अखिलेश के पहुंचते ही मनीष गुप्ता के घर पर बवाल

अखिलेश यादव मनीष गुप्ता के घर परिजनों से मिलने पहुंचे। पुलिस ने घर का दरवाजा बंद कर दिया है। अखिलेश घर के बाहर ही खड़े रहे। इस दौरान सपाइयों और पुलिस की धक्कामुक्की के बीच एक रिश्तेदार को पीट भी दिया। बीच बचाव में प्रापर्टी डीलर की पत्नी को भी दो-चार थप्प़ड़ लग गए।

Update: 2021-09-30 06:10 GMT

कानपुर। गोरखपुर पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और परिजनों से आज सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करवाने की बात कही। इसके बाद गुरुवार 6.45 बजे पीड़ित परिजनों ने मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार कर दिया।

अखिलेश यादव मनीष गुप्ता के घर परिजनों से मिलने पहुंचे। पुलिस ने घर का दरवाजा बंद कर दिया है। अखिलेश घर के बाहर ही खड़े रहे। इस दौरान सपाइयों और पुलिस की धक्कामुक्की के बीच एक रिश्तेदार को पीट भी दिया। बीच बचाव में प्रापर्टी डीलर की पत्नी को भी दो-चार थप्प़ड़ लग गए। पुलिस ने परिवार को घर के अंदर कराकर गेट बंद करा दिया है। सपाई भी गेट पर ही डेरा डाले हुए हैं। अखिलेश यादव के पहुंचने से पहले ही मनीष गुप्ता के घर पर हंगामा। पुलिस परिवार को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए रवाना हुई तो सपाइयों ने बवाल खड़ा कर दिया। सपा नेताओं का कहना था कि पहले पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर लें फिर ले जाएं।

गोरखपुर पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के मनीष गुप्ता की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसकी झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की चेकिंग के दौरान थाना रामगढ़ताल की पुलिस एक होटल में गई। वहां पर एक कमरे में तीन संदिग्ध युवक अलग-अलग शहर से आए थे। इस सूचना पर पुलिस होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई, जहां पर हड़बड़ाहट में एक युवक (मनीष) की कमरे में गिरने से चोट गई। इसके बाद पुलिस ने तत्काल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

बता दें कि मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घूमने गए थे। यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12-30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। फिर, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की। इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। 

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