सरकारी गबन-इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज

25 साल के बाद थाना जानसठ में माल मुकदमाती और सरकारी सम्पत्ति का गबन करने के मामले में हुई कार्यवाही, 1998 से 2019 तक लगातार कम होता रहा थाने का माल, आरोपी बनाये गये सभी पुलिस कर्मी थाने में थे हैड मोहर्रिर।

Update: 2023-10-14 10:00 GMT

मुजफ्फरनगर। जनपद के एक थाने से 25 साल पूर्व माल मुकदमाती और सरकारी सम्पत्ति के रूप में दर्ज माल लगातार गायब होता रहा। इस बीच थाने मं कई थानेदार आये और चले गये। पुलिस कप्तान भी कई बदले गये, लेकिन थाने से गायब हुए माल को लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। अब 25 साल बाद एसएसपी के आदेश पर जांच हुई, जिसमें थाना जानसठ में तैनात रहे पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें एक आरोपी वर्तमान में जनपद आगरा में क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है, जबकि एक सेवानिवृत्त हो चुका है तो एक आरोपी की मौत भी हो चुकी है। मृतक सिपाही के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है। थाने पर माल मुकदमाती में गबन करीब 21 साल तक चलता रहा।

देश में कारतूस कांड में कोर्ट द्वारा दी गई सजा का मामला चर्चाओं में बना हुआ है। ऐसे में जनपद मुजफ्फरनगर में भी पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ थाने के माल की सुरक्षा में लापरवाही बरतने के साथ ही सरकारी माल का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी संजीव सुमन के आदेश पर हुई जांच के बाद जनपद के थाना जानसठ में प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार की तहरीर पर आईपीसी की धारा 409 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि 19 दिसम्बर 1998 से 04 मार्च 2019 तक थाना जानसठ में अलग अलग समय हैड मोहर्रिर के पद पर तैनात रहे पांच पुलिसकर्मियों के कार्यकाल में माल मुकदमाती और सरकारी सम्पत्ति के रूप में दर्ज माल में अमानत में ख्यानत की करते हुए गबन किया गया है। इसी को लेकर एसएसपी संजीव सुमन ने जांच के आदेश दिये थे। इस मामले में एसएसपी संजीव सुमन ने 09 सितम्बर को पुलिस अधीक्षक क्राइम प्रशांत कुमार प्रसाद को जांच सौंपते हुए आख्या मांगी थी। 30 सितम्बर 2023 को एसपी क्राइम प्रशांत कुमार ने अपनी प्रारम्भिक जांच आख्या सौंप दी। जांच पूरी होने पर पांच पुलिसकर्मियों के कार्यकाल में थाने पर जमा माल में गबन करने का दोष साबित हुआ। इसको लेकर एसएसपी संजीव सुमन ने सीओ जानसठ शकील अहमद को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराये जाने के आदेश दिये थे। सीओ शकील अहमद ने 12 अक्टूबर को थाना प्रभारी जानसठ दिनेश कुमार को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये। जिस पर पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ माल का गबन करने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि थाना जानसठ में 1998 से 2019 तक तैनात रहे हैड मोहर्रिर द्वारा माल पूरा जमा नहीं कराया गया। यह मामला गबन का बनता है, लेकिन करीब 25 साल तक यह मामला अधर में लटका रहा। उन्होंने बताया कि अब एसएसपी के आदेश पर इस गबन के मामले में निरीक्षक सूरज प्रसाद, उप निरीक्षक राजकुमार, उप निरीक्षक नरेन्द्र सिंह, सेवानिवृत्त उप निरीक्षक जगदीश प्रसाद और हैड कांस्टेबल स्वर्गीय सुरेश चन्द के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। इसमें सूरज प्रसाद वर्तमान में जनपद आगरा में क्राइम ब्रांच में तैनात हैं तो उप निरीक्षक नरेनद्र सिंह रिट सैल जनपद एटा में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी पांचों पुलिस कर्मी घटना के दौरान थाना जानसठ में हैड मोहर्रिर के पदों पर कार्यरत रहे हैं। इस मामले में हैड कांस्टेबल सुरेश चन्द्र की मृत्यु के उपरांत एक जांच कमेटी गठित की गयी थी। कमेटी द्वारा की गयी जांच में पाया गया कि सुरेश चन्द के हैड मोहर्रिर रहते समय उनकी सुपुर्दगी में थाना जानसठ के 1895 माल मुकदमाती और 717 माल सरकारी सम्पत्ति थे। सुरेश चन्द ने थाने से तबादला होने के समय तत्कालीन हैड कांस्टेबल राजकुमार को इनमें से 1504 माल मुकदमाती और 611 माल सरकारी वस्तु के रूप में चार्ज में दी थी। आरोप है कि 391 माल मुकदमाती और 104 सरकारी सम्पत्ति चार्ज में कम दी गई। इसके बाद पांच पुलिसकर्मियों पर इस माल का गबन करने का आरोप लगाया गया और अब 25 साल बाद पांचों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में निरीक्षक योगेन्द्र शर्मा को जांच सौंपी गयी है। मुकदमे के वादी और थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि सरकारी सम्पत्ति के रूप में थाने से पुलिस के हेलमेट, लाठी-डंडे, सुरक्षा उपकरण, मेज और कुर्सी आदि गायब पाये गये हैं, इसके साथ ही मुकदमों से जुड़ा माल भी गायब है।

मुकदमे की बात सुन हैरान रहे गये इंस्पेक्टर सूरज प्रसाद, कहा-नहीं किया गबन

मुजफ्फरनगर जनपद के थाना जानसठ में सरकारी सम्पत्ति और माल मुकदमाती का गबन करने के मामले में तत्कालीन हैड मोहर्रिर और वर्तमान में क्राइम ब्रांच आगरा के निरीक्षक सूरज प्रसाद हैरान और परेशान हैं। ‘नयन जागृति’ संवाददाता ने जब उनका पक्ष जानने के लिए उनसे फोन पर बात की और बताया कि उनके खिलाफ सरकारी सम्पत्ति का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है तो वो हैरान हो गये और चैंकते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है। सूरज प्रसाद ने बताया कि वो थाना जानसठ में साल 1999 से 2002 तक हैड मोहर्रिर रहे हैं। प्रोन्नति पाकर वो निरीक्षक बन गये और आज आगरा में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लिखा पढ़ी में पूरा माल थाने के सुपुर्द किया गया था, उसकी काॅपी आज भी उनके पास सुरक्षित है। सूरज प्रसाद का दावा है कि उनके जमाने में थाना जानसठ में कोई भी सरकार माल गायब नहीं हुआ और न ही किसी ने गबन किया है। आज कैसे मुकदमा दर्ज हो गया, उनको इसकी जानकारी नहीं है। न ही इस सम्बंध में मुजफ्फरनगर के किसी अफसर ने उनसे सम्पर्क कर जानकारी ली। वो इस सम्बंध में जानकारी हासिल कर अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखेंगे। 

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