महात्मा टिकैत ने दिलाया किसानों को सम्मानः धर्मेंद्र मलिक
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने सम्मान दिवस के रूप में मनाई बाबा टिकैत की 87वीं जयंती
मुजफ्फरनगर। आज भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के 87वे जन्मदिवस को सम्मान दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर आवास विकास कॉलोनी सरकूलर रोड में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने श्र(ांजलि अर्पित कर नमन किया। किसानों ने संकल्प लिया कि हमेशा महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के रास्ते पर चलते हुए किसानों के लिए संघर्ष करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान ने कहा कि हमें गर्व है कि हम महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के सिपाही हैं। गांव गरीब किसान के अस्तित्व की रक्षा के लिए आज उनके दिखाए रास्ते पर चलकर किसानों के लिए संघर्ष जरूरी है। किसानों की समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। किसान आत्महत्या कर रहा है, किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है और किसानों पर महंगाई की मार भी पड़ रही है।
भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने सभी को संकल्प दिलाया कि हमेशा बाबा टिकैत के दिखाए हुए मार्ग पर चलकर संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज किसान नेता भी उनके दिखाए हुए मार्ग से पथभ्रष्ट हो गए हैं, उनका उद्देश्य केवल किसान संगठन की आड़ में राजनीतिक गतिविधियों को संचालित करना है। ऐसे में किसानों को सतर्क रहना होगा और यह भी देखना होगा कि किसानों की समस्याओं को लेकर कौन संघर्षरत है। महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत ने देश को किसान की ताकत का एहसास कराया। दिल्ली के लुटियंस जोन में महात्मा टिकैत की दहाड़ से देश के हुक्मरान हिल गए थे।
धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि भारत में आज भी दो हिस्से हैं एक है इंडिया जिसमें धनाढ्य और संपन्न वर्ग के लोग रहते हैं और दूसरा है भारत जिसमें गांव गरीब किसान मजदूर रहता है। देश में योजनाएं धनाढ्य व्यक्तियों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है, यही कारण है कि आज किसान अपनी फसलों का उचित मूल्य भी नहीं ले पा रहे हैं। किसानों के शोषण के लिए पशु पक्षी से लेकर सरकार तक सब तैयार है अगर किसान संगठित नहीं होगा और महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के विचारों को प्रबलता के साथ आगे नहीं बढ़ाएगा तो किसानांे की समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ती जाएगी। आज के दौर में महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत के द्वारा दिखाए रास्ते पर चलकर किसान संघर्ष को ऊंचाइयों तक ले जाने का समय है। देश का दुर्भाग्य है कि इतने बड़े आंदोलन के बाद भी किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इससे स्पष्ट है कि किसान नेताओं द्वारा किसानों का हित नहीं, बल्कि अपने हितों की रक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि भाकियू अराजनैतिक सरकार की किसान विरोधी नीतियों का प्रबल विरोध करेगी और किसान हित में किए गए कार्यों के लिए सरकार का धन्यवाद भी करेगी। किसानों की समस्याओं को हम राज्य और केन्द्र सरकार के समक्ष उठाते रहेंगे। धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि वह किसान संगठन कभी भी अराजनीतिक नहीं हो सकता जो सही बात को कहने की हिम्मत ना रखता हो। आज हर व्यक्ति नेता बनने की चाह में किसान के कंधे पर बंदूक रखकर अपना हित साधना चाहता है।
कार्यक्रम में महात्मा टिकैत के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्र(ांजलि दी गयी। इस दौरान मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष अंकित चौधरी, युवा अध्यक्ष अक्षु त्यागी, अरविंद मलिक, बब्बन ठाकुर सदर ब्लाक अध्यक्ष, कुशवीर सिंह चरथावल ब्लाक अध्यक्ष, पवित अहलावत खतौली ब्लाक अध्यक्ष, सुमित गुजर पुरकाजी ब्लाक अध्यक्ष, कुलदीप सिरोही, जिला महासचिव, आदित्य बालियान शाहपुर ब्लाक अध्यक्ष, विपिन त्यागी मंडल महासचिव, सतेंद्र, पियूष पंवार नगर अध्यक्ष मुजफ्फरनगर, दिलशाद युवा नगर अध्यक्ष, हसरत प्रधान, मयंक त्यागी युवा पुरकाजी ब्लाक अध्यक्ष, विजय मलिक, वीरेंद्र खरड़, अजय पंडित, संजय पाल, दामोदर सैनी, लोकेश पुंडीर, राजीव नीटू दुल्हेरा, नौशाद बालियान, वसीम खान राजीव पुंडीर, बाबा राजवीर सिंह, संदीप बालियान, वीरेंद्र वर्मा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
गवर्नर सतपाल को लेकर किसानों को किया आगाह
भाकियू अराजनैतिक के नेता धर्मेन्द्र मलिक ने भाजपा के परचम के नीचे गवर्नर के रूप में एक लंबा करियर को पूरा करने वाले सतपाल मलिक के बयानों को राजनीतिक महत्वकांक्षा से ओतप्रोत बताते हुए कहा कि किसानों को ऐसे नेताओं से सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि काफी समय से मेघालय के निवर्तमान गवर्नर सतपाल मलिक द्वारा किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे लोगों से भी किसानों को सतर्क रहना होगा। जिसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होती। वह किसानों का सहारा लेकर अपनी महत्वकांक्षी पूरी करना चाहता है। बता दें कि सतपाल मलिक इन दिनों रालोद से राजनीतिक एंट्री करने के प्रयास में है और वह लगातार भाजपा के खिलाफ बोलते रहे हैं।