नदी में खड़े होकर जश्ने आजादी मनाएंगे सिकंदरपुर के ग्रामीणः विकास शर्मा

भाकियू नेता ने पुल न बनने पर जताई नाराजगी, नदी के बीच से गुजरकर पशुओं का चारा लाने को विवश हो रहे ग्रामीण

Update: 2024-08-11 09:53 GMT

मुजफ्फरनगर। जनपद में विकास के बड़े बड़े दावे करने वालों की भीड़ है, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ ओर ही नजर आती है। 15 अगस्त को हम सभी आजादी की 78वीं वर्षगांठ स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं। ऐसे में जनपद का गांव सिकन्दरपुर ऐसा है, जहां आज भी ग्रामीण आजादी से पूर्व जैसे हालातों का सामना करने को मजबूर है। नदी के पार इनके खेत है और नदी पर पुल न होने के कारण महिला हो या पुरुष, बच्चे हों या बूढ़े अपना जीवन दांव पर लगाकर नदी के बीच से ही गुजरकर अपने पशुओं के लिए रोजमर्रा चारा लाने का विवश हो रहे हैं। इसके विरोध में भाकियू नेता विकास शर्मा ने 15 अगस्त के दिन से ही नदी में खड़े होकर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।


जनपद के चरथावल ब्लॉक के गांव सिकंदरपुर से सामने आई कुछ तस्वीरें परेशान करने वाली हैं। इस गांव में निवास कर रहे ग्रामीण नदी के अंदर से होकर अपने खेतों तक जाने का जोखिम उठाने को विवश हो रहे हैं। खेतों से अपने पशुओं के लिए चारा लाना और अपने बच्चों को खेतों तक ले जाने के लिए उनको नदी की धारा को चीरना पड़ता है। इस विवशता पर जिले के अधिकारियों का कोई ध्यान ही नहीं गया। भारतीय किसान यूनियन के युवा मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि नदी में बड़े हयूम पाइप तो डाल दिये गये, लेकिन उन पर पुल का निर्माण नहीं कराया गया है, जिससे ग्रामीणों को नदी पार अपने खेतों में आवागमन के लिए सुविधा मिलती। अस्थाई पुल का निर्माण नहीं होने के कारण ग्रामीण नदी के बीच से खेतों तक आने जाने के लिए विवश हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के साथ हम लोग नदी के अंदर ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनायेंगे और तिरंगा झंडा फहराकर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सोये हुए जिला प्रशासन को जगाने के लिए है, जब तक प्रशासन वहां पर अस्थाई पुल का निर्माण नहीं कराया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रखा जायेगा। 

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