ओलंपिक पदक विजेता मुजफ्फरनगर की बेटी प्रीति का स्वप्निल स्वागत

यूपी गेट से गांव हाशमपुर तक जगह जगह भारतीय पैरा एथलीट प्रीति पाल के काफिले पर लोगों ने बरसाये फूल, पेरिस पैरालंपिक में जीते हैं दो कांस्य

Update: 2024-09-13 11:31 GMT

मुजफ्फरनगर। पेरिस में हाल ही में सम्पन्न हुए पैरालंपिक गेम्स-2024 में दो कांस्य जीतकर इतिहास रचने वाली मुजफ्फरनगर जनपद की बेटी भारतीय एथलीट प्रीति पाल का स्वप्निल स्वागत हुआ। यूपी गेट से उनके पैतृक गांव तक जगह जगह लोगों ने फूलों की बारिश कर अपनी इस बेटी का स्वागत किया। अपने इस ऐतिहासिक स्वागत से प्रीति पाल और उनके परिजन भी अभिभूत नजर आये। शहर पहुंचने पर प्रीति ने परिजनों के साथ शिव चौक पर माथा टेककर भगवान शिव शंकर का आशीर्वाद लिया और फिर समाज की देवी अहिल्याबाई होल्कर स्मारक पर पहुंचकर उनको नमन करते हुए पुष्प अर्पित किये। प्रीति पाल ने अपनी इस जीत को देशवासियों की दुआओं का असर बताया।


पेरिस में आयोजित हुए पैरा ओलंपिक गेम्स 2024 में मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले गांव हाशमपुर के एक साधारण किसान परिवार की बेटी प्रीति पाल ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया। सबसे पहले प्रीति ने ट्रैक स्पर्धा की 100 मीटर (टी-35) कैटेगरी रेस में भारतीय एथलीट टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। प्रीति इस प्रदर्शन के साथ ही पैराओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई। इसके बाद अगले मुकाबले में प्रीति पाल ने 200 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में भी अपने प्रदर्शन को दोहराया ओर पैरा ओलंपिक में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीतकर नया रिकॉर्ड कायम किया।

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प्रीति पाल के इस प्रदर्शन के बाद से ही जनपद में हर्ष का माहौल बना हुआ है। अखिल भारतीय पाल महासभा ने बैठक कर प्रीति पाल के जनपद आगमन पर भव्य स्वागत का ऐलान कर दिया था। महासभा के जिलाध्यक्ष शिवकुमार पाल, अमरनाथ पाल आदि के नेतृत्व में शुक्रवार को प्रीति पाल के दिल्ली से मुजफ्फरनगर आगमन पर एक यादगार स्वागत किया गया। सबसे पहला स्वागत प्रीति पाल के दिल्ली से यूपी गेट गाजियाबाद पहुंचने पर किया गया। यहां से एक लम्बे जुलूस के साथ वो मुजफ्फरनगर की ओर आगे बढ़ी तो भंगेला चेक पोस्ट पर पाल समाज के सैंकड़ों लोगों और खेल प्रेमियों ने प्रीति पाल का दिल खोलकर स्वागत किया। प्रीति पाल को समाज की ओर से पगडी पहनाई गई और जगह जगह उन पर फूलों की बारिश हुई। दोपहर बाद बारिश के बीच ही प्रीति पाल मुजफ्फरनगर शहर में अपने बड़े काफिले और हजारों लोगों की भीड़ के साथ प्रवेश कर गई। वो सबसे पहले शिव चौक पहुंची और यहां स्वागत के बाद गाड़ी से उतरकर उन्होंने अपने परिजनों और मित्रों के साथ भगवान शिव की आराधना करते हुए पूजा की तथा आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां से उनका काफिला अस्पताल चौराहे पर स्थित देवी अहिल्याबाई होल्कर स्मारक पर पहुंचा। प्रीति पाल ने देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा को नमन करते हुए उनको पुष्प अर्पित किये और फिर उनका काफिला आगे बढ़ गया।


इस दौरान पाल महासभा के शिव कुमार पाल ने कहा कि प्रीति ने अपने असाधारण प्रदर्शन और प्रतिभा की बदौलत देश की झोली में एक नहीं बल्कि दो कांस्य पदक डाले, यह जीत इसलिए भी विशेष हो जाती है क्योंकि प्रीति पाल पैरालंपिक के इतिहास में एथलेटिक्स में भारत की और से पदक जीतने वाली प्रथम महिला बनी है। मुझे यह बताते हुए खुशी और गौरव की अनुभूति हो रही है कि अब हमारे क्षेत्र की पहचान प्रीति पाल से होगी, जिन्होंने युवाओं के लिए आदर्श के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं और कैसे अपने सपनों को जटिल परिस्थितियों में सच किया जाता है इसकी एक नई परिभाषा लिख दी है। प्रीति पाल को जीत से पूरे देश, जनपद और समाज में हर्ष और गौरव का वातावरण है। एक छोटे से गांव के किसान परिवार की बेटी प्रीति पाल ने पेरिस में हो रहे पैरा पैरालंपिक गेम्स में देश का मान बढाया वो सभी को प्रेरित करने वाली है। आज दो ओलंपिक मैडल प्राप्त करने वाली प्रीति की कहानी बेहद ही संघर्ष भरी है। 10 साल तक सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से लड़ने के बाद आज प्रीति ने इतिहास रच दिया है। समाज को इस बेटी पर गर्व है।

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प्रीति पाल के स्वागत का यह सिलसिला देर शाम तक उनके पैतृक गांव पहुंचने के दौरान चलता रहा। देवी अहिल्याबाई होल्कर स्मारक के बाद भोपा रोड विश्वकर्मा चौक, शहीद प्रेमपाल चौक कूकड़ा, गांव बिलासपुर, भिक्की चौराहा, बेहड़ा सादात मैन रोड, खुजेड़ा, जटवाड़ा, तालडा से जानसठ मोड़ होते हुए सिलारपुर, सम्भलहेड़ा, मीरापुर मैक्स मिलियन रेस्टोरेंट, गांव कैथोड़ा, पूठी इब्राहिमपुर, रामराज होते हुए पैतृक गांव हासमपुर पहुंची और जगह जगह प्रीति पाल पर लोगों ने फूलों की बारिश कर इस बेटी का स्वप्निल स्वागत किया। इस दौरान मुख्य रूप से पाल महासभा जिलाध्यक्ष शिवकुमार पाल, अमरनाथ पाल, सुभाष पाल, अनिल पाल, सुनील पाल, देशपाल, विनय प्रमुख, रामनिवास पाल, टीटू रमन पाल, रमेश चंद पाल, पुष्पांकर पाल, पप्पू जगदीश पाल, मदन प्रधान, सतेंद्र लोढ़ा, रविंद्र पाल, प्रमोद पाल, हमेंद्र पाल, पवन पाल, पवित्र पाल, राजवीर पाल, मोनू पाल, मांगेराम पाल, कंवर पाल, संदीप पाल और राजकुमार सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

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