आगरा के व्यापारी से साइबर ठगी में मुजफ्फरनगर के दो सगे भाई गिरफ्तार

महाराष्ट्र के साइबर ठगों के साथ मिलकर चला रहे थे गिरोह, युवती के सहारे फंसाया जाता था शिकार, एक माह में हड़पे 5.50 करोड़;

Update: 2025-03-13 08:43 GMT

आगरा/मुजफ्फरनगर। महाराष्ट्र में बैठे साइबर ठगों ने युवती की मदद से आगरा के कमला नगर के व्यापारी धर्मेंद्र गुप्ता को जाल में फंसाकर 42.50 लाख की ठगी कर ली थी, युवती ने फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर व्यापारी से दोस्ती की थी। इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में रकम लगाने पर व्यापारी को कई बार बड़ा मुनाफा दिया और फिर मोटी रकम लगवाने का झांसा देकर पैसा हड़प कर लिया गया। इस साइबर ठगी में मुजफ्फरनगर का नाम भी जुड़ गया है। यहां के दो सगे भाई इन साइबर ठगों के गिरोह के सदस्य बताये गये हैं, जो युवती के सहारे मोटी रकम ऐंठते थे। इन दोनों भाइयों का रेस्टोरेंट का कारोबार और उनके बैंक खातों में पिछले एक माह में ही 5.50 करोड़ रुपये कई खातों से आये हैं, जो निकाल लिए गये। ये दोनों भाई जल्दी मालामाल होने के कारण इस साइबर ठग गिरोह का हिस्सा बने और नोएडा के एक एजेंट ने दिल्ली के परचून व्यापारी और मुजफ्फरनगर के रेस्टोरेंट संचालक दो भाइयों के खातों में रकम डलवाई थी। आगरा पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर यह खुलासा किया है।

एसीपी हरीपर्वत आगरा आदित्य सिंह ने बताया कि कमला नगर निवासी धर्मेंद्र गुप्ता के पास 19 जनवरी को फेसबुक पर अनु अरोरा नाम से एक युवती की फ्रेंड्स रिक्वेस्ट आई थी। उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया। इसके बाद युवती ने चैटिंग शुरू कर दी। दोनों ने अपने मोबाइल नंबर भी साझा कर लिए। युवती ने खुद को फैशन डिजाइनर बताया और फिर दोनों के बीच लम्बी बातचीत होने लगी। दरअसल युवती साइबर ठगों के गिरोह की सदस्य थी। उसने व्यापारी को क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच दिया। पहले कम रकम लगवाई और वो रकम एक मोटे मुनाफे के साथ व्यापारी को वापस भी कर दी। इससे युवती उसका विश्वास जीतने में सफल हो गई और दोस्ती तथा व्यापार के बीच व्यापारी लालच में आ गए। बाद में मोटा मुनाफा बताकर 42.50 लाख ट्रांसफर करा लिए। व्यापारी को जब ठगी का पता चला देर हो चुकी थी। मामला साइबर थाने में पहुंचा। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। जिन नंबर से काल हुए थे। वहीं जिन खातों में रकम गई थी, उन सभी की डिटेल निकलवाई गई।

इसमें पता चला कि कॉल मुंबई, महाराष्ट्र से किए जा रहे थे। जिस नंबर से कॉल किए गए, उनसे दिल्ली, मुजफ्फरनगर और नोएडा के लोगों के पास भी कॉल जा रहे थे। पुलिस ने सभी की जानकारी जुटाई। इसके बाद चार लोगों को पकड़ लिया। इनमें तीन लोगों के खाते का इस्तेमाल रकम लेने में किया गया था। पुलिस ने पहाड़गंज, दिल्ली निवासी लखन सिंह, ग्रेटर नोएडा निवासी अनुज कुमार, मुजफ्फरनगर जनपद की अवध विहार कालोनी, मुजफ्फरनगर निवासी सगे भाई तरन कुमार और वतन कुमार को गिरफ्तार किया है। लखन का गाजियाबाद में परचून का कारोबार है। मुजफ्फरनगर के सगे भाई तरन और वतन के उत्तराखंड और मुजफ्फरनगर में रेस्टोरेंट हैं। अनुज कुमार ब्रेड सप्लाई काम करता है। अनुज ही मुंबई की युवती और एक अन्य के संपर्क में है। इस ठगी में फंसे रेस्टोरेंट संचालक भाई तरन और वतन कुमार का कहना है कि वह अपना खाता संचालित नहीं करते थे। उनका मैनेजर खातों में लेनदेन करता था। उन्हें धोखाधड़ी की रकम आने की जानकारी नहीं थी। मगर, खातों में आने वाले ओटीपी साइबर ठगों से कैसे पहुंच रहे थे? यह वो नहीं बता सके। आगरा पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि लखन सिंह, तरन कुमार और वतन कुमार के 2 खातों में पिछले एक महीने में 5.50 करोड़ से अधिक की रकम पहुंची थी। इस रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करके निकाल लिया गया। 

Similar News