RAMLEELA---भोला शंकर बने मदारी, डमरू दशरथ द्वार बजायो
श्री आदर्श रामलीला पटेलनगर में श्रीराम जन्म की भव्य लीला का मंचन, जादू शो देखकर रोमांचित हुए दर्शक
मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन समिति द्वारा पटेलनगर में प्रभु श्रीराम जन्म लीला का सुन्दर और भाव विभोर कर देने वाला मंचन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। मंचीय प्रस्तुतियों के कारण दर्शकों को भी अयोध्या जी में ही उपस्थिति का अहसास हुआ। श्रीराम ने जब अयोध्या में अपने तीनों भाईयों के साथ अवतार लिया तो दशरथ के महल से लेकर अयोध्या की गरीब कुटिया तक हर्ष और उल्लास के प्रकाश से रोशन हो गई। चारों ओर हर्ष का वातावरण बना, मिठाईयां और उपहार बांटे गये। इसी के साथ भगवान शंकर का भी वानर अवतार हुआ, तो भगवान भोलेनाथ राजा दशरथ के आंगन में छाई खुशियों में नाचने झूमने के लिए मदारी का स्वरूप लेकर अयोध्या पहुंच गये।
श्री आदर्श रामलीला भवन समिति पटेलनगर के 48वें श्री रामलीला महोत्सव के तीसरे दिन श्री राम जन्म लीला का स्थानीय कलाकारों के द्वारा भव्य मंचन करते हुए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया गया। लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व सभासद एवं आईआईए के पूर्व चेयरमैन विपुल भटनागर एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा भटनागर द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में विनय गुप्ता व सपना गुप्ता, विनीत गुप्ता मौजूद रहे। अतिथियों ने भगवान श्री गणेश, रामायण जी और श्री बांके बिहारी की आरती कर रामलीला मंचन का शुभारंभ किया। समिति के पदाधिकारियों ने अतिथियों को समृति चिन्ह और प्रसाद देकर सम्मानित किया।
कलाकारों ने सर्वप्रथम भगवान शिव के अनन्य भक्त भष्मासुर की तपस्या और वरदान तथा इसके पश्चात भगवान श्री विष्णु का मोहिनी अवतार और भष्मासुर के अंत की लीला का मंचन करते हुए रोमांच पैदा किया गया। कलाकारों ने इस लीला को अपने अभिनय से इतना सजीव बनाया कि सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। इसके बार त्रेतायुग में अवतार के लिए भगवान विष्णु और भगवान शंकर के बीच संवाद हुआ। भगवान शंकर ने विष्णु जी को कहा कि तुम बनोगे राम तो मैं हनुमान बनकर आऊंगा। इसके पश्चात पूरी लीला भगवान श्रीराम के जन्म अवतार की अप्रीतम कहानी पर आधारित रही। अयोध्या में निसंतानता के कारण व्याकुल सूर्यवंशी राजा दशरथ गुरू वशष्ठि के आश्रम में पहुंचकर संतान पाने का आशीर्वाद पाकर लौटते हैं। पुत्र येष्टि यज्ञ के बाद अयोध्या में चार राजकुमार के जन्म से हर्ष और उल्लास का वातावरण है। वहीं मारूति नंदन का भी जन्म होता है। चहुंओर खुशियां हैं। नामकरण संस्कार के बाद समय बीता और चारों राजकुमार युवा अवस्था को पहुंचकर अपने पिता राजा दशरथ के साथ राज दरबार में बैठने लगे है। लीला के समापन में वार्ड 33 की सभासद सीमा जैन की ओर से समर्पित दर्शक पुरस्कार के लिए विजेता के नाम का ऐलान किया गया। इस प्रतिस्पर्धा में काफी दर्शक शामिल रहे, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं। विजेता का नाम लक्की ड्रा के माध्यम से निकाला गया और भाग्यशाली दर्शक को रामलीला मंच पर पदाधिकारियों द्वारा चांदी का सिक्का प्रदान का सम्मानित किया गया।
रामलीला समिति के अध्यक्ष गोपाल चैधरी, मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, प्रमोद गुप्ता, धर्मेंद्र पंवार नीटू, मुख्य निर्देशक विजय मित्तल, पंकज शर्मा, निर्देशक अमित भारद्वाज, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन, ज्योति ऐरन, कामिनी भारद्वाज, मीना ऐरन, कन्दर्प ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश बंसल, अनिल गोयल, राकेश मित्तल, अंकुशल गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, अनुराग अग्रवाल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।