बच्चों को मां-बाप समय जरूर दें, उनको समझेंः डॉ. फारूक

तस्मिया जूनियर हाई स्कूल में तकमीले कुरआन ए करीम नाजिरा का जलसा आयोजित;

Update: 2025-01-19 10:57 GMT

मुजफ्फरनगर। तस्मिया जूनियर हाई स्कूल में छात्रों द्वारा तकमीले कुरआन ए करीम नाजिरा के अवसर पर रविवार को एक भव्य जलसे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. सैयद फारुक अध्यक्ष तस्मिया आल इंडिया एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, नई दिल्ली ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर मौहम्मद सऊद आलम कासमी पूर्व डीन, फैकल्टी आफ येओलाजी, अजीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी थे, जबकि विशिष्ट अतिथि अब्दुर रशीद अध्यक्ष, सीरत-उन-नबी कमेटी, नई दिल्ली थे। इसके अलावा, सैयद यासिर सदस्य, तस्मिया सोसाइटी ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। डा. सैयद फारुक ने सभी मेहमानों का स्वागत गुलदस्ते, मोमेंटो और उपहार देकर किया।


कार्यक्रम को कुशलतापूर्वक संचालित किया गया जावेद मज़हर द्वारा, जिन्होंने मुख्य अतिथियों का परिचय कराया। परिचय के बाद, कक्षा 5 के छात्रों द्वारा नज़र-ए-कुरआन की तकमील की रस्म मौलाना शौकत कासमी ने अदा करवाई। डा. सैयद फारुक ने अपने संबोधन में बच्चों की तालीम और तरबियत में माता-पिता और शिक्षकों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नबी करीम की जिंदगी बच्चों के प्रति प्रेम, कोमलता और उनकी क्षमताओं को निखारने का बेहतरीन उदाहरण है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के साथ समय बिताएं, उनकी बातों को समझें और उनकी सफलताओं में शामिल हों।


मुख्य अतिथि प्रोफेसर मोहम्मद सऊद आलम कासमी ने बच्चों की परवरिश के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नबी करीम ने बच्चों के साथ दया और प्रेम का व्यवहार किया और उनके चरित्र निर्माण पर ध्यान दिया। हमें चाहिए कि हम उनकी नैतिक, धार्मिक और शैक्षिक आवश्यकताओं का ध्यान रखें। सैयद यासिर ने माता-पिता, अतिथियों और सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा, ष्बच्चों की तालीम और तरबियत माता-पिता की पहली ज़िम्मेदारी है। कुरआन और नबी करीम की जिंदगी बच्चों के जीवन में मार्गदर्शक की तरह हैं। कार्यक्रम का समापन डॉ. अब्दुल कय्यूम अंसारी प्रोफेसर जामिया मिल्लिया की भावपूर्ण दुआ के साथ हुआ, जिसमें सभी ने बच्चों की सफलता और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना की। इस कार्यक्रम की सफलता का श्रेय तस्मिया जूनियर हाई स्कूल के प्रबंधक सैयद एजाज अहमद को जाता है, जिनकी कड़ी मेहनत और प्रतिब(ता से यह आयोजन संभव हुआ। इसके अलावा, तस्मिया स्टाफ ने भी इस कार्यक्रम को सफल और यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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