पालिका के पथ प्रकाश विभाग में नहीं विद्युत पोल का रिकॉर्ड
शहर के 55 वार्डों में मुख्य मार्ग से लेकर वार्डों की गलियों में कितने खम्भो पर लगी एलईडी लाइट के सवाल पर जवाब में खो गया विभाग
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् का पथ प्रकाश विभाग भाजपा सभासद की शिकायत के बाद चर्चाओं में है। अब इस विभाग की आंकड़ेबाजी को लेकर नया खुलासा हुआ है। पूर्व में खरीदी गई चार हजार एलईडी लाइट के वितरण और अधिष्ठापन को लेकर अधिशासी अधिकारी द्वारा बैठाई जांच में कई सवालों में पथ प्रकाश विभाग घिरा नजर आ रहा है। विभाग के पास ऐसा कोई भी सटीक आंकड़ा नहीं है, जिसमें विभागीय अधिकारी और कर्मचारी यह बता पायें कि आखिर शहरी क्षेत्र में पथ प्रकाश के लिए कितने खम्भे लगे हुए हैं। ऐसा कोई आंकड़ा नहीं होने के बावजूद भी विभाग लगातार एलईडी लाइटों का वितरण कर रहा है। अब ईओ ने इस सम्बंध में भी प्रभारी अधिकारी पथ प्रकाश से जवाब तलब किया है। इसमें मौखिक रूप से उनको केवल यही बताया गया कि करीब 22 हजार विद्युत पोल का एक आइडिया लेकर विभाग काम कर रहा है। ऐसे में अब विभाग को विद्युत पोल की गिनती कर एक सटीक आंकड़ा जुटाने के लिए कहा गया है।
शहरी क्षेत्र में पथ प्रकाश के लिए अधिकांश स्थानों पर विद्युत विभाग के ही पोल लगे हुए हैं। इनमें मुख्य मार्गों पर कुछ स्थानों पर नगरपालिका परिषद् के द्वारा पोल्स लगाये गये हैं। रात्रि में मुख्य मार्ग और वार्ड की गलियों में रोशनी के लिए पालिका का पथ प्रकाश विभाग कार्य करता है। सीमा विस्तार के बाद पालिका में 11 गांव का क्षेत्र भी शामिल हुआ और वार्डों की संख्या 55 हो गई है। पथ प्रकाश विभाग लगातार एलईडी लाइटों की खरीद करते हुए इनका वितरण कर रहा है, लेकिन आज तक भी पालिका के पास शहरी क्षेत्र में विद्युत पोल्स का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है। इससे पूर्व बोर्ड में 15927 विद्युत पोल्स होने का एक आइडिया लेकर विभाग काम करता रहा है, अब मौजूदा बोर्ड में सीमा विस्तार के बाद पथ प्रकाश विभाग ने अपने आइडिया से यह आंकड़ा 22 हजार विद्युत पोल कर लिया है। इसमें कोई भी अधिकारिक संख्या बल नहीं जुटाया गया है, जबकि पूर्व में एक बार विद्युत पोल का सर्वे कराया गया था। इसके बाद भी पालिका के पथ प्रकाश विभाग में कोई आंकड़ा सुरक्षित नहीं किया गया। भाजपा सभासद देवेश कौशिक की शिकायत के बाद चल रही जांच पड़ताल में यह बात सामने आने पर अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने नाराजगी जताई और उन्होंने पथ प्रकाश प्रभारी अवर अभियंता जलकल धर्मवीर सिंह को पत्र लिखकर शहरी क्षेत्र में विद्युत पोल की संख्या की जानकारी मांगी है, लेकिन अभी तक उनको कोई जवाब नहीं दिया गया है।
पथ प्रकाश प्रभारी जेई धर्मवीर का कहना है कि विभागीय स्तर पर उपलब्ध आंकड़े के अनुसार करीब 22 हजार विद्युत पोल हैं, जिनको लेकर विभाग काम करता है। उन्होंने कहा कि ईओ द्वारा मांगी गई जानकारी पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जल्द ही उनको आंकड़ा उपलब्ध कराया जायेगा। वहीं ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह का कहना है कि पथ प्रकाश विभाग के पास अभी तक शहरी क्षेत्र के विद्युत पोल का कोई संख्यात्मक सटीक आंकड़ा ही नहीं है। एक आइडिया पर ही काम किया जा रहा है। ऐसे में यह भी नहीं पता चल पायेगा कि कहां किस पोल पर कब और कितनी बार एलईडी लाइट लग चुकी है। उन्होंने विभाग से संख्यात्मक रिपोर्ट मांगी है ताकि शहरी क्षेत्र के विद्युत पोल का एक आंकड़ा हमारे सामने आ सके। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर पथ प्रकाश विभाग के कर्मियों को लगाकर शहरी क्षेत्र के विद्युत पोल का सर्वे कराते हुए उनको नम्बरिंग कराई जायेगी और एक सटीक आंकड़ा बनाकर काम किया जायेगा। इसमें ऐसे भी स्थान है, जहां पोल नहीं होने पर भी किसी के मकान की दीवार या अन्य स्थान पर भी विद्युत लाइट लगाई गई है। उन स्थानों को भी चिन्हित कर रिकार्ड में शामिल किया जायेगा। शहरी क्षेत्र के तमाम प्रकाश बिन्दुओं को एक नम्बर देकर सूचीब( करने का काम जल्द शुरू कराया जायेगा ताकि भविष्य में भी उसी नम्बर से उनकी पहचान होकर रिकार्ड सुरक्षित किया जा सके।
दिन में सड़कों की लाइट जली रहने पर ईओ नाराज
मुजफ्फरनगर। शहरी क्षेत्र में मुख्य मार्गों पर पथ प्रकाश के लिए लगाई गई एलईडी और हाईमास्ट लाइट दिन में भी जली रहने पर पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पथ प्रकाश प्रभारी जेई धर्मवीर सिंह और लिपिकों राजीव वर्मा व संदीप कुमार के समक्ष नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि लाइटों को खोलने और बंद करने के लिए जो भी कर्मचारी हैं, उनके साथ सख्ती की जाये। ईओ ने बताया कि कई बार वो खुद भी देख चुकी हैं कि दिन में ही मुख्य सड़कों की लाइटें खुली रहती है और पूरे दिन जलने के कारण बिजली का दुरुपयोग हो रहा है। उनको बताया गया कि पहले मुख्य मार्गों की लाइटों का मल्टी फंक्शन कर एक मास्टर स्विच की व्यवस्था कराई गई थी, जिससे एक ही स्विच से कई लाइटों को बंद किया जाता है। उन्होंने ऐसी ही व्यवस्था करने और कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने के साथ ही नागरिकों से भी अपील की है कि वो अपने घर और प्रतिष्ठान के सामने लगी लाइटों को दिन में बंद रखने में सहयोग प्रदान करें।