विकास दुबेे केस मंे कई और पुलिसकर्मियों पर गिरने वाली है गाज
आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि कानपुर देहात के एएसपी घनश्याम चैरसिया को जांच दी गई। जांच की जद में उन तीनों थानों के पुलिसकर्मी हैं जिनके क्षेत्रों में आरोपितों ने पनाह ली थी। आईजी ने कहा कि जांच में जो पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।;
कानपुर। चर्चित बिकरू कांड को लेकर कानपुर देहात के तीन थानों की पुलिस की भूमिका की जांच शुरू होने के बाद कई पुलिस अधिकारियों की गर्दन फंसती नजर आ रही है। यै वही इलाके हैं जहां विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पनाह ली थी। पुलिस पर इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में सामने आया है कि फरारी के दौरान विकास दुबे और उसके गुर्गे शिवली, मंगलपुर और रसूलाबाद थानाक्षेत्रों में पनाह लिए हुए थे। विकास दुबे बाइक से भी घूम आया और पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही थी। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एसटीएफ ने उनकी मदद करने वाले छह आरोपितों को पकड़कर असलहों का जखीरा बरामद किया। इसके बाद पता चला कि वारदात को अंजाम देने के बाद विकास, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा पहले शिवली में रुके थे। रसूलाबाद गए और मंगलपुर में दो दिनों तक रहे। पांच जुलाई को वे यहां से रवाना हुए। एसटीएफ ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट आईजी को भेजी। आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि कानपुर देहात के एएसपी घनश्याम चैरसिया को जांच दी गई। जांच की जद में उन तीनों थानों के पुलिसकर्मी हैं जिनके क्षेत्रों में आरोपितों ने पनाह ली थी। आईजी ने कहा कि जांच में जो पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी ने मदद की होगी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। इस मामले में 70 से अधिक पुलिसकर्मी पहले से जांच की जद में हैं।