TIKAIT JAYANTI---अब गांव-गांव ट्रैक्टर प्रमुख बनायेगी भाकियू
राकेश टिकैत ने दी धरना-प्रदर्शन की परम्परा से हटकर संगठन की शक्ति को बढ़ाने के लिए काम करने की सख्त नसीहत, छह अक्टूबर को महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती पर यूनियन लेगी बड़े फैसले, जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में नया नियम लागू।
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन ने अब रोज-रोज के धरना प्रदर्शन की परम्परा को विराम देकर संगठन की शक्ति बढ़ाये जाने का फुल पु्रफ प्लान बनाया है। इसके लिए संगठन ने यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय महेन्द्र सिंह टिकैत की छह अक्टूबर को मनाई जाने वाले जयंती समारोह में बड़े फैसले लागू करने की तैयारी की है। यूनियन में अब गांव स्तर पर ट्रैक्टर प्रमुख बनाने और जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में नई व्यवस्था लागू कर दी है। साथ ही गांव गांव संगठन की मीटिंग बढ़ाये जाने और लोगों को ज्यादा संख्या में यूनियन से जोड़ने के लिए अभियान चलाने की भी तैयारी है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से यूनियन में व्यवस्था परिवर्तन की जानकारी को सभी के साथ साझा किया है। इस दौरान अपने संदेश में उन्होंने कहा कि संगठन में कई चीजों की शुरूआत हो रही है। इसके लिए संगठन की शक्ति को बढ़ाने के लिए अब यूनियन में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जोड़ने की मुहिम चलायेगी। इसमें सबसे बड़ा निर्णय यही है कि अब गांव-गांव भाकियू अब ट्रैक्टर प्रमुख बनायेगी। अपना टैªक्टर अपना प्रमुख होगा। इससे संगठन से ज्यादा संख्या में लोग जुड़ेंगे और संगठन की शक्ति बढ़ेगी। आने वाले समय में एनजीटी से जो कानून बन रहे हैं, कई बड़ी समस्या सामने आयेगी। दस साल पुराने ट्रैक्टरों को बंद करने की योजना पर काम हो रहा है, जबकि ट्रैक्टर 30 स 40 साल तक चलते हैं। ट्रैक्टर बचाने के लिए यह मुहिम काम करेगी। इसके साथ ही यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की व्यवस्था को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है। राकेश टिकैत ने बताया कि जिलाध्यक्ष नियुक्त करने में अल्फाबेटिकल व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत जिस तहसील का एक बार जिलाध्यक्ष बन गया, तो दूसरा जिलाध्यक्ष दूसरी तहसील का बनाया जायेगा। तहसील और ब्लाॅक अध्यक्ष के पदाधिकारियों से ही जिलाध्यक्ष चुना जायेगा। इसके लिए नियुक्ति कमेटी के पदाधिकारी तहसील और ब्लाॅक में सक्रियता के साथ कार्य करने वाले पदाधिकारियों में से ही कार्य के आधार पर नया जिलाध्यक्ष चुनने का काम करंेगे। इसके लिए तहसील और ब्लाॅक कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की जायेगी। नियुक्ति कमेटी लगातार सक्रिय लोगों के कामकाज की निगरानी करेगी। जिलाध्यक्ष पद पर सीधे किसी के भी नाम की घोषणा करने की परम्परा को खत्म किया जायेगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि छह अक्टूबर को यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय महेन्द्र सिंह टिकैत की जयंती का कार्यक्रम भी नये अंदाज में मनाया जायेगा। इस दिन गांव स्तर से लेकर जिला मुख्यालय तक कार्यक्रम होगा। सिसौली के किसान भवन में भी धूमधाम से जयंती मनेगी। भाकियू ने इस दिन छोटी इकाई पर ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम करने की योजना बनाई है, ताकि गांव को जोड़ा रखा जा सके। राकेश टिकैत ने यूनियन के कार्यकर्ताओं से एकजुटता का आह्नान करते हुए कहा कि सरकारों का एक एजेंडा है कि अधिकारियों के माध्यम से संगठन में तोड़फोड़ किया जाये। ऐसे अधिकारियों पर ध्यान न देकर संगठन की मजबूती के लिए लगातार काम किया जाये। इसके लिए आगामी दिनों में छोटी इकाई पर काम करने के लिए ज्यादा ध्यान दिया जायेगा। हमारी योजना समितियों पर मीटिंग के साथ ही गांवों में भी छोटी छोटी पंचायत करने की हैं। अभी बड़ी पंचायत की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यूनियन के पदाधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि हर रोज धरना प्रदर्शन की अभी जरूरत नहीं है। गांव गांव जाओ, गांवों की समस्याओं को उठाओ और लिखित में समस्याओं के निराकरण के लिए सम्बंधित अधिकारियों को अवगत कराया जाये। उन्होंने कहा कि छह अक्टूबर को सिसौली किसान भवन में महेन्द्र सिंह टिकैत जयंती कार्यक्रम में संगठनात्मक स्तर पर कई दूसरे निर्णय भी लिये जायेंगे।