MUZAFFARNAGAR-पालिका ने बनाया प्लान, संवरेगा काली नदी का स्वरूप

मुख्यमंत्री वैश्विक नगरीय योजना में नगरपालिका को मिले विशेष बजट से काली नदी को निखारने पर काम शुरू, पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने नदी की सफाई के लिए कराया सर्वे, काली नदी रीवर फ्रंट बनाने की योजना

Update: 2024-09-27 10:10 GMT

मुजफ्फरनगर। अपनी बदहाली और लोगों की उपेक्षा के कारण अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही काली नदी के दिन अब बहुरने वाले हैं। इसके लिए नगरपालिका परिषद् ने एक विशेष प्लान तैयार किया है, यह पूरा हुआ तो न केवल काली नदी का बदहाल स्वरूप निखरेगा, बल्कि यहां लोगों को एक उत्कृष्ट पिकनिक स्थल मिलेगा और काली नदी के सहारे पालिका अपनी आय के साधन भी बढ़ाने का काम करेगी। पालिका प्रशासन ने काली नदी रीवर फ्रंट योजना पर अमल शुरू किया है। इसके तहत शासन से मिले विशेष बजट के अवसर को भुनाने का प्रयास है, जिसमें पहले चरण में काली नदी की सफाई पर काम होगा और इसके बाद यहां भविष्य में फूड पार्क, वेंडर जोन और अन्य पिकनिक स्पॉट बनाये जायेंगे।

गंगा की सहायक नदी के रूप में कभी अपनी स्वच्छता के लिए जीवनदायिनी रहने वाली काली नदी आज शहर और उद्योग से निकल रहे प्रदूषण के कारण बदहाल है और आज गंभीर बीमारी बांट रही है। गंगा और यमुना की सहायक नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए यूं तो केन्द्र सरकार ने नमामि गंगे योजना शुरू की है, लेकिन इसके बाद भी काली नदी बदहाल ही है। शहर के बॉर्डर के रूप में पहचान रखने वाली यह काली नदी सीमा विस्तार के बाद शहर के बीच में आकर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आ चुकी है। इस नदी को जलीय प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए एसटीपी भी बना हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रदूषित सीवरेज नदी के स्वरूप को बिगाड़ रहा है। अब पालिका प्रशासन ने काली नदी को शहर के बीच एक सुन्दर स्थल में बदलने की कवायद शुरू की है। इसके लिए शासन से मिले विशेष बजट के सहारे बीमार काली नदी को स्वस्थ बनाने के साथ ही इसके सहारे आय बढ़ाने की एक लंबी योजना पर अमल शुरू कर दिया है।

पहले चरण में काली नदी को स्वच्छ बनाने के लिए इसी सफाई कराये जाने की योजना है। इसके लिए पालिका द्वारा काली नदी का सर्वे कराया गया है। सर्वे के लिए क्षेत्रीय शहरी एवं पर्यावरण अध्ययन केन्द्र लखनऊ की दो सदस्यीय टीम को बुलाया गया। पालिका के एई निर्माण अखंड प्रताप और जेई कपिल कुमार ने विशेषज्ञ टीम के साथ काली नदी का सर्वे किया और इसकी सफाई के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। पालिका की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त कर अपनी आय को सुधारने वाली निकायों को मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना में विशेष बजट दिया है। हमारी पालिका ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में लक्ष्य से करीब 20 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त किया, इसके कारण इस योजना में हमें चुना गया है। जनपद की दस निकायों में मुजफ्फरनगर पालिका ही इस योजना में चयनित हुई है। इसके लिए लगभग 25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त विशेष बजट नगरोदय के लिए हमें मिलने जा रहा है।

इसमें शासन ने विशेष कार्ययोजना के लिए प्रस्ताव मांगा है। इसमें कई कार्यों को लेकर विचार विमर्श किया गया, लेकिन इसमें काली नदी को एक रीवर फ्रंट के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना सभी को सही लगी, जिसको लेकर कार्य शुरू किया गया है। काली नदी रीवर फ्रंट में कई कार्य कराये जाने प्रस्तावित हैं, इसमें फूड पार्क, वेंडर जोन, पिकनिक स्पॉट और शूटिंग एरिया विकसित कराने का प्लान है, ताकि इसको लोगों में एक आकर्षण का केन्द्र बनाया जा सके और इससे पालिका की आय में भी बढ़ोतरी हो पाये। ईओ ने बताया कि क्षेत्रीय शहरी एवं पर्यावरण अध्ययन केन्द्र लखनऊ शहरी प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करता है। हमने केन्द्र से आई दो सदस्यीय विशेषज्ञ टीम को काली नदी का भ्रमण कराया। सबसे पहले काली नदी की सफाई का कार्य कराया जाना अवश्यक है। इसके बाद ही वहां पर दूसरी योजनाओं को विकसित किया जायेगा। काली नदी आज शहर के बीच से होकर गुजर रही है, ऐसे में इसका रीवर फ्रंट सभी को आकर्षित करेगा। बताया कि इसके साथ ही नगरोदय योजना में विशेष बजट के सहारे शहर में एक कम्युनिटी हॉल का निर्माण कराने, कंपनी गार्डन को किसी एक विशेष थीम पर विकसित करते हुए पिकनिक स्पॉट बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

कमाओ और पाओ पर 100 करोड़ तक बढ़ सकता है नगरोदय योजना में बजट

मुजफ्फरनगर। नगरीय निकायों को वैश्विक आधार पर विकास योजनाओं को विकसित करने का अवसर प्रदान करने वाली मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना में आर्थिक अनुदान का सि(ांत सरकार ने कमाओ और पाओ रखा है। पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि नई योजना का लक्ष्य उन शहरी निकायों पर फोकस करना है जो खुद भी अपना ढांचा बदलने के प्रयास में जुटे हैं। उनके परफार्मेंस के आधार पर उनको विशेष बजट और प्रोत्साहन देकर उन्हें वर्ल्ड क्लास शहर के तौर पर विकसित करने में मदद की जाएगी। योजना के तहत शहरी निकायों में विशेष सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट आधारित आर्थिक मदद की जाएगी। यह मदद शहरी निकाय के अपने पहले के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी। योजना में पहली प्राथमिकता उन निकायों को दी जाएगी जिन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर करने की ओर कदम बढ़ाया है। जिस साल आवेदन करेंगे उसके पिछले वित्तीय वर्ष में 25 प्रतिशत राजस्व बढ़ाने वाले नगर निगमों, 15 प्रतिशत राजस्व बढ़ाने वाली नगर पालिकाएं और 10 प्रतिशत राजस्व बढ़ाने वाली नगर पंचायतें इसका हिस्सा होंगी। इसके अलावा उनके पास र्नइ योजनाओं के लिए जमीन होनी चाहिए। यदि किसी निकाय की आमदनी 50 प्रतिशत बढ़ी है, योजनाएं इनोवेटिव हैं और उनसे सुविधाओं के साथ ही राजस्व में भी बढ़ोतरी हो सकती है तो ऐसी निकाय को योजना में 100 करोड़ रुपये तक ग्रांट दी जा सकेगी। इसके साथ ही सांसद और विधायक निधी, उद्योगों से सीएसआर फंड और समाजसेवी संस्थाओं से भी आर्थिक मदद दिलाये जा सकेगी। 

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