MUZAFFARNAGAR-उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पूजन के साथ दसलक्षण महापर्व मनाया

अनंत चतुर्दशी पर सकल जैन समाज ने मनाया भगवान वासुपुज्य का मोक्ष कल्याणक सकल जैन समाज

Update: 2024-09-17 12:33 GMT

मुजफ्फरनगर। दशलक्षण महापर्व का मंगलवार को दसवां दिन होने के कारण उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पूजन किया गया। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी के पावन पर्व पर भगवान वासुपुज्य का मोक्ष कल्याणक सकल जैन समाज द्वारा बहुत ही भक्ति भाव के साथ मनाया गया और कई धर्मप्रेमियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। इसी के साथ दस दिनों से चला आ रहा यह धार्मिक कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। 


बता दें कि इस साल जैन समाज के धार्मिक अनुष्ठान दसलक्षण पर्व का शुभारंभ 8 सितंबर से हुआ था। मंगलवार को दसवें दिन इसका र्धािमक परम्परा के अनुसार समापन हुआ। भाद्र पक्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन मंगलवार को श्री दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र वहलना के साथ शहर के सभी जैन मंदिरों में उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा अर्चना में भारी संख्या में जैन समाज के लोगों ने अपने अपने परिवारों के साथ भाग लिया और धार्मिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करते हुए पूजन किया। इस दौरान भगवान वासु पूज्य स्वामी का मोक्ष कल्याणक दिवस निर्वाण लाडू चढ़ाकर बहुत ही भक्तिभाव के साथ मनाया गया। अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व होने के साथ सभी जैन मंदिरों में जैन श्रद्धालओं द्वारा विशेष पूजा अर्चना की गई। आज के दिन का जैन धर्म में विशेष महत्व है। अनंत चतुर्दशी पर ज्यादातर सभी जैन समाज से जुड़े श्रद्धालु व्रत रखते है। खासकर महिलाए निर्जल व्रत व उपवास रखती हैं, बहुत ही श्रद्धा भाव से पूजन पाठ करती हैं। पुरुष भी प्रातःकाल की बेला में श्री जी का अभिषेक, शांति धारा व पूजन करते हैं। आज श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना मंदिर परिसर में जैन समाज के लोग अपने परिवार सहित पहुंचे और पूजा अर्चना की। भक्तों ने श्री जी के दर्शन कर परिवार में सुख और समृद्धि मांगी और मंदिर में पूरे वर्ष पूजन के लिए लगने वाली अष्ठ द्रव्य सामग्री को भी मंदिर में अर्पण करने के साथ ही विशेष दान भी मंदिर में दिया।


सुबह से ही शहर के सभी जैन मंदिरों में भक्तो की अच्छी खासी भीड़ रही। जैन दर्शन में कहा गया है कि मनुष्य का शरीर से हटकर अपनी आत्मा में दृष्टि लगाना ही उत्तम ब्रह्मचर्य है। श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र वहलना के साथ ही शहर के प्रेमपुरी, जैन नगर,अबूपुरा, पारसनाथ, नई मंडी चौड़ी गली, मुनीम कॉलोनी, जैन मिलन विहार, सुरेंद्र नगर, अंबा विहार, रेनबो विहार सहित सभी जैन मंदिरों में भी उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा की गई। 18 सितंबर बुधवार को सम्पूर्ण जैन समाज क्षमावाणी पर्व मनाएगा, यानी जैन धर्म की परंपरा है कि पूरे वर्ष जाने अंजाने में यदि अपने वचन से अपनी वाणी से या अपने द्वारा किए गए किसी गलत कार्य से यदि किसी का दिल दुखाया हो, किसी के मन को ठेस पहुंची हो, या जाने अंजाने में किसी जीव की हिंसा हुई हो तो जैन समाज के लोग मन से वचन से काया से सभी से क्षमा याचना करते हैं।

18 सितंबर को क्षमावाणी दिवस पर परंपरागत शहर के श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर जैन नगर का वार्षिक रथयात्रा महोत्सव भी हर्षाेल्लास के साथ मनाया जायेगा और शोभायात्रा नगर के विभिन्न मार्गाे से निकलेगी। उसके बाद दशलक्षण पर्व का समापन होगा। श्री दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र वहलना में अनंत चतुर्दशी के दिन श्री जी का प्रथम अभिषेक व शांतिधारा करने का सौभाग्य विपिन जैन, संजय जैन, राजीव जैन, अभिषेक जैन नावला परिवार व शशांक जैन आदर्श परिवार को प्राप्त हुआ। प्रबंध कमेटी द्वारा दर्शन करने आए मुजफ्फरनगर के प्रमुख चिकित्सक डा.विकास पंवार, दिल्ली यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर डा. गीता, आई.ए.एस. कु.संधी जैन, अर्जुन जैन, जैन बाल संस्कार की टीम पारस जैन, पवित्र जैन, स्पर्श जैन, संभव जैन, वंशू जैन का सम्मान किया गया। श्री दिगम्बर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र वहलना प्रबंध कमेटी से अध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री संजय जैन, कोषाध्यक्ष मनोज जैन, रोहित जैन, विप्लव जैन, वैभव जैन, आशीष जैन, चंद्र जैन, मनीष जैन, विजय जैन, अमन जैन, अमित जैन, शशांक जैन, अभिनव जैन, आशीष जैन, दिनेश जैन, गौरव जैन, विजय जैन इवान हॉस्पिटल, सतीश जैन आदि के साथ ही भारी संख्या में भक्त जन उपस्थित रहे। 

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