शारदेन स्कूल में बसंत पंचमी की धूम

विद्यालय में मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर सरस्वती वंदना की गई, पूजा अर्चना के बाद के सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।

Update: 2024-02-14 11:30 GMT

मुजफ्फरनगर। शारदेन स्कूल के प्रांगण में बसंत पंचमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम विद्यालय में मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर सरस्वती वंदना की गई व विद्यालय में हवन का आयोजन किया गया। हवन में प्रधानाचार्य, डायरेक्टर, अध्यापकों एवं छात्रों ने मंत्र उच्चारण करते हुए हवन में सामग्री की आहुति दी। छात्रों के द्वारा बसंत पंचमी के महोत्सव पर समूह गान प्रस्तुत किया गया और मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। सभी छात्र पीले रंग के वस्त्र पहनकर विद्यालय में आए और अपने आप को प्रसन्नता महसूस की। पूजा अर्चना के बाद के सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।


माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन से ही वसंत ऋतु का आगमन हो जाएगा। इस दिन सम्पूर्ण विधि विधान से मां सरस्वती के पूजन करने का विधान है। लेखक, कवि, संगीतकार और विद्यार्थी सभी सरस्वती की प्रथम वंदना करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके भीतर रचना की ऊर्जाशक्ति उत्पन्न होती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पीले रंग का भी विशेष महत्व बताया गया है। वसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ या किसी भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम माना जाता है।


प्रधानाचार्य श्रीमती धारा रतन जी के द्वारा सरस्वती जी के बारे में बताते हुए पीले रंग के महत्व को समझाया गया। पीला रंग अहिंसा, प्रेम, आनंद और ज्ञान का प्रतीक है। श्री विष्णु और उनके अवतारों को पीताम्बर धारण करवाने का यह प्रमुख कारण है। यह रंग सौंदर्य और आध्यात्मिक तेज को तो निखरता ही है,साथ ही पीले वस्त्र धारण करने से देव गुरु वृहस्पति भी प्रसंन होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना गया है। वसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण होता है, सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली होती जाती है। 

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