पटेलनगर रामलीला में धनुष यज्ञ-सीता स्वयंवर लीला का भव्य मंचन
कलाकारों ने अपनी कला प्रतिभा के प्रदर्शन से मंचीय प्रस्तुतियों को बनाया जीवंत, दर्शकों ने सराहा
मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के तत्वाधान में स्थानीय कलाकारों के द्वारा आयोजित किये जा रहे 48वें श्री रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन गत रात्रि धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला देखकर दर्शक रोमांचित एवं भाव विभोर हो गये। सीता स्वयंवर के लिए भव्य मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। सीता स्वयंवर के बाद जब भगवान श्रीराम ने जनक जननी मां सीता को वरमाला पहनाई तो पूरा ग्राउंड जय श्री राम और सीताराम के जयघोष से गुंजायमान हो गया।
श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर के तत्वाधान में गत रात्रि सीता स्वयंवर लीला मंचन को देखने के लिए सर्द हवाओं के बीच भी दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी। धनुष यज्ञ लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि उद्यमी अम्बरीश सिंघल, संजय अग्रवाल, योगेन्द्र उर्फ राजू और सुरेश चंद भाटिया ने सपरिवार भगवान श्री गणेश की आरती और दीप प्रज्जवलित कर किया। समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक पूर्व सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेन्द्र मंगल आदि पदाधिकारियों ने अतिथियों को पटका पहनाकर और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
अतिथि सम्मान के बाद धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का सुन्दर मंचन प्रारम्भ हुआ। धनुष यज्ञ लीला के लिए सजाया गया मंच सभी को आकर्षित कर रहा था। दरबार में माता सीता अपनी सखी सहेलियों के साथ स्वयंवर के लिए उपस्थित थी। उनके पिता राजा जनक ने दूर दूर से राजा एवं महाराजा और शूरवीरों को आमंत्रित किया था। लंकापति रावण और अयोध्या से सूर्यवंशी महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री राम के साथ ही कई राक्षस राज और प्रतापी राजा सीता का स्वयंवर करने के लिए आये थे। राजा जनक सीता स्वयंवर के लिए भगवान शिव का धनुष दरबार में प्रस्तुत करते हुए उनको तोड़ने वाले वीर से ही सीता का विवाह करने की शर्त रखते हैं। बाणासुर और लंकापति रावण भी यह धनुष तोड़ने का प्रयत्न करते हैं, लेकिन वो सफल नहीं हो पाते। अंततः भगवान श्रीराम इस धनुष को तोड़कर माता सीता से विवाह करते हैं और उनको अयोध्या ले आते हैं। धनुष यज्ञ लीला में सभी कलाकारों ने अदभुत अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस लीला का सजीव चित्रण दर्शकों के सम्मुख करते हुए उनको मंत्रमुग्ध कर दिया। लक्ष्मण और परशुराम के बीच संवाद की लीला ने भी दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के अध्यक्ष गोपाल चैधरी, मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, प्रमोद गुप्ता, धर्मेंद्र पंवार नीटू, मुख्य निर्देशक विजय मित्तल, पंकज शर्मा, निर्देशक अमित भारद्वाज, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन, ज्योति ऐरन, कामिनी भारद्वाज, मीना ऐरन, कन्दर्प ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश बंसल, अनिल गोयल, राकेश मित्तल, अंशुल गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, अनुराग अग्रवाल एडवोकेट आदि व्यवस्था बनाने में सहयोग कर रहे हैं। इनमें से कई पदाधिकारी मंचीय प्रस्तुति का दायित्व भी निभा रहे हैं। गोविन्द शर्मा राजा दशरथ और नारायण ऐरन लंकापति रावण की भूमिका निभा रहे हैं।