला। यहां तक की उनको विशुद्ध रूप से हिंदू वोटरों के बूथों पर भी सपा की साइकिल के निशान पर वोट मिली, तो हिंदू बाहुल्य बूथों पर रालोद के टिकट पर भाजपा का हाथ थामकर चुनाव मैदान में उतरी मिथलेश पाल का जादू एकतरफा चला। बसपा के दलित मुस्लिम समीकरण को मुस्लिमों के साथ ही दलित वोटरों ने नकारा है, कुछ ऐसी ही चुगली बूथों पर पड़े वोटों के बंटवारे ने कर दी है। दलितों में बसपा के हाथी के बजाये आसपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर की केतली का ज्यादा प्रभाव नजर आया।

इस चुनाव में सपा की सुम्बुल राणा को आठ बूथों पर 10 से कम वोट मिली, इनमें सबसे कम 4 वोट उनको दलित बाहुल्य वोटरों के बूथ संख्या 28 हरिजन बारात घर निरगाजनी में मिली, तो वहीं रालोद प्रत्याशी मिथलेश को सात बूथों पर 10 से कम वोट मिली। इनमें सबसे कर 3 वोट उनको ककरौली के बूथ संखय 185 पर मिली हैं। सुम्बुल राणा 328 में से केवल एक बूथ संख्या 53 इंटर कॉलेज भोकरहेडी पर ही 514 मत मिले, इसके बाद सर्वाधिक 499 वोट उनको बूथ संख्या 271 किथौडा में मिले हैं। उनका आरोप था किथौडा में सपा के वोटरों को वोट डालने नहीं दिया जा रहा है। गांव गादला का बूथ संख्या 04 ऐसा रहा है, जहां मतदाताओं ने प्रत्याशियों के साथ इंसाफ किया। यहां सुम्बुल और मिथलेश को 216-216 और आसपा के जाहिद व औवेसी के अरशद को 47-47 बराबर मत मिले। बसपा के शाहनजर को 4 मत प्राप्त हुए।

इस चुनाव में बसपा की मौजूदगी के बावजूद भी दलित वोटरों ने मायावती के हाथी को नकारने का काम किया और दलित वोटों का बंटवारा आसपा व रालोद के बीच हो गया। इसमें अधिकांश वोटर आसपा काशीराम के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद के साथ खड़े नजर आये। दलित बाहुल्य बूथ संख्या 28 निरगाजनी में बसपा के शाहनजर को कुल 12 वोट ही मिली, जबकि आसपा के जाहिद को यहां सर्वाधिक 227 वोट मिली। रालोद की मिथलेश पाल के पक्ष में भी 107 वोट पड़े और एआईएमआईएम के अरशद भी 01 वोट ले गये। वहीं मुस्लिम वोटरों की बाहुलता वाले बूथों पर औवेसी फैक्टर ने सपा की सुम्बुल को घातक नुकसार पहुंचाया। बूथ संख्या 185 ककरौली में सपा को 260 तो एआईएमआईएम के प्रत्याशी को 314 वोट मिली। इसी प्रकार बूथ संख्या 215 निजामपुर में सपा की सुम्बुल को 401 और औवेसी के प्रत्याशी अरशद को 109 वोट मिली। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सपा के खिलाफ आसपा के जाहिद और औवेसी के अरशद लगातार वोटों का बंटवारा करते रहे, जबकि हिंदू बाहुल्य क्षेत्र के बूथों पर एकतरफा वोट मिथलेश पाल को पड़ा, उसमें केवल दलित मतदाताओं को छोड़कर दूसरी जाति में कोई बिखराव या बंटवारा नजर आया है। इसे मुख्यमंत्री योगी के बंटोगे तो कटोगे के नारे का असर माना जा रहा है। वहीं मुस्लिम वोटों की बंदरबांट ही सपा की हार का मुख्य कारण बनी नजर आ रही है। 

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