MUZAFFARNAGAR-राशन की दुकानों पर जोर-जबरदस्ती की चाय पत्ती का ‘क्लाइमेक्स’
खाद्यान्न के साथ अपनी चाय की पत्ती बेचने को लेकर कोटेदारों के साथ कई गांवों में लोगों की झड़प, डीएसओ ने शुरू कराई जांच
मुजफ्फरनगर। दो जून की रोटी का इंतजाम करने के लिए गरीबों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निःशुल्क खाद्यान्न योजना बड़ा सहारा दे रही है, लेकिन यह खाद्यान्न पाने के लिए पात्रता के बावजूद भी गरीबों को जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, कभी कोटेदार से वो अपमानित होते हैं तो कभी कोटेदार की मनमानी पर अपना खाद्यान्न कटवा बैठते हैं। अब ऐसी ही मनमानी और हठधर्मी व्यवस्था में राशन कार्ड धारक परिवारों को जोर जबरदस्ती की चाय पत्ती खरीदने के लिए भी कोटेदारों द्वारा विवश किया जा रहा है। चाय की पत्ती की इस जबरदस्ती बिक्री का विरोध हुआ तो हंगामे के इस ‘क्लाइमेक्स’ पर जिला पूर्ति विभाग नींद से जागा और चाय पत्ती के प्रकरण पर जांच शुरू करा दी।
बता दें कि पिछले दिनों राशन कोटा लेने वाले उचित दर विक्रेताओं को खाद्यान्न वितरण के साथ ही आय के अन्य साधन उपलब्ध कराने के लिए शासन ने अन्य खाद्य सामग्री की बिक्री करने की अनुमति भी दी थी। इसमें कोई भी कोटेदार अपने स्तर से खाद्य सामग्री बाजार से खरीदकर उसको अपनी दुकानों पर बेचने का हकदार बन गया, लेकिन इस अधिकार का कोटेदारों द्वारा मनमाने ढंग से इस्तेमाल करते हुए राशन कार्ड धारक गरीब परिवारों का उत्पीड़न किया जा रहा है। निःशुल्क खाद्यान्न लेने के लिए पहुंचने वाले कार्ड धारकों से जोर जबरदस्ती करते हुए उचित दर विक्रेता अपना सामान भी खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं। ऐसा ही मामला शुक्रवार को उजागर हुआ। जिले के कई गांवों में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण योजना के तहत कोटेदारों ने गेहूं और चावल देने का काम किया, सवेरे खाद्यान्न लेने पहुंचे लोगों को कोटेदार ने 50 रुपये में चाय पत्ती का पैकेट खरीदने की शर्त पर ही खाद्यान्न देने की बात कही, चाय पत्ती न लेने पर ढाई किलोग्राम खाद्यान्न काटा जाने लगा तो हंगामा होने लगा। अधिकांश लोगों ने कोटेदारों की मनमानी को कबूल करते हुए चार की पत्ती का पैकेट खरीद लिया।
इसी बीच सदर ब्लॉक के गांव लछेडा में लोगों ने कोटेदार के खिलाफ भारी हंगामा कर दिया। आरोप लगाया कि पूर्ति निरीक्षक की शह पर कोटेदारों ने अपना सामान जबरन बेचने का धंधा शुरू कर दिया है। यहां ग्रामीणों ने बताया कि उनको निम्न गुणवत्ता वाली ‘क्लाइमेक्स’ नाम की चाय पत्ती जबरन बेची जा रही है। एक पैकेट के लिए 50 रुपये का भुगतान लिया जा रहा है। लछेड़ा के ग्रामीणों ने इसी को लेकर हंगामा किया। उनका कहना है कि कोटेदार जबरदस्ती चाय की पत्ती खरीदने का दबाव बना रहा है। चाय पत्ती नहीं लेने पर ढाई किलो राशन कम दिया गया। विरोध किया तो अभद्रता की जाती है। कोटेदार का कहना है कि खाद्यान्न के साथ चाय की पत्ती बेचने के ऑर्डर सरकार ने दिये हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनको एक यूनिट पर पांच किलो खाद्यान्न तो निःशुल्क दिया जा रहा है, लेकिन चाय की पत्ती वो 50 रुपये में मन मारकर खरीदने को विवश हो रहे हैं। इसके साथ ही जिले के कई अन्य गांवों के साथ ही शहर के कई कोटेदारों की शिकायत मिली है। लोगों ने कई स्थानों पर हंगामा कर चाय पत्ती बेचने का विरोध भी किया।
जिला पूर्ति अधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि उनको आज सवेरे ही ये शिकायत मिली थी कि कुछ कोटेदार खाद्यान्न वितरण के दौरान जबरन कार्डधारकों को चाय की पत्ती की बिक्री कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोटेदारों की आय बढ़ाने के लिए शासन ने यह व्यवस्था दी है कि वो अपने यहां पर पांच किलो का गैस सिलेंडर, नमक, दाल, छोले, इंटरनेट कनेक्शन और चाय की पत्ती बेचने के साथ ही सीएससी भी चला सकते हैं, लेकिन सामान बेचने के लिए जोर जबरदस्ती करना गलत है। स्वेच्छा से जो सामान ले उसको बेचा जायेगा। लछेड़ा की शिकायत मिलने पर तत्काल ही पूर्ति निरीक्षक को जांच के लिए मौके पर भेजा गया है। शहर में भी शिकायत मिली, जांच कराई जा रही है। यदि कोटेदारों पर जबरन चाय पत्ती बेचने या खाद्यान्न कम देने के आरोप साबित होते हैं तो कार्यवाही की जायेगी।