जबरन अंतिम संस्कार सुबूत मिटाने की कोशिशः अखिलेश यादव

अखिलेश ने कहा कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है। ऐसा करके भाजपा सरकार ने पाप भी किया है और अपराध भी।

Update: 2020-09-30 06:39 GMT

लखनऊ। परिवार की मर्जी के बगैर दाह संस्कार किए जाने को लेकर विपक्ष ने पुलिस और सरकार पर हमला करते हुए सरकार पर तमाम आरोप लगाए हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है। ऐसा करके भाजपा सरकार ने पाप भी किया है और अपराध भी।

सपा मुखिया ने ट्वीट किया कि-हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड' में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है। ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है। भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी।

गैंगरेप पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी मर्जी से अंतिम संस्कार किया है। उसने कहा कि पुलिस ने जबरन उन्हें शव को श्मशान स्थल तक ले जाने के लिए मजबूर किया। हमने कहा कि हम सुबह में अंतिम संस्कार करेंगे। लेकिन पुलिस नहीं मानी। उन्होंने आगे कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को फांसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें लोकल पुलिस पर भरोसा नहीं है। परिवार के इन आरोपों से डीएम ने इनकार किया है। हाथरस के डीएम ने कहा कि पीड़िता का अंतिम संस्कार परिवार की सहमति के बगैर किया गया, यह पूरी तरह से गलत है।

Similar News