गायत्री प्रजापति को दुष्कर्म के मामले में पीडिता ने दी क्लीन चिट

महिला ने यह कहकर अब उन्हें एक तरह की क्लीन चिट दे दिया है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं और उससे जबरन पूर्व मंत्री के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

Update: 2020-09-07 06:01 GMT

लखनऊ। सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को कानूनी दांवपेंच में एक सहारा मिला है। उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने यह कहकर अब उन्हें एक तरह की क्लीन चिट दे दिया है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं और उससे जबरन पूर्व मंत्री के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीते शुक्रवार को दो माह की अंतरिम जमानत मिली है।

दुष्कर्म के मामले में कोर्ट में मुकदमा झेल रहे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ महिला द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखा गया है कि हमीरपुर के अतरौलिया निवासी रामसिंह और उसके साथी दिनेश त्रिपाठी व आशू गौड़ ने उसके साथ बलात्कार किया था। गौतमपल्ली थाने में 17 सितम्बर 2019 को दी गई तहरीर पर पुलिस ने 27 दिसंबर 2019 को मुकदमा दर्ज किया। इसमें आरोप लगाया है कि राम सिंह और उसके साथी ने दिल्ली के पहाड़गंज स्थित जिंदल होटल में दुष्कर्म किया। उसकी नाबालिग बेटी से भी बलात्कार कर उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था। अब उक्त महिला ने गायत्री को दुष्कर्म के मामले में क्लीनचिट देते हुए लिखा है कि राम सिंह राजपूत ने षड्यंत्र रचते हुए उसके फर्जी हस्ताक्षर किए और ब्लैकमेल करके पूर्व मंत्री के खिलाफ बयान दिलवाए थे। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह पूर्व खनन मंत्री पर खनन का पट्टा देने के लिए दबाव डाल रहा था। पट्टा न मिलने पर उसने झांसा देकर उसे और उसकी बेटी को कब्जे में लेकर पूर्व मंत्री को फंसाया। विरोध पर उसे और उसकी जान से मारने और फोटो वायरल करने की धमकी दी जाती थी।

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