MUZAFFARNAGAR-अपनी शिकायतों पर भाजपा सभासद राजीव शर्मा ने जांच समिति को भेजा जवाब
नौ बिन्दुओं पर की गई शिकायत में डीएम द्वारा गठित जांच समिति ने शिकायतकर्ता से मांगे थे साक्ष्य, भाजपा सभासद ने जवाब में कहा-लिपिक ओमवीर सिंह की शिकायत पर जानबूझकर लटकाई गई जांच
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में फर्जी एफडीआर, ईओ को गाड़ी देना, कर्मचारियों द्वारा सेवा पुस्तिका अपने पास रखने सहित अन्य नौ मामलों में की गई शिकायत को लेकर कमिश्नर से लेकर जांच समिति तक सभी को शिकायतों के सम्बंध में जवाब भेजकर साक्ष्य उपलब्ध कराने का काम किया गया है। इसमें भाजपा सभासद ने कहा कि कुछ प्रकरण जांच के नाम पर जानबूझकर लटकाये गये हैं। लिपिक ओमवीर सिंह अब रिटायर होने के नजदीक हैं, ऐसे में जांच को देखते हुए उनके देयकों का भुगतान भी रोका जाये।
बता दें कि भाजपा सभासद राजीव शर्मा के द्वारा नगरपालिका परिषद् में फर्जी एफडीआर और ईओ को गाड़ी दिये जाने सहित अन्य नौ बिन्दुओं पर शासन और प्रशासन को शिकायत की गई थी। इसमें 23 फरवरी को शिकायत करते हुए फर्जी एफडीआर का प्रकरण भी उठाया गया था। इसी को लेकर कर्मियों द्वारा शपथ पत्र पर शिकायत नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया था तो सभासद राजीव शर्मा ने 26 जुलाई 2024 को कमिश्नर सहारनपुर से मिलकर शपथ पत्र पर नौ बिन्दुओं पर शिकायत दर्ज कराते हुए पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों पर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को गुमराह करते हुए वित्तीय अनियमितता करने के आरोप लगाकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। इसमें कमिश्नर सहारनपुर द्वारा 26 जुलाई को जिलाधिकारी को जांच कराकर निष्पक्ष कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। डीएम ने 27 अगस्त सभासद राजीव शर्मा की शिकायत पर एसडीएम सदर निकिता शर्मा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच सौंप दी थी।
एसडीएम द्वारा जांच दल के सदस्य अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड के साथ मिलकर इसमें लगातार जांच की जा रही है। एक्सईएन लोक निर्माण विभाग द्वारा सभासद राजीव शर्मा को 26 सितम्बर को पत्र जारी करते हुए शिकायतों के सम्बंध में साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए जवाब मांगा गया। इसको लेकर सभी नौ बिन्दुओं पर सभासद द्वारा जांच समिति सदस्य को साक्ष्यों के लिए भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसमें पहले ही बिन्दु में ईओ को गाड़ी उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को गलत बताते हुए कहा गया है कि यह गुमराह करके पारित कराया गया और अब एक गाड़ी के लिए करीब 90 हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा है। अभी तक 6.30 लाख का करीब सात माह का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यह नियम के खिलाफ है, इसके साक्ष्य के रूप में उन्होंने 80 के दशक में पालिका के ईओ रहे बीएम सिंह से गाड़ी रखने के लिए हुई वित्तीय रिकवरी की पत्रावलियां तलब करने का आग्रह किया।
इसके साथ ही सभासद राजीव शर्मा ने अपने जवाब में कहा कि लिपिक ओमवीर सिंह की व्यक्तिगत पत्रावली और सेवा पुस्तिका 30 मई 2024 को अधिष्ठान लिपिक की रिपोर्ट के आधार जलकल अभियंता सुनील कुमार द्वारा विभाग में अनुपलब्ध दर्शायी गई है, यह रिपोर्ट तलब की जाये। उन्होंने बॉडी वॉर्न और स्टिल कैमरों की खरीद सम्बंधी पत्रावली का विवरण और किस अधिकारी व कर्मचारी को कैमरे आवंटित हुए की सूची भी साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराई। सभासद ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि शिकायत के बाद लिपिक ओमवीर सिंह, लिपिक प्रवीण कुमार और बीसी विकास शर्मा ने पालिका अधिकारियों के उकसाने पर 23 जुलाई को ड्यूटी के समय में ही बिना पालिकाध्यक्ष की अनुमति के सभाकक्ष का ताला खोलकर बैठक कर उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए हड़ताल की चेतावनी दी गई। जबकि लिपिक प्रवीण कुमार की नियुक्ति फर्जी होने की शिकायत को लेकर पूर्व में जांच अधिकारी एसडीएम गजल भारद्वाज के द्वारा जांच की गई थी, इसकी भी पत्रावली व रिपोर्ट ईओ से तलब करने का सुझाव दिया गया है।
राजीव शर्मा ने जवाब में यह भी कहा कि उनके साथी सभासद मनोज वर्मा के खिलाफ राजवीर नामक व्यक्ति द्वारा की गई शिकायत में तथ्य छिपाये गये, इसकी भी जांच के लिए पत्रावली तलब की जाये। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्काली ईओ हेमराज सिंह ने एई निर्माण अखंड प्रताप के साथ मिलकर लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए पांच करोड़ का भुगतान कर वित्तीय अनियमितता की गई, इसकी भी पत्रावली तलब करने का आग्रह किया गया है। सभासद राजीव ने जांच समिति सदस्य से कहा कि लिपिक ओमवीर सिंह के खिलाफ कई गंभीर प्रकरणों में जांच चल रही है, वो 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में वो पालिका में रहते हुए ही अपने प्रभाव का प्रयोग कर अपने सभी देयकों के भुगतान की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में जांच पूरी होने तक उनके सभी प्रकार के देयकों के भुगतान पर रोक लगाई जाये ताकि कोई वित्तीय अनियमिता न होने पाये।
भाजपा सभासद राजीव शर्मा ने कहा कि वो कमिश्नर सहारनपुर को शपथ पत्र पर ही शिकायत कर चुके हैं, जिस पर डीएम ने जांच समिति गठित की, लेकिन वो इस बात से भौचक्के हैं कि जांच समिति सदस्य एक्सईएन लोक निर्माण विभाग द्वारा उनको 26 सितम्बर को पंजीकृत डाक से भेजे गये पत्र में फिर से शपथ पत्र पर शिकायत और शिकायत के सम्बंध में साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, जबकि शिकायत पर साक्ष्य जुटाने का कार्य जांच समिति का होता है। इसलिए फिर से जांच समिति और कमिश्नर मेरठ को शपथ पत्र पर शिकायत प्रेषित कर साक्ष्य और सुझाव दिये गये हैं।