घाघरा खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर, गांवों में दहशत

जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने गुरूवार को बताया कि घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 106-07 को पार कर 107-076 पर बह रही हंै।

Update: 2020-08-13 09:42 GMT

गोण्डा। बैराजों से छोड़े जा रहे पानी और पहाड़ों पर हो रही बरसात से उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिले के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी ऐल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान को पार एक मीटर ऊपर पहुंच गयी हंै। इससे नदी किनारे गांवों में बाढ़ की दहशत बनी है।

जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने गुरूवार को बताया कि घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 106-07 को पार कर 107-076 पर बह रही हंै। उन्होनें बताया कि घाघरा मे कुल 332807 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा हंै जिससे नदी का जलस्तर निरन्तर बढ़ रहा हंै। नदी के तेज बहाव से जगह जगह हो रही कटान और रिसाव से तटवर्ती निचले भागों मे रह रहे करीब बीस गांवों की तीस हजार की आबादी बाढ़ की आशंका से खौफजदा हंै। अधिकांश परिवारों ने ऊंचे स्थानों पर सुरक्षित रहने के लिये डेरा जमाने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें घरकुंइया, प्रतापपुर, काशीपुर, रायपुर, परसावल समेत कई गांव शामिल हंै। निचले हिस्सों के खेतिहर जमीनों पर जलभराव होने से जहां एक ओर मवेशियों को चारे का संकट पैदा होने लगा हंै वहीं दूसरी ओर कई बीघा फसलें भी जलप्लावित हो रही हंै। हाल ही में नेपाल से छोड़े गये करीब चार लाख बारह हजार क्यूसेक पानी के तेज बहाव को न सह पाने के कारण तरबगंज तहसील क्षेत्र में ऐली परसौली गांव के विशुनपुरवा मजरे के पास बने भिखारी पुर सकरौर का लगभग 45 मीटर का एक बड़ा हिस्सा कटकर घाघरा मे समा गया था। बांध कटने से बाढ़ के पानी से जद मे आये करीब बीस मजरों के ग्रामीण परिवार बाघ् की मार झेल रहे हंै। आपदा प्रबंधन सूत्रों के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य जारी हंै। इसके अलावा भिखारीपुर सकरौर , ऐल्गिन चड्सडी, परसपुर धौरहरा समेत सभी बंधों पर मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर जारी हंै। रेलवे सूत्रों के अनुसार, बरसात को देखते हुये गोण्डा गोरखपुर रेल लाइन पर संवेदनशील जगहों पर ट्रैको के नीचे की मिट्टी धंसने की आशंका के मद्देनजर पेट्रोमैन गंैग को सतर्क कर दिया गया हंै।

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