लोक निर्माण विभाग ने बचा लिए 50 लाख, अब जवाब देने से कतरा रहे अफसर
नगरपालिका से 2.36 करोड़ लेकर बनाई जा रही सड़क के टैण्डर में खेला होने की आशंका, ईओ को पत्र लिखकर एई बोले-सड़क हम बना रहे, नाला ऊंचा करा ले पालिका;
मुजफ्फरनगर। शहर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित कराने के लिए नगरपालिका परिषद् के द्वारा चल रही कवायद के बीच किदवईनगर प्लांट तक लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनवाई जा रही सीसी सड़क के साथ नाला निर्माण का कार्य भी लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जायेगा। इसमें पालिका ईओ द्वारा निरीक्षण के बाद कार्य की आवश्यकता को देखते हुए अपनी रिपोर्ट चेयरपर्सन को भेजकर कुछ छूटे कार्य को भी पूर्ण कराये जाने के लिए अनुमति मांगी गई है, वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने भी विभागीय एई को सड़क के साथ ही अन्य कार्यों को पूर्ण कराये जाने की रूपरेखा बनाने के लिए कहा है।
बता दें कि नीदरलैंड की कंपनी के साथ मिलकर नगरपालिका परिषद् के द्वारा किदवईनगर स्थित भूमि पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित कराये जाने की कवायद चल रही है। मार्च 2025 तक प्लांट स्थापित करने की डेड लाइन शासन से घोषित है। इसके लिए कंपनी की डिमांड पर प्लांट तक सड़क का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इसके लिए पालिका ने अपने बोर्ड फंड से 2.36 करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग को अवमुक्त किये थे। मंगलवार को कार्य की प्रगति को जांचने के लिए ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह ने लोनिवि के सहायक अभियंता आईपी सिंह के साथ स्थलीय निरीक्षण किया था। इस दौरान सड़क के साथ ही कुछ अन्य कार्यों की आवश्यकता सामने आने पर उनको प्राथमिकता पर पूर्ण कराने के लिए पालिका ने प्रस्ताव बनाया है। इसमें सड़क के साथ बने नाले का सरफेस नीचा हो जाने के कारण उसको भी लेवल करने का कार्य लोक निर्माण विभाग से ही कराये जाने की सहमति बनी है। इसके लिए पालिका पर्याप्त पैसा दे चुकी है।
इससे पहले यह बात सामने आई थी कि लोनिवि के द्वारा गलत एस्टीमेट बनाये जाने के कारण ही कई कार्यों को छोड़ दिया गया है। इनमें नाला और नाली निर्माण भी शामिल रहा, लेकिन ये कार्य सड़क के साथ ही शामिल कराये जाने की तैयारी है। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि सबसे पहले वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए पालिका की प्राथमिकता में सड़क निर्माण था, क्योंकि कंपनी को मशीनरी लाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन में सड़क की आवश्यकता थी। अब चूंकि सड़क निर्माण हो रहा है तो वहां पर सड़क के साथ नाले का सरफेस और अन्य दूसरे कार्यों की आवश्यकता भी महसूस की गई है। इसी को लेकर ये कार्य भी लोक निर्माण विभाग से कराये जाने के लिए निरीक्षण रिपोर्ट चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को भेजी जा रही है, उनकी अनुमति मांगी गई है। इसके बाद शेष कार्य भी प्रारम्भ कर दिये जायेंगे। लोनिवि के अफसरों को भी पत्र लिखा जा रहा है ताकि सभी कार्यों को समयावधि में पूर्ण कराया जा सके।
इस सम्बंध में लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के एक्सईएन अभिषेक सिंह का कहना है कि एटूजेड प्लांट तक बनाई जा रही सड़क का एस्टीमेट गलत नहीं बना है। कुछ चीजें गलत ढंग से सामने आई हैं। अभी काम पूरा नहीं हुआ है, तो पैसा बचने की बात भी बेमानी है। सड़क की एक तरफ नाला पहले से ही बना हुआ था। सड़क निर्माण के दौरान उसका सरफेस थोड़ा डाउन चला गया है, उसको ही लेवल करने के लिए नगरपालिका के साथ मिलकर काम करने की बात हो रही है। एक साइड नाली थी, वो बनाई जा रही है। मैं अभी लखनऊ में आया हुआ हूं, फोन पर एई से बात की है, लौटने के बाद इस मामले में पालिका प्रशासन के साथ वार्ता करते हुए आगामी कार्य की रूपरेखा बनाई जायेगी।
50 लाख क्यों बचे, कोई जवाब देने को तैयार नहीं!
मुजफ्फरनगर। लोक निर्माण विभाग को नगरपालिका परिषद् ने एक सड़क बनवाने के लिए 2.36 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी, लेकिन सड़क बनाने के लिए लोनिवि के द्वारा कम मूल्य का टैण्डर छोड़ने की बात सामने आ रही है। इसमें टैण्डर होने के बाद पैसा बच गया। इसकी जानकारी भी लोनिवि के अधिकारियों की ओर से पालिका को नहीं दी गई। ईओ ने निरीक्षण किया तो सारी पोल खुली। ये पैसा क्यों और कैस बच गया, इसको लेकर लोनिवि के न तो एक्सईएन ही सही जवाब दे पा रहे हैं और न ही एई आईपी सिंह के पास कोई जवाब है। कहा जा रहा है कि पैसा बचने पर लोनिवि के एई आईपी सिंह की जवाबदेही तय की जा रही है, क्योंकि एस्टीमेट बनवाने और टैण्डर कराने की जिम्मेदारी उनकी ही थी। इस मामले में डीएम से भी शिकायत करते हुए लोनिवि के अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर जांच कराने की मांग भी की जा सकती है। हालांकि बचा हुआ पैसा छूटे कार्य को शामिल कराते हुए खर्च करने की तैयारी है, लेकिन इतनी गंभीर लापरवाही पर कई सवाल उठ रहे हैं।