NOIDA PANCHAYAT-भंगेला चेक पोस्ट पर पुलिस से भिड़ गये किसान

भाकियू के नोएडा जीरो प्वाइंट मार्च के आह्नान का दिशा पूरा असर, पुलिस फोर्स ने किसानों को जबरन रोका

Update: 2024-12-04 10:49 GMT

मुजफ्फरनगर। भूमि अधिग्रहण का मुआवजा पाने के लिए प्रदर्शन के दौरान नोएडा के किसानों की गिरफ्तारी से पूरे उत्तर प्रदेश के किसानों में आज उबाल नजर आया। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के आह्नान पर किसान बुधवार को अलसुबह ही बड़े काफिले के साथ नोएडा की ओर कूच करते नजर आये। इस बीच पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क रहा और मुजफ्फरनगर-मेरठ बॉर्डर के भंगेला चेक पोस्ट पर किसानों को रोकने के लिए हाईवे पर ही बड़ी बेरिकेडिंग कर दी गई। यहां किसानों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई और नोएडा जाने की जिद पर अड़े किसान सीधे फोर्स से भिड़ गये। यहां भाकियू नेताओं ने किसानों के साथ सड़क पर बैठकर ही धरना शुरू कर दिया। वहीं देर रात ही भाकियू नेता राकेश टिकैत के आवास पर फोर्स तैनात कर दी गई थी।


बता दें कि भूमि अधिग्रहण का मुआवजा नहीं मिलने और अन्य समस्याओं को लेकर नोएडा के किसानों के द्वारा ग्रेटर नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल पर प्रदर्शन के लिए धरना दिया जा रहा था। विगत दिवस किसानों को यहां से हटाते हुए गिफ्तार कर लिया गया और भाकियू के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना सहित करीब 150 किसानों को जेल भेज दिया गया। इसी से नाराज होकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन का ऐलान किया तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सिसौली किसान भवन में आपातकालीन पंचायत के दौरान बुधवार की सुबह से पांच मंडलों मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ और मुरादाबाद के किसानों से ग्रेटर नोएडा के जीरो पाइंट फ्लाई ओवर पर महापंचायत में पहुंचने की अपील की थी। इस आह्नान पर बुधवार की अलसुबह से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में किसान एकत्र होकर नोएडा के लिए रवाना होने लगे लेकिन पुलिस ने उन्हें नोएडा जाने से रोकने के लिए जगह जगह बेरिकेडिंग और सुरक्षा बंदोबस्त किये। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर व सहारनपुर से निकले किसानों को पुलिस ने टोल पर ही रोक लिया। वहीं किसान परतापुर टोल पर ही धरना देकर बैठ गए। इस दौरान यूनियन के कार्यकर्ताओं के साथ किसानों पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा कियां।


जनपद मुजफ्फरनगर से किसान जिलाध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में नोएडा कूच के लिए निकले। जब ये किसान बड़े जुलूस के रूप में खतौली के भंगेला चेक पोस्ट पर मेरठ बॉर्डर पर पहुंचे तो यहां पुलिस फोर्स के द्वारा हाईवे पर ही बेरिकेडिंग लगाकर उनको रोक लिया गया। जिलाध्यक्ष नवीन राठी और प्रदेश महासचिव धीरज लाटियान की पुलिस अफसरों और फोर्स के जवानों से काफी देर तक नोकझौंक व कहासुनी होती रही। किसानों ने बेरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास भी किया, इसके साथ ही कार्यवाही से नाराज किसान वहीं हाईवे पर धरने पर बैठ गए और दिल्ली-दून हाईवे पर लंबा जाम लग गया। जाम खुलवाने के लिए किसानों को हटाने के प्रयास में पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई।

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भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी के साथ आये किसानों का रैला रोकने को यहां पर एसडीएम बुढ़ाना मोनालिसा जौहरी और सीओ खतौली रामाशीष यादव भारी पुलिसबल के साथ तैनात नजर आये। करीब आधे घंटे तक किसानों और पुलिस कर्मियों के बीच भागदौड़ का खेल चलता रहा। काफी हंगामे के बाद पुलिस सुरक्षा को भेदकर भंगेला चेक पोस्ट से किसान बेरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे निकल गये। आगे टोल पर इन किसानों को फिर से रोक दिया गया। वहीं पर किसानों ने धरना शुरू कर दिया था। जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने कहा कि नोएडा में किसानों से ली गई भूमि का पूरा मुआवजा नहीं दिया गया है। किसान अपने हक मांगने के लिए वेस्ट यूपी अध्यक्ष पवन खटाना के साथ आंदोलन के लिए निकले और प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे। इसी बीच उनको गिरफ्तार कर लिया गया। यह आंदोलन खेती और किसानी बचाने का है। पुलिस किसानों को अपराधी की तरह रोकने का काम कर रही है। यह तानाशाही है। किसान अपना अधिकार मांगने के लिए सड़क पर उतरा है। इससे पूर्व पुलिस ने भाकियू नेताओं को रोकने के लिए उनके घरों की घेराबंदी की। राकेश टिकैत के सरकूलर रोड स्थित आवास पर भी पुलिस का पूरा पहरा रहा।

टप्पल में किसानों के साथ राकेश टिकैत को रोका, थाने में चली पंचायत

मुजफ्फरनगर। किसानों के भारी काफिले के साथ अलीगढ़ से नोएडा जीरो प्वाइंट जाते भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत को टप्पल थाना क्षेत्र में पुलिस ने रोक लिया। पुलिस का विरोध करते हुए उन्होंने किसानों के साथ ही गिरफ्तारी दी और टप्पल थाने में पहुंचकर किसानों के साथ वहीं पर पंचायत शुरू कर दी। इसके बाद यहां किसानों को सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार पूरी तरह से किसानों का दमन करने पर उतर चुकी है तो अब किसान भी आंदोलन को कमर कस चुका है और आज से इस आंदोलन की शुरूआत हो चुकी है।

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अब किसान दिल्ली नहीं बल्कि लखनऊ कूच करेगा। हम किसानों को छोड़ने के लिए सरकार से मांग कर रहे है। किसानों की समस्याओं पर सरकार से बात करना चाहते हैं, लेकिन सरकार लाठी के सहारे आवाज दबाना चाहती है। पंचायत के बीच ही थाने में नजर बंद किये गये राकेश टिकैत पुलिस को गच्चा देकर वहां से किसानों के साथ निकल गये। उनको घेरने के लिए सीओ को भारी पुलिस फोर्स के साथ काफी दूर हाईवे तक दौड़ लगानी पड़ी और यहां डीसीएम रुकवाकर नोएडा जाते राकेश टिकैत को रोककर फिर से हिरासत में ले लिया।

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