MUZAFFARNAGAR-दो दिन की बारिश से हाल बेहाल, गरीब का आशियाना ढहा, एक की मौत

शहर से गांव देहात तक बारिश के कारण जलभराव की समस्या हुई विकराल, खेतों में खड़ी फसलों का नुकसान, शहरी बाजारों में सन्नाटा, नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण खादर में बाढ़ का खतरा

Update: 2024-09-13 10:00 GMT

मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चार दिनों की बारिश का भरपूर असर मुजफ्फरनगर जनपद में भी देखने को मिला। दो दिनों की बारिश ने ही जनपद में हाल बेहाल कर दिया। शहर से लेकर गांव और देहात क्षेत्र तक व्यवस्था ठप होकर रह गई। दूसरे दिन भी लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों के लिए आफत खड़ी हो गई और जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित नजर आया। ककरौली के एक गांव में बारिश के कारण देर रात एक गरीब का अशियाना ढह जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। ग्रामीणों ने परिवार के लिए मुआवजे की मांग की तो वहीं शुक्रवार को दूसरे दिन भी 48 घंटे की लगातार बारिश के असर के कारण शहरी बाजारों से रौनक गायब रही तो शहर से गांवों तक जलभराव के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते निचले इलाकों में आवागमन भी दूभर हो गया है और कई मकानों को जलभराव ने अपने चपेट में ले लिया। बारिश के साथ ही शहर और गांवों के अधिकांश हिस्से में बिजली भी ठप रहने से लोगों को दिक्कतों का सामना करने के लिए विवश होना पड़ा। शहर के कई इलाके बारिश और बिजली की दोहरी मार झेलते नजर आये।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले चार दिनों से लगातार पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से गंगा और यमुना के साथ ही इनकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का उफान दिखाई देने लगा है। गंगा के साथ ही इसकी सहायक सलोनी नदी का जल स्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग बाढ़ के भय से भयभीत हो रहे हैं। वही गांव के संपर्क मार्गाे पर आवागमन में भी ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खादर में वन्य जीव भी लगातार बारिश से बचने के लिए आबादी में पहुंचने लगे हैं। पिछले करीब एक महीने से गंगा नदी का जल स्तर कम होने से वह शांत स्वभाव में चल रही थी। ग्रामीणों को भी बाढ़ का खतरा नहीं था और उम्मीद जताई जा रही थी कि खेतों में खड़ी बंपर फसल का अच्छा उत्पादन होगा लेकिन पिछले चार दिनों से अचानक मौसम में आए बदलाव के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। इसके साथ ही पिछले 48 घंटे से मुजफ्फरनगर में शुरू हुई बारिश अब रुकने का नाम नहीं ले रही है। इस कारण जिले में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। उधर पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश के कारण हरिद्वार से गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बिजनौर बैराज पर तैनात अवर अभियंता पीयूष कुमार के अनुसार शुक्रवार सुबह आठ बजे बिजनौर बैराज से गंगा का जलस्तर 73 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया। वहीं हरिद्वार से जल स्तर और भी बढ़ा है, इसका प्रभाव शाम तक बिजनौर बैराज पर देखने को मिलेगा। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों की टीम को सक्रिय करते हुए खादर में अलर्ट घोषित कर दिया है। प्रशासनिक अफसरों ने बारिश के कारण नदियों के जल स्तर में और भी अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना जताई है और डूब क्षेत्र में आ रहे गांवों के ग्रामीणों से ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने के लिए अपील की जा रही है।

वहीं यह बारिश लोगों के जीवन के लिए आफत भी बनने लगी है। लगातार कभी तेज और कभी मध्यम होती इस बारिश के कारण ककरौली थाना क्षेत्र के गांव जटवाडा में बीती देर रात हादसा हो गया। यहां पर एक गरीब परिवार का कच्चा आशियाना बारिश के दबाव को नहीं झेल पाया और कच्चे मकान की छत अचानक ही भरभराकर गिर पड़ी। हादसे के समय इस मकान में 42 वर्षीय ताहिर पुत्र खुर्शीद राजपूत सो रहा था, जो मलबे में दब गया और उसकी मौत हो गई। ताहिर मकान में अकेला ही सो रहा था। उसकी मौत के कारण परिवार में कोहराम मच गया। हादसे के बाद ग्रामीणों ने मलबा हटाते हुए ताहिर को निकाला लेकिन तब तक वो दम तोड़ चुका था। हादसे की जानकारी मिलने पर पुलिस और तहसील कर्मी गांव में पहुंचे तथा मृतक के सम्बंध में जानकारी जुटाई। इस दौरान ग्राम प्रधान नवाब अली भी अन्य ग्रामीणों और परिवार के लोगों के साथ पहुंच गये थे। ग्रामीणों ने परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मुआवजे की मांग की। प्रधान नवाब अली ने बताया कि मृतक ताहिर मजदूरी कर अपनी आजीविका चला रहा था। उसके आठ बच्चे हैं। इनमें से एक लड़की की शादी वो कर चुका है। बारिश शुरू होने के बाद ताहिर का बड़ा भाई उसके सातों बच्चों को अपने घर ले गया था। जबकि ताहिर का मकान गांव के जंगल के नजदीक है। वहां उसने दो भैंस भी बांध रखी है। दोनों पति पत्नी वहीं अपने कच्चे मकान में रूक गये थे। पत्नी बाहर बने छप्पर में सो रही थी, जबकि ताहिर कच्चे मकान में भीतर सो गया था। रात्रि करीब सवा दो बजे बारिश के कारण मकान की एक दीवार गिरी और इसके बाद पूरी छत भरभराकर ढह गई, इसमें ताहिर की मौत हो जाने के कारण परिवार में कोहराम है। परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया और जुमे की नमाज के बाद मृतक का दफीना कर दिया गया।

स्कूल में पहुंचे बच्चे फिर डीएम को याद आया बरसाती अवकाश


मुजफ्फरनगर। गुरूवार को उत्तराखंड से स्कूलों में अवकाश की खबरें आई तो 48 घंटे से लगातार होती बारिश के बीच ही जनपद में भी स्कूलों में अवकाश होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन शुक्रवार की सुबह तक भी ऐसा कोई आदेश नहीं होने के कारण बच्चों को भीगते हुए बारिश में ही स्कूल जाने के लिए विवश होना पड़ा। जब जनपद के स्कूलों में बच्चे पहुंच गये और कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया गया, तब जिला बेसिक शिक्षा अधिकार संदीप कुमार की ओर से शुक्रवार को स्कूलों में बारिश के कारण अवकाश का आदेश जारी किया गया। इसमें कहा गया कि जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी के आदेशानुसार शुक्रवार को लगातार बारिश के कारण कक्षा आठवीं तक के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है, यदि बारिश लगातार रहती है तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में अभिभावकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि यदि यही फैसला समय से ले लिया जाता तो शुक्रवार को बारिश में भीगते हुए बच्चों को स्कूल जाने के लिए विवश तो न होना पड़ता। 

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