MUZAFFARNAGAR-नगरपालिका के नाम पर बन रहे फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाकर जयपुर से भगा लाया लड़की, परिजनों ने की शिकायत तो खुली पोल, पालिका का दावा-फर्जी है भोकरहेडी के गौरव कुमार को जारी प्रमाण पत्र, रोजाना दो तीन फर्जी प्रमाण पत्र की हो रही है जांच

Update: 2024-09-05 10:49 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर से दूसरे निकायों में निवास करने वाले लोगों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। ऐसे ही एक जन्म प्रमाण पत्र के सहारे एक युवक के द्वारा जयपुर से भगाकर लाई गई अपनी प्रेमिका से विवाह रचा लिया गया। अब लड़की के परिजन कार्यवाही कराने के लिए मारे मारे फिर रहे हैं। उनके हाथ युवक का यही जन्म प्रमाण पत्र लगा है, जिसकी जांच कराने के लिए वो तैयारी में हैं। वहीं पालिका प्रशासन ने दावा किया है कि युवक द्वारा बनवाया गया जन्म प्रमाण पत्र फर्जी हैं, ऐसे दो तीन फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र रोजाना जांच के लिए पालिका में आ रहे हैं। इससे खुद कर्मचारी भी परेशान हैं। यह कहां से बन रहे हैं, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के नाम पर बड़ा फर्जीवाडा चल रहा है। यहां के नाम पर कई ऐसे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सामने आये हैं, जो लोगों को हैरत और परेशानी में तो डाल ही रहे हैं, व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं। जयपुर से भगाकर लाई गई एक लड़की के प्रकरण में भी नगरपालिका परिषद् का लिंक जुड़ा तो फर्जीवाडे का खुलासा होने लगा। दरअसल, जयपुर का एक परिवार करीब एक साल पहले शुकतीर्थ स्थित शुकदेव आश्रम में श्रीमद भागवत कथा सुनने के लिए यहां धार्मिक यात्रा पर आया था। इस परिवार में एक लड़की भी थी। सूत्रों का कहना है कि शुकदेव आश्रम में बहुत से परिवार सेवा कार्य में लगे रहते हैं। भोकरहेडी कस्बे का एक जोगी समाज का परिवार भी यहां पर उस समय सेवा में लगा हुआ था। इस परिवार के एक लड़के की यहां पर कथा श्रवण के लिए आये जयपुर के परिवार की लड़की से बातचीत शुरू हो गई।

कई दिनों के प्रवास के दौरान यह लड़की उस लड़के के मोहपाश में बंध गई। इसी दौरान लड़के ने लड़की का फोन नम्बर ले लिया था। परिवार वापस जयपुर लौटा लेकिन लड़का और लड़की की फोन पर बातचीत हा सिलसिला शुरू हो गया। बताया गया कि जून माह के दौरान लड़का जयपुर गया और वहां से अपनी प्रेमिका को भगाकर भोकरहेडी ले आया। लड़की गायब होने पर परिजनों ने जयपुर में ही पुलिस को गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। पुलिस जांच पड़ताल करते हुए पिछले दिनों भोकरहेडी तक जा पहुंची और लड़की को जोगी परिवार के घर से बरामद कर लिया गया। कहा गया कि लड़के ने लड़की और अपने जो दस्तावेज पुलिस को उपलब्ध कराये उनमें दोनों बालिग पाये गये। जबकि लड़की के परिजनों का दावा था कि उनकी बेटी नाबालिग है। इसी बीच लड़का पक्ष की ओर से कुछ राजनीतिक लोगों का हस्तक्षेप बढ़ा और पुलिस पर दबाव बना तो पुलिस ने लड़की के बयान दर्ज कराये और उसको लड़के के सुपुर्द करते हुए कह दिया कि वो बालिग है, उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकती। इसी बीच लड़के ने लड़की से कोर्ट मैरिज और आर्य समाज में भी शादी कर ली। लड़की के परिजनों ने कागज निकलवाये तो उनमें उनके हाथ लड़के का एक जन्म प्रमाण पत्र भी लगा, जो नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर से 07 अगस्त 2024 को ऑनलाइन जारी किया गया है।

यहीं से पालिका और व्यवस्था पर सवाल उठने लगे। इस प्रमाण पत्र पर दर्शाये गये बार कोड को स्कैन करने पर भी नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के पोर्टल पर पूरा रिकार्ड दिखाई देता है। इस जन्म प्रमाण पत्र पर आरोपी युवक गौरव कुमार पुत्र संदीप निवासी कौनपटटी भोकरहेडी की जन्म तिथि 01 जनवरी 2002 दर्शायी गई है। जन्म स्थान भोकरहेडी ही दिखाया गया है। जबकि भोकरहेडी स्वयं नगर पंचायत है। ऐसे में वहां जन्मे बालक का जन्म प्रमाण पत्र नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर से कैसे जारी कर दिया गया। इस जन्म प्रमाण पत्र पर दी गई डिटेल के अनुसार 09 सितम्बर 2021 को पंजीकरण होना तो दिखाया गया है, लेकिन पंजीकरण नम्बर नहीं दिया गया। वहीं प्रमाण पत्र संख्या भी नहीं दी गई है। इस सम्बंध में लड़की के परिजन नगरपालिका परिषद् भी पहुंचे और प्रमाण पत्र की सत्यता जानने का प्रयास किया तो उनको बताया गया कि गौरव कुमार को जारी जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है। उसका कोई रिकार्ड पालिका में नहीं है।

इस सम्बंध में जन्म मृत्यु पटल लिपिक राजीव वर्मा का कहना है कि ऑनलाइन होने के बाद भी फर्जी प्रमाण पत्र जारी होने का खेल हो रहा है। ये कहां से जारी हो रहे हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है। गौरव कुमार को जारी जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है। उस पर न तो पंजीकरण संख्या है और न ही प्रमाण पत्र संख्या है। 2002 का जन्म दर्शाया गया है, जबकि नई व्यवस्था में एक साल के बाद जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में वाद दायर करना होता है, वहां सुनवाई के बाद ही प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। राजीव वर्मा का कहना है कि भोकरहेडी का ही एक मृत्यु प्रमाण पत्र जांच के लिए यहां आया है, वो भी फर्जी है। रोजाना दो तीन ऐसे ही फर्जी प्रमाण पत्र पालिका में आ रहे हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट दी जा रही है और इससे काफी परेशानी हो रही है। 

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