मुजफ्फरनगर लोकसभा-2019 में फेल हो गए थे सभी एग्जिट पोल
अब चुनाव परिणाम को लेकर फिर से तेज हुआ चर्चाओं का दौर, पांच साल पहले एग्जिट पोल में मानी गई थी बालियान की पराजय, परिणाम आये तो अजित सिंह को मात दे चुके थे संजीव बालियान, इस बार भी चौंका सकता है लोकसभा सीट का चुनाव परिणाम
मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव 2024 में अब अंतिम चरण के मतदान के लिए सभी तीर-तरकश तैयार हो चुके हैं। गुरूवार को अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार पर ब्रेक लग गया है। ऐसे में इस चरण के मतदान की तैयारियों के बीच ही इस बार मोदी सरकार या बदलाव की बयार को लेकर चर्चाओं का दौर फिर से शुरू हो चुका है। मुजफ्फरनगर संसदीय सीट पर जीत और हार को लेकर शर्त और दावों का दौर चलने लगा है। ऐसे में पिछले चुनाव परिणामों को लेकर भी चर्चा जोर पकड़ रही है। 2024 में इस सीट पर इस बार भी कुछ लोगों के द्वारा संजीव बालियान की हार का दावा किया जा रहा है, ऐसा ही कुछ दावा 2019 में भी लोग कर रहे थे और चुनाव के बाद आये लगभग अशिकांश एग्जिट पोल में संजीव बालियान की हार दिखाई गई थी, लेकिन जब परिणाम आये तो सभी चौंक गये थे और संजीव बालियान चौ. अजित सिंह जैसे दिग्गज नेता को पराजित करते हुए दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए थे। कुछ ऐसे ही अप्रत्याशित परिणाम की उम्मीद इस बार भी लगाई जा रही है।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मुजफ्फरनगर जनपद में पहले चरण में 19 अपै्रल को मतदान संपन्न हो चुका है। ऐसे में अब एक जून को अंतिम और सातवें चरण का मतदान होने जा रहा है। इसी दिन शाम को लोकसभा चुनाव में जीत और हार का एक परिदृश्य एग्जिट पोल के रूप में जनता के सामने आने वाला है। इसी एग्जिट पोल के सहारे चुनाव परिणाम की धुंधली तस्वीर कुछ हद तक साफ होने लगती है। इस एग्जिट पोल और इसके बाद चार जून की मतगणना का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। मुजफ्फरनगर जनपद में बिजनौर और मुजफ्फरनगर लोकसभा सीटों में छह विधानसभा के वोटर विभाजित हैं। मुजफ्फरनगर संसदीय सीट पर हुए चुनाव के बाद परिणामों ने हर बार चौंकाने का काम किया है। इस बार भी कुछ ऐसे ही परिणाम की उम्मीद लोगों को हो रही है।
एग्जिट पोल की बात करें तो ये पहले भी फेल होते रहे हैं। 2019 में भी मुजफ्फरनगर संसदीय सीट के साथ ही बिजनौर और सहारनपुर के साथ ही वेस्ट यूपी की कई सीटों पर चुनाव परिणाम एग्जिट पोल के दावों के विपरीत सामने आया था। कैराना सीट पर एग्जिट पोल का आंकलन सटीक रहा था। मुजफ्फरनगर संसदीय सीट के परिणाम की बात करें तो 2019 में यहां पर हुए मतदान को लेकर सामने आये अधिकांश एग्जिट पोल में भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान की पराजय का दावा किया गया था। उनके सामने रालोद प्रत्याशी के रूप में सम्पूर्ण विपक्षी गठबंधन से पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौ. अजित सिंह मैदान में उतरे थे। एग्जिट पोल में किये गये संजीव बालियान की हार के दावों पर परिणाम भारी पड़ गया था। यहां पर अजित सिंह के सामने संजीव बालियान ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कराई थी। साल 2019 के मुजफ्फरनगर लोकसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे थे। अधिकतर एग्जिट पोल में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह की जीत बताई जा रही थी, लेकिन डॉ. संजीव बालियान ने पांच लाख 73 हजार 780 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। जबकि चौ. अजित सिंह को पांच लाख 67 हजार 254 वोट मिले थे। इस तरह जीत का अंतर सिर्फ 6526 रहा था। इस चुनाव में 5110 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था।
ऐसे ही एग्जिट पोल के दावों की हवा बिजनौर सीट भी निकल गई थी। मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर और पुरकाजी विधानसभा सीट बिजनौर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैं। बिजनौर लोकसभा सीट पर 2019 में गठबंधन से बसपा प्रत्याशी मलूक नागर 561045 मत पाकर विजेता बने थे। उन्होंने 69941 वोटों से भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह को हराया था। भारतेंद्र सिंह को कुल 491104 वोट मिले थे। इस सीट पर एग्जिट पोल भाजपा की जीत दिखा रहे थे, लेकिन परिणाम इसके उलट रहा। इस बार बिजनौर सीट पर भाजपा के गठबंधन में रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान की जीत की संभावना जताई जा रह है। साल 2009 में भाजपा के गठबंधन में रालोद के टिकट पर चंदन के पिता संजय चौहान भी सांसद निर्वाचित हुए थे। कैराना सीट पर इस बार चौंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं। यहां पर 2019 में एग्जिट पोल सही साबित हुआ था। कैराना लोकसभा सीट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकतर एग्जिट पोल में भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी की जीत बताई जा रही थी। उनके सामने सपा से तसब्सुम हसन चुनाव मैदान में थीं। प्रदीप चौधरी ने पांच लाख 66 हजार 961 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की थी, जबकि सपा की तबस्सुम हसन ने 474801 ने मत प्राप्त किए थे। जीत का अंतर 92160 रहा था।