तकनीक के सहारे खेती को उद्योग बनाने का खोलेंगे मार्गः उमेश मिश्रा
नए जिलाधिकारी बोले-मुजफ्फरनगर के पास गौरवशाली इतिहास, हम मिलकर इसको दिलाएंगे विशेष पहचान, खेती, खिलाड़ी, उद्योग के सहारे युवाओं को उपलब्ध कराये जायेंगे रोजागर के नये अवसर
मुजफ्फरनगर। जिले के नए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने साफ तौर पर कहा कि मुजफ्फरनगर के पास अपना एक वृहद और गौरवशाली इतिहास है। हम इस इतिहास को मिलकर एक नई पहचान दिलाने का प्रयास करेंगे ताकि मुजफ्फरनगर को देश और दुनिया तक यहां कि किसानों, उमद्यमियों, खिलाड़ियों और युवाओं के सहारे एक विशेष पहचान मिले। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकताओं पर काम होगा, लेकिन हम इस जिले की खेती को तकनीक के सहारे उद्योग में परिवर्तित करने और उद्योगों को सरहारी योजनाओं के सहारे प्रोत्साहित करते हुए युवाओं को अपने ही जिले में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने का काम करेंगे। खेती और खिलाड़ी के सहारे हम इस जिले को आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए उन्होंने जनता और मीडिया से सभी सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सहयोग मांगा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश शासन ने कुशीनगर में तैनात आईएएस उमेश मिश्रा को मुजफ्फरनगर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया। सोमवार को सवेरे उन्होंने कलेक्ट्रेट स्थित जिला कोषागार पहुंचकर चार्ज संभाला और इसके बाद विकास भवन सभागार में पत्रकारों से परिचय बैठक में खुलकर बात की। उमेश मिश्रा ने बताया कि वो प्रयागराज के मूल निवासी हैं और पीसीएस अधिकारी के रूप में उन्होंने सिविल सर्विस को ज्वाइन किया। वो करीब 9 साल लखनऊ में तैनात रहे। 2018 में उनको आईएएस कैडर में प्रमोट किया। इसके बाद वो शासन में विशेष सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रहे। 2019 को उनको अमरोहा में जिलाधिकारी बनाया गया। इसके बाद वो बिजनौर और कुशीनगर में तैनात रहे। जिलाधिकारी के रूप में मुजफ्फरनगर उनका चौथा जिला है। वो पांच साल से लगातार डीएम पद पर कार्यरत हैं।
नवागंतुक जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि शासन की योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन और पात्रों को इनका लाभ पहुंचाने के लिए इनको धरातल पर उतारना ही उनकी प्राथमिकता है। यहां आने से पूर्व तीनों जिलों में उनको काम करने का भरपूर अवसर और समय मिला है। वो जनता को अपनी आंख और कान मानकर कार्य करते हैं। मीडिया उनके लिए हाथ और पांव के समान ही सहयोगी है। जनता और मीडिया ही हमें नित्य मार्गदर्शन देकर कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं। हर जिले का स्वभाव, इतिहास और समस्या अलग होती हैं। हम सभी से मिलकर यहां पर कुछ अच्छी चीजें करने का काम करेंगे। यहां साहित्य, संस्कृति और खेल के साथ ही दूसरे क्षेत्रों में भी अच्छी प्रतिभाएं हैं। उनको और निखारा जायेगा। इसके साथ ही जिले का जो गौरवशाली इहितास है, हम उसको आगे ले जाने का काम करेंगे।
यहां पर शुकतीर्थ जैसा प्राचीन धार्मिक तीर्थ है, इसके सौन्दर्यकरण और विकास के लिए सरकार ने जो भी योजनाएं चलाई हैं, उनको विशेष स्तर पर पूर्ण कराया जायेगा। इसको धार्मिक पर्यटन के रूप में हम विकसित करेंगे। जनता और मीडिया के सहयोग से यहां जो भी ऐतिहासिक चीजें हैं, हम उनको संवारेंगे ताकि युवा पीढ़ी अपने जिले के इतिहास को जानकार गौरवान्वित हो सके। हम यहां पर खेती को तकनीक के सहारे उद्योग में बदलने का प्रयास करेंगे, उद्योगों को सरकारी योजनाओं के दायरे में लाकर निखारेंगे, औद्योगिकीकरण करते हुए युवाओं को अपने ही जिले में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करायेंगे। किसानों को प्रशिक्षण और उद्यमियों को प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा। सड़क, बिजली और पानी सहित सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि जनता के अनुभव को साथ लेकर हम जिले को एक नई पहचान दिलाने का काम शुरू करेंगे। इस दौरान सीडीओ संदीप भागिया, एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, एडीएम वित्त गजेन्द्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप भी मौजूद रहे। बता दें कि आईएएस उमेश मिश्रा ने बिजनौर में अपने ढाई साल के कार्यकाल में वहां विदुर कुटी के विकास के साथ ही सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का सौन्दर्यकरण करने का काम किया है। इसके साथ ही उनके द्वारा बुद्धनगरी कुशीनगर में भी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को नई पहचान दिलाई है। अब मुजफ्फरनगर में भी वो यही प्रयोग दोहराने के प्रयास में हैं। इससे पूर्व नवागत जिलाधिकारी उमेश मिश्रा सवेरे कलेक्ट्रेट स्थित जिला कोषागार के डबल लॉक रूम पहुंचे। यहां पुलिस की टुकड़ी द्वारा गॉड आफ आनर से स्वागत किया गया। यहां उन्होंने चार्ज लिया। इस दौरान सीडीओ संदीप भागिया, एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, एडीएम वित्त राजस्व गजेंद्र कुमार, वरिष्ठ कोषाधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप सहित उप जिलाधिकारी एवं संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
चेयरमैन जहीर की बढ़ी उम्मीद, सूली वाला बाग को मिलेगा उसका हक
मुजफ्फरनगर। नए जिलाधिकारी ने जिस तरह से अपनी पहली ही प्रेस वार्ता में जनपद के इतिहास को संवारने का जज्बा दिखाया और सूली वाला बाग का जिक्र किया, उससे पुरकाजी के चेयरमैन भाकियू नेता जहीर फारूकी की उम्मीदों को और पंख लगते नजर आ रहे हैं। 2015 में पहली बार जहीर के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकालकर सूली वाला बाग के शहीदों के सम्मान में ध्वजारोहण किया गया था। 1857 की क्रांति से लेकर आजादी तक सैकड़ों देशभक्तों को यहां सूली चढ़ाकर शहीद किया गया। जहीर बताते हैं कि सूलीवाला बाग के तालाब में बेहद गंदगी थी, नगर पंचायत पुरकाजी के सहारे उन्होंने इसे आज शहीद स्मारक घोषित कर विकास कराया। वो लगातार इसे राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा दिये जाने की मांग उठा रहे हैं। डीएम उमेश मिश्रा ने कहा कि वो सूली वाला बाग सहित सभी ऐतिहासिक स्थलों का विकास करायेंगे।