आंध्र प्रदेश में बाग का सपना दिखाकर 69.23 लाख की ठगी

नौ साल पहले हुई डील में की गई धोखाधड़ी, शिकायत मिलने के बाद एसएसपी ने सीओ मंडी से कराई जांच, शातिर ठग के खिलाफ एफआईआर दर्ज

Update: 2024-11-16 10:27 GMT

मुजफ्फरनगर। आंध्र प्रदेश में जमीन खरीदकर फलों का अपना बाग लगाने और उसके सहारे अच्छी खासी आमदनी का झांसा देते हुए शहर के एक व्यापारी से शातिर ठग के द्वारा 69.23 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। पैसा मांगा गया तो ठग द्वारा व्यापारी को धमकाया गया और हत्या तक की धमकी दे डाली। कंपनी भी बंद हो गई और शातिर ठग भी आंध्र प्रदेश से अपना सभी कुछ बेचकर चला आया। हालांकि आरोपी अभी मुजफ्फरनगर जेल में बंद हैं, लेकिन पीड़ित को न तो उसकी जमीन मिली और न ही लगाया गया पैसा। शिकायत के बाद एसएसपी ने सीओ मंडी से प्रकरण की जांच कराई, जांच के बाद अब शातिर ठग के खिलाफ धोखाधड़ी सहित नौ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।

नई मंडी क्षेत्र के मौहल्ला पटेलनगर निवासी सचिन गर्ग पुत्र बिजेन्द्र कुमार गर्ग ने 29 सितम्बर 2024 को एसएसपी अभिषेक सिंह से मिलकर उनको एक प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें सचिन ने बताया था कि उसके जानकारों नवीन बोस पुत्र रामकिशन निवासी ग्राम सैन्दल कलां जिला सोनीपत हरियाणा और अमित कुमार पुत्र राजबीर सिंह निवासी द्वारिकापुरी लिंक रोड मुजफ्फरनगर द्वारा 16 सितम्बर 2015 को शहर के होटल ओमेगा में पुनीत नन्दा पुत्र जितेन्द्र नन्दा निवासी सैक्टर-8 चण्डीगढ़ से मिलवाया था। इस मुलाकात के दौरान पुनीत नन्दा ने सचिन को बताया था कि वो आंध्र प्रदेश के जिला अनन्तपुर नया में आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में कृषि योगय जमीन खरीदने और बेचने का काम करता है। इसके लिए उनकी कंपनी कर्ल्स बिल्ड टैक प्रा. लि. काम करती है, जिसमें वो सह निदेशक है और राजेन्द्र अग्रवाल मुख्य निदेशक हैं।

सचिन को बताया गया कि यदि वो वहां पर भूमि खरीदते हैं तो कंपनी उसको कृषि योग्य बनाकर उस पर फलों का बाग लगाते हुए आधुनिक तरीकों को अपनाकर कम समय से ज्यादा उत्पादन हासिल करेगी। इसके लिए एक एकड़ फसल के लिए 9375 रुपये प्रतिमाह की दर से मुनाफा दिया जायेगा। सचिन का कहना है कि उसने इस डील पर विश्वास करते हुए उसी दिन होटल ओमेगा में ही जमीन खरीदने का सौदा तय किया और चार लाख रुपये बतौर पेशगी पुनीत नन्दा को दिए। मार्च 2016 में पुनीत नन्दा मुजफ्फरनगर आया तो उसको चार लाख और दिए गए। इसी प्रकार 2017 तक सचिन द्वारा पुनीत को 81.50 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। इसमें पुनीत नन्दा ने 12 लाख 26 हजार 985 रुपये कीमत की 9.19 एकड़ भूमि सचिन के नाम बैनामा कराई, इसमें सरकारी भूमि का भी बैनामा फर्जी तरीके से उसके नाम करा दिया गया।

सचिन का आरोप है कि पुनीत नन्दा ने इस भूमि के लिए प्रतिमाह 48656 रुपये का भुगतान देने का वादा किया और जनवरी 2019 से भुगतान देना बंद कर दिया। पुनीत नंदा जिला अनन्तपुर आंध्र प्रदेश से अपनी सम्पत्ति को बेचकर भाग आया। फोन किया तो पैसा देने से साफ इंकार करते हुए कहा कि हम लोग ऐसे ही धोखाधड़ी का काम करते हैं। सचिन ने बताया कि पुनीत नंदा के खिलाफ मुजफ्फरनगर सहित सहारनपुर, मेरठ और शामली जनपद में 15-20 मुकदमे दर्ज हैं और वो वर्तमान में मुजफ्फरनगर कारागार में ही बंद है। एसएसपी के आदेश पर सीओ मंडी रूपाली राय ने जांच की और इसके बाद अब नई मंडी थाने में पुनीत नंदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस ने कार्यवाही प्रारम्भ कर दी है। 

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