किसान दिवस में उठा मुस्लिमों के उत्पीड़न का मुद्दा, हुआ जमकर हंगामा
पुरबालियान और बुढ़ीना कला में चकबंदी के मामले नहीं निपटने को लेकर किसान संगठनों ने जताई नाराजगी
मुजफ्फरनगर। किसान दिवस के आयोजन के दौरान मामला अचानक ही गरम हो गया। किसानों की समस्याओं को रखते-रखते हुए किसान नेता ने मुस्लिमों को साजिशन निशाना बनाने और हिंदू पंचायतों के ऐलान के दबाव में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर कार्य करने के आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए सामाजिक व्यवस्था बिगड़ने की बात कही तो दूसरे किसान संगठन के एक नेता ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और अफसरों के सामने ही किसान नेता आपस में भिड़ गये। इसके साथ ही जिले के कई गांवों में तीन-चार दशकों से चकबंदी पूर्ण नहीं होने और इसके लिए किसानों का शोषण होने के आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई गई।
शासन की व्यवस्था के अनुसार किसानों की समस्याओं की सुनवाई और उनके निस्तारण के लिए बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित चौ. चरण सिंह सभाकक्ष में किसान समाधान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न किसान संगठनों के सैंकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ ही आम किसान भी पहुंचे थे। आलम यह हो गया कि किसान नेताओं को सभाकक्ष में अधिकारियों के डायस के आगे ही नीचे फर्श पर बैठने को विवश होना पड़ा। इस बीच किसानों की समस्याओं को सुनने और उनका निस्तारण कराने के लिए एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह और एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत मौजूद रहे।
यहां पर अफसरों के समक्ष किसान नेताओं के द्वारा अनेक मुद्दों को उठाया जा रहा था। इसी बीच भाकियू टिकैत के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज पहलवान ने जनपद में आपसी कुछ विवादों में साजिशन हिंदू मुस्लिम कराने के आरोप लगाते हुए पुरबालियान के राज मिस्त्री और प्रधान पति के प्रकरण को उठाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सामाजिक ताने बाने को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। जैसा इस विवाद को हिंदुओं के खिलाफ दर्शाते हुए बड़ा हंगामा किया गया, वैसा कुछ हुआ ही नहीं था। नीरज पहलवान ने कहा कि इस तरह की नफरत भरी सोच से सामाजिक विद्वेष बढ़ रहा है। एक स्वामी जी जो 2013 के दंगों में भी संदिग्ध भूमिका निभा चुके हैं। हिंदू पंचायतों के नाम पर सामाजिक भय पैदा करने का काम करते हुए पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाते हैं और अफसर गलत कार्यवाही करने के लिए चल देते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में भी प्रधान पति को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी जमानत हो गई, लेकिन अभी भी प्रधानपति के खिलाफ साजिश रची जा रही है। जो गलत है। इसी बीच नीरज पहलवान की बातों पर भाकियू अराजनैतिक संगठन के तहसील बुढ़ाना के अध्यक्ष सुधीर पंवार ने कड़ा ऐतराज जताया और इसी को लेकर दोनों संगठनों के नेताओं के बीच बहस हो जाने से माहौल गरमा गया। नीरज पहलवान ने कहा कि मुस्लिमों के प्रति नफरत भरा माहौल बनाया जा रहा है, जो सामाजिक स्तर पर ठीक नहीं है। यदि इतनी ही नफरत इन लोगों को हैं तो वो अब्दुल हमीद, एपीजे अब्दुल कलाम और अशफाक उल्ला खां जैसे मुस्लिमों का इतिहास ही किताबों से मिटा दें। बाद में दोनों पक्षों को समझा बुझकार शांत कर लिया गया।
किसान दिवस में नीरज पहलवान और भाकियू के प्रदेश महासचिव धीरज लाटियान ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पिछले किसान दिवस में उठाई गई समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया। इससे परेशान खड़ी हो रही है। बिजली और चकबंदी के मामले ज्यादा लम्बित हैं। भैंसाना शुगर मिल ने इस सत्र का भुगतान अभी शुरू भी नहीं किया है। पिछला बकाया भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने अधिकारियों से किसानों के गलत बिजली बिल का समाधान कराने की मांग की और पुरबालियान व बुढ़ीना कलां में चकबंदी प्रकरण करीब चार दशक से लम्बित रहने पर भी नाराजगी जताई। नीरज पहलवान ने कहा कि पुरबालियान में 36 साल से चकबंदी चल रही है, लेकिन आज तक पूरी नहीं की गई। इस बीच किसान बर्बाद हो गये हैं। इस दौरान एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि पुरबालियान में चकबंदी प्रक्रिया को जल्द पूर्ण कराने के लिए जिलाधिकारी द्वारा छह टीमों का गठन कर दिया गया है। इस दौरान एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत, नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, कृषि अधिकारी संतोष यादव, भाकियू जिलाध्यक्ष, नवीन राठी, श्यामपाल चेयरमैन पश्चिम प्रदेश सचिव, विदेश मोतला मंडल महासचिव एनसीआर, प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज पहलवान, भाकियू अराजनैतिक के अंकित चौधरी, सुधीर पंवार आदि मौजूद रहे।