फर्जी साइन प्रकरण में चेयरपर्सन ने बैठाई जांच, ईओ से तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
चेयरपर्सन के आदेश पर ईओ ने गठित की जांच समिति, जन्म प्रमाण पत्र आवेदन पर सीएसआई के कर दिये गये थे फर्जी हस्ताक्षर
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन के लिए की गई जांच रिपोर्ट पर जांच कमेटी के सदस्य सीएसआई के फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला गरमाया हुआ है। इस प्रकरण में सीएसआई द्वारा ईओ को रिपोर्ट सौंपने के बाद जहां पटल लिपिक को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है, तो वहीं अब इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए चेयरपर्सन द्वारा जांच के आदेश जारी करते हुए ईओ से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी है। इस पर ईओ ने दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, इससे पालिका में नई हलचल शुरू हो गई है।
नगरीय क्षेत्र में एक साल से ज्यादा समय के जन्म और मृत्यु प्रकरणों को लेकर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए शपथ पत्र के साथ आवेदन सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में होने की व्यवस्था है, इसमें वहां से आवदेन की जांच के लिए पत्रावलियां नगरपालिका परिषद् में भेजी जाती हैं, ईओ द्वारा अग्रसारित जांच रिपोर्ट के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय से सुनवाई के बाद निर्णय लिया जाता है। आवेदन पत्रों की जांच के लिए ईओ डाॅ. प्रज्ञा सिंह के द्वारा सीएसआई योेगेश कुमार और एसआई प्लाक्षा मैनवाल की कमेटी गठित की हुई है। इसमें अक्टूबर में एक व्यक्ति के द्वारा अपने पुत्र के जन्म प्रमाण पत्र के लिए किये गये आवेदन की जांच में बड़ा झोल सामने आया है। जांच कमेटी के सदस्य सीएसआई योगेश कुमार के फर्जी हस्ताक्षर कर रिपोर्ट ईओ के माध्यम से सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय को अग्रसारित कर दी गई। मामला तब खुला जबकि जांच में खामी रहने के कारण पुनः परीक्षण के लिए यह पत्रावली पालिका को वापस कर दिया गया। जब सीएसआई ने परीक्षण किया तो पूर्व जांच रिपोर्ट पर उनके हस्ताक्षर ही फर्जी पाये गये। इसको लेकर उन्होंने अपनी रिपोर्ट ईओ डाॅ. प्रज्ञा सिंह को सौंपते हुए जांच करने से इंकार कर दिया। ऐसे में ईओ ने सम्बंधित पटल के लिपिक नितिन कुमार को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण तलब किया है।
अब इस मामले में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने संज्ञान लेकर जांच के आदेश देते हुए ईओ डाॅ. प्रज्ञा से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि जन्म मृत्यु पटल पर जांच कमेटी के सदस्य के रूप में सीएसआई के फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला गंभीर है। इससे पालिका की छवि खराब होने के साथ ही कार्य व्यवस्था में अनियमितता होने की संभावना भी प्रबल हो गई हैं। ऐसे में उन्होंने ईओ से जंाच करते हुए प्रकरण में तीन दिन में अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है। ईओ डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि प्रकरण में पहले से ही कार्यवाही की जा रही है। लिपिक से जवाब मांगा गया है, अभी जवाब नहीं मिला है। ऐसे में चेयरपर्सन के आदेश के अनुसार जांच कराई जा रही है। इसके लिए दो सदस्यीय टीम का गठन किया जा रहा है। तीन दिन में प्रकरण में जांच रिपोर्ट मांगी गयी है। सीएसआई को जांच समिति में पूर्व की भांति कार्य करने के लिए भी निर्देशित कर दिया गया है। जांच में जो भी दोषी साबित होगा, उसके खिलाफ गंभीर कार्यवाही की जायेगी।
रिकाॅर्ड रूम में फिर मिला प्राइवेट कर्मचारी, चेयरपर्सन हुई नाराज
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् का रिकाॅर्ड लाख सख्ती और आदेशों के बावजूद भी संभाले नहीं संभल रहा है। इसका प्रमाण बुधवार को सुबह उस समय स्वयं पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को मिला, जबकि वो टाउनहाल में औचक निरीक्षण के लिए पहुंची। उनको रिकाॅर्ड रूम में लिपिक तनवीर आलम के साथ प्राइवेट कर्मचारी फरहत फिर से कार्य करते हुए मिला, तो उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने लिपिक को अंतिम चेतावनी देते हुए प्राइवेट कर्मचारी को हटाने के लिए कहा है। बता दें कि बुधवार को औचक निरीक्षण के लिए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप टाउनहाल पहुंचे और कर विभाग के बाद वो सीधे रिकाॅर्ड रूम पहुंची। यहां पर उनको फिर से वो ही प्राइवेट कर्मचारी फरहत कार्य करते हुए मिला, जो पूर्व के निरीक्षण में वहां पर मौजूद था और उसको हटाने के निर्देश देने के साथ ही रिकाॅर्ड रूम के प्रभारी लिपिक तनवीर आलम को नोटिस जारी करते हुए कार्य व्यवहार सुधारने की चेतावनी दी थी। चेयरपर्सन ने इसको लेकर लिपिक तनवरी के आचरण पर कड़ी नाराजगी जताई और आदेशों के अनुपालन की अवहेलना को लेकर वो जमकर भड़कीं तथा चेतावनी दी कि यदि फरहत रिकाॅर्ड रूम में मिला तो गंभीर कार्यवाही की जायेगी। इसके लिए उन्होंने ईओ डाॅ. प्रज्ञा सिंह को भी निगरानी के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति को परखा तथा अन्य विभागों के साथ ही टाउनहाल परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को भी निरीक्षण कर ठेकेदार को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिये।