बाहर गए अपराधी लौटे, भाजपा के संरक्षण के कर रहे अपराधः अखिलेश यादव
प्रदेश से बाहर गए अपराधी वापस आ गए हैं और बेधड़क अपनी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्हें न खाकी का डर रह गया है और न ही खादी का। उत्तर प्रदेश को भाजपा राज में अपराधी प्रदेश बनने की बदनामी भी उठानी पड़ रही है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में अपराधी भाजपा के संरक्षण के अपराध कर रहे हैं। अपराधी भी अब समझ गए हैं कि मुख्यमंत्री जी जो कहते हैं उस पर अमल करने वाले नहीं हैं। प्रदेश से बाहर गए अपराधी वापस आ गए हैं और बेधड़क अपनी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्हें न खाकी का डर रह गया है और न ही खादी का। उत्तर प्रदेश को भाजपा राज में अपराधी प्रदेश बनने की बदनामी भी उठानी पड़ रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बदायूं में छेड़छाड़ का विरोध करने पर कादर चैक इलाके में एक महिला को तेजाब पिलाया गया और चाकू से उसका पेट फाड़ दिया गया। इस जघन्य काण्ड से इलाके में दहशत है। बांदा में दस्यु प्रभावित क्षेत्र फतेहगंज थाना क्षेत्र के जबरापुर गांव में सर्राफ को बदमाशों ने लूट लिया। पुलिस सूचना के 2 घंटे बाद तक नहीं पहुंची। सर्राफ को गोली मारने के बाद बदमाश उसके पास के जेवर भी लूट ले गए। हरदोई में मामूली विवाद में किसान के घर पर हमला कर परिवारीजनों को पीटकर घायल कर दिया गया। मुरादाबाद में ठाकुरद्वारा क्षेत्र के ग्राम शरीफनगर में घर के बाहर खेल रहे 3 साल के बच्चे को बदमाश अपहृत कर ले गए। मजदूर के बेटे का बाद में शव मिला। वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में पंचकोशी पैगम्बरपुर में एक बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस बच्चों के अपहरण के मामले में निष्क्रिय साबित हुई। बिलखते परिवारों के प्रति खाकी में संवेदनाशून्यता दिखाई दे रही है, यह निंदनीय है।
उन्नाव में रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति पर कब्जा करने से पीड़ित महिला को अपने पिता का शव लेकर एसपी कार्यालय तक इंसाफ मांगने के लिए जाना पड़ा। लखनऊ में ठाकुरगंज क्षेत्र में जिला बदर बदमाश घर में आराम करता मिला। गोमतीनगर में माई बार में नशे में हुड़दंग करने वालों पर पुलिस मेहरबान रही। लखनऊ में ही गुडम्बा में महिला ने छेड़छाड़ की शिकायत की तो उससे रेप का प्रयास हुआ। अखिलेश ने कहा कि वस्तुतः भाजपा के संरक्षण में ही अपराधी पनप रहे हैं। खनन, अवैध शराब और दूसरी अवांछनीय गतिविधियों में खुद भाजपा नेताओं के नाम सामने आए हैं। वैसे भी यह सरकार जाति-धर्म को निगाह में रखकर निर्णय लेती है। वह राजनीतिक द्वेष और बदले की भावना से काम करती है। जनता इस सबसे बुरी तरह आक्रोशित है। वह हालात में बदलाव के लिए सन् 2022 का इंतजार कर रही है।