PALIKA--कंपनी कर्मचारियों ने की हड़ताल, नहीं हुआ डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन

एमआईटूसी कंपनी द्वारा वार्डों में लगे सुपरवाइजरों का वेतन रोकने के फैसले के विरोध में कर्मचारियों ने किया काम बंद;

Update: 2025-01-19 10:24 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के साथ शहर के 55 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने का कार्य कर रही एमआईटूसी कंपनी में फिर से हड़ताल हो जाने के कारण रविवार को शहर में घर-घर से कूड़ा उठान नहीं हो पाया। सवेरे के समय कंपनी के प्राइमरी जोन में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कर्मचारियों ने सुपरवाइजरों का वेतन रोके जाने के विरोध में भोपा रोड स्थित पार्किंग पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और वाहनों का चक्का जाम कर दिया। कंपनी के लोगों ने वार्ता कर समझाया, लेकिन बिना वेतन दिए काम पर निकलने से इंकार कर दिया।

बता दें कि नगरपालिका परिषद् के द्वारा नई दिल्ली की एमआईटूसी कंपनी के साथ अनुबंध के आधार पर शहरी के 55 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए सभी 55 वार्डों में कंपनी ने अपनी टीम लगाई हुई है। टिपर गारबेज वाहनों के साथ ही कर्मचारी प्रतिदिन घर घर से कूड़ा उठान का कार्य करते हैं, लेकिन रविवार को ये गाड़ी पार्किंग से नहीं निकली और कर्मचारियों ने कंपनी पर वेतन रोकने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर वेतन मिलने तक कामबंद हड़ताल का ऐलान कर दिया। कर्मचारियों के प्रदर्शन करने के दौरान ही कंपनी के परियोजना प्रबंधक कुलदीप सिंह व अन्य अधिकारी उनके बीच पहुंचे और उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारियों ने वेतन रोकने पर रोष जताते हुए काम पर जाने से इंकार कर दिया। कर्मचारियों का कहना था कि कंपनी के द्वारा वार्डों में लगे सभी 55 सुपरवाइजरों का वेतन रोक लिया है। जब तक वेतन नहीं मिलेगा वो काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

कंपनी के परियोजना प्रबंधक कुलदीप सिंह का कहना है कि सुपरवाइजरों की जिम्मेदारी वार्डों से डोर टू डोर यूजर चार्ज फीस वसूल करते हुए उसको कंपनी के बैंक अकाउंट में जमा कराने की है। ऐसा देखने में आया है कि सुपरवाइजरों के द्वारा घरों से बिना पर्ची दिए ही यूजर चार्ज वसूल किया गया और उसका कोई भी हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है। इसमें 55 सुपरवाइजरों में से करीब 10-12 ने ही अपना हिसाब किया है। जबकि अन्य सुपरवाइजरों पर यूजर चार्ज के रूप में एक से दो लाख रुपये तक बकाया चल रहा है, लाख कहने पर भी वो हिसाब करने को तैयार नहीं है। ऐसे में सभी सुपरवाइजरों का दिसम्बर माह का वेतन रोका गया है, जबकि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में लगे वाहन चालकों और हैल्परों का वेतन दिया जा चुका है। सुपरवाइजरों का दिसम्बर माह का वेतन तब तक जारी नहीं किया जायेगा, जब तक वो यूजर चार्ज का पूरा हिसाब कंपनी कार्यालय आकर नहीं करते हैं। हमने यही संदेश दिया है। जो भी सुपरवाइजर अपना हिसाब देगा, उसका वेतन उसी समय जारी कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि वाहन चालकों और हैल्परों को सुपरवाइजरों ने बरगला कर ही कामबंद हड़ताल कराई, उनको चेतावनी दी गई है कि यदि वो काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। वहीं सेकेन्ड्री प्वाइंट जोन में लगे चालकों को बुलाकर कुछ वाहनों को वार्डों में निकलवाया गया है। सोमवार को भी ये लोग काम नहीं करते हैं तो इनसे वाहनों की चाबी लेकर वैकल्पिक व्यवस्था में वाहन वार्डों में भेजे जायेंगे।

कंपनी पर लगा पांच दिन की हड़ताल का 15 लाख जुर्माना

मुजफ्फरनगर। शहर में सफाई व्यवस्था में लगी एमआईटूसी कंपनी पर पालिका ने पांच दिन की हड़ताल के लिए 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए मासिक भुगतान से रकम की कटौती कर ली है। इसके साथ ही यूजर चार्ज फीस के लिए भी 27 लाख रुपये होल्ड कर दिये गये हैं। दिसम्बर माह के लिए कंपनी को पालिका के द्वारा 48 लाख रुपये का भुगतान ही जारी किया गया है। बता दें कि कंपनी के द्वारा कर्मचारियों को वेतन नहीं दिये जाने के कारण नवम्बर माह में कर्मचारियों ने पांच दिनों तक हड़ताल की थी।

इन पांच दिनों में शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम ठप होने पर अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कंपनी के मासिक भुगतान से कटौती करने के निर्देश नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार को दिए थे। कंपनी ने दिसम्बर माह का भुगतान पाने के लिए पालिका से डिमांड की थी। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप सिंह ने बताया कि पालिका से कंपनी को दिसम्बर माह के लिए केवल 48 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि उन्होंने यूजर चार्ज फीस के लिए 25 लाख का चैक भी पालिका को दे दिया था। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कंपनी पर पांच दिन ही हड़ताल के लिए 15 लाख रुपये का जुर्माना ईओ के आदेश पर लगाया गया था, उसको दिसम्बर माह के भुगतान से काटा गया है। जबकि मासिक यूजर चार्ज के रूप में कंपनी का दिया गया चैक अभी क्लीयर नहीं हुआ है, पूर्व में भी कंपनी के चैक बाउंस हो गये थे, इसी के कारण चैक क्लीयर होने तक कंपनी के मासिक भुगतान से 27 लाख रुपये होल्ड किये गये हैं, यदि कंपनी का दिया गया चैक क्लीयर होता है तो नियमानुसार शेष रकम रिलीज कर दी जायेगी। 

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