MUZAFFARNAGAR-कृषि मण्डी समिति ने दबाये पालिका के दो करोड़
कई साल से चला आ रहा बड़ा बकाया, राजस्व वसूली में पालिका भी बनी लापरवाह, चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने शुरू की मण्डी समिति से बकाया वसूलने की कवायद
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के अफसर अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाह बने हुए हैं। ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया है। टैक्स की बकाया रकम वसूलने में कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है, यही कारण है कि करोड़ों रुपया लोग पालिका का दबाये बैठे हैं, ये पैसा निकाला जाये तो शहर में विकास कार्यों से चार चांद लगाये जा सकते हैं। ऐसे ही एक विभाग पर पालिका के दो करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स बकाया चल रहा है, लेकिन टैक्स विभाग के अफसर और कर्मचारी लापरवाही की ऊंघ ले रहे हैं। यह मामला पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के सामने आया तो उन्होंने यह पैसा निकलवाने की कवायद करते हुए टैक्स विभाग को निर्देश जारी किये हैं।
कृषि उत्पादन मण्डी समिति नवीन मण्डी स्थल कूकड़ा पर प्रत्येक वर्ष नगरपालिका परिषद् हाउस और वाटर टैक्स वसूलती है। इसमें घरेलू और व्यवसायिक भवनों दोनों से यह टैक्स वसूला जाता है। इसके लिए एकमुश्त भुगतान कृषि उत्पादन मण्डी समिति के द्वारा किया जाता है। लेकिन पिछले कई वर्षों से पालिका के टैक्स का भुगतान कृषि उत्पादन मण्डी समिति के द्वारा टुकड़ों में किये जाने के कारण समिति पर पालिका के राजस्व के रूप में करीब 2.10 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया चल चल रहा है। इसको वसूलने के लिए पालिका के स्तर से कोई भी गंभीर कदम नहीं उठाया गया है। इसी कारण दो करोड़ से ज्यादा का राजस्व ठण्डे बस्ते में पड़ा हुआ है। इसकी जानकारी पिछले दिनों चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को कुछ व्यापारियों के द्वारा दी गई तो उन्होंने इस पर हैरत जताते हुए यह पैसा वसूलने की कवायद भी की। इसके लिए उन्होंने टैक्स विभाग को निर्देशित किया है।
सूत्रों के अनुसार कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा हाल ही में 20 लाख रुपये टैक्स राजस्व के रूप में पालिका को भुगतान किया है। इसके बावजूद भी दो करोड़ रुपये से अधिक का बकाया मण्डी समिति पर चल रहा है। मण्डी समिति के सूत्रों का कहना है कि पूर्व में करीब 40 लाख रुपया वार्षिक टैक्स के रूप में पालिका को भुगतान किया जाता था, लेकिन बीच में पालिका ने टैक्स बढ़ाते हुए पालिका पर डेढ़ करोड़ रुपये का बिल जारी किया तो भुगतान रूक गया। इसके बाद फिर पालिका से पांच करोड़ रुपये का बिल जारी करते हुए रकम की मांग की गई। इसके बाद मण्डी समिति की ओर से बिल में संशोधन करते हुए टैक्स कम करने का आग्रह किया गया। बताया गया कि वर्तमान में करीब 80 लाख रुपये वार्षिक टैक्स के रूप में मण्डी समिति की ओर से भुगतान किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पूरा भुगतान नहीं किया गया है। मण्डी समिति के सचिव कुलदीप मलिक का कहना है कि पालिका का कुछ राजस्व समिति की ओर बकाया चल रहा है, लेकिन वो नये आये हैं और एक अगस्त को ही उनकी यहां पर पोस्टिंग हुई है तो इसकी पूरी जानकारी उनको नहीं है।
पालिका के कर अधीक्षक नरेश शिवालिया का कहना है कि करीब 70 लाख रुपये वार्षिक टैक्स के रूप में कृषि उत्पादन मण्डी समिति का बिल बनता है। उन पर पूर्व में 1.70 करोड़ रुपये बकाया चल रहे थे, इसमें से 20 लाख रुपये पार्ट पेमेंट के रूप में जमा कराये गये हैं। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 का बिल अलग से बकाया चल रहा है। ऐसे में करीब 2.10 करोड़ रुपये का बकाया मण्डी समिति की ओर निकलता है। इसको लेकर वसूली की तैयारी की जा रही है। पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने बताया कि जानकारी में आया है कि कृषि उत्पादन मण्डी समिति नवीन मण्डी कूकड़ा पर पालिका प्रशासन का टैक्स के रूप में करीब दो करोड़ से ज्यादा का राजस्व बकाया चल रहा है। इतनी बड़ी रकम बकाया के रूप में फंस जाना निश्चित ही गंभीर मामला है। इसके लिए टैक्स विभाग से हमने रिपोर्ट तलब की है और अधिकारियों को इस राजस्व की वसूली के लिए प्रयास शुरू करने के लिए भी कहा है। चेयरपर्सन ने कहा कि अपना पैसा पाने के लिए हम कृषि उत्पादन मण्डी समिति के सभापति सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को भी पत्राचार करेंगे। इस पैसे से मण्डी समिति के आसपास के विकास की रूपरेखा बनाई जायेगी।