पुलिसकर्मियों को रौंदने का प्रयास करने वाली स्कॉर्पियो पर लगा था भाकियू का झंडा, संगठन ने कहा-गलत व्यक्ति से संगठन का कोई संबंध नहीं, अनुशासनहीन पदाधिकारियों को सख्ती का संदेश
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में गुरुवार रात हुए एक सनसनीखेज घटनादृक्रम के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने अपने संगठन की छवि पर किसी भी तरह की आंच न आने देने का सख्त संदेश जारी किया है। पुलिस चेकिंग के दौरान एसपी सिटी व फोर्स को रौंदने की कोशिश करने वाली काली स्कॉर्पियो कार पर भाकियू का झंडा लगा मिलने के बाद संगठन ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए स्पष्ट कर दिया कि इसमें पकड़े गये युवकों का भाकियू से कोई वास्ता नहीं है और ऐसे मामलों में संगठन से जुड़ाव दिखाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
गुरुवार रात शिव चौक पर चेकिंग के दौरान काली स्कॉर्पियो सवार युवकों ने पुलिस टीम व एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत को रौंदने का प्रयास किया। विवाद बढ़ा तो यह बात सामने आई कि वाहन पर भारतीय किसान यूनियन का झंडा लगा हुआ था। इस मुद्दे पर गहराते सवालों के बीच भाकियू ने तत्काल स्पष्ट किया है कि उन युवकों से संगठन का कोई संबंध नहीं है।

भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारतीय किसान यूनियन अपने नाम का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहाकृकि भाकियू का कोई भी पदाधिकारी अपना पद लिखकर या संगठन की झंडी लगाकर अनुशासनहीनता करेगा, तो उसे किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ संगठनात्मक कार्रवाई निश्चित है। उन्होंने बताया कि संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों की ओर से सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि कोई भी कार्यकर्ता अपनी गाड़ी,दृबाइक पर झंडा या पट्टी लगाकर अभद्रता, दबंगई या गैरकानूनी गतिविधि करता है तो यह उसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानी जाएगी, न कि संगठन की। काली स्कार्पियो कार में पकड़े गये चारों युवकों का संगठन से कोई संबंध नहीं होने का दावा करते हुए नवीन राठी ने बताया कि उनके द्वारा बिजनौर संगठन के लोगों से भी जांच पड़ताल करा ली गई है। कोई भी संबंध युवकों का यूनियन से नहीं पाया गया है।
वहीं महानगर अध्यक्ष एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव गुलबहार राव ने भी बयान जारी करते हुए कहाकृकि भाकियू में अनुशासन सर्वाेपरि है। संगठन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी हरकत को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाईकमान के आदेश पर सभी पदाधिकारियों को चेतावनी दी गई है कि संगठन का झंडा या पदनाम प्रयोग कर किसी प्रकार का रौब जमाना या अवैध गतिविधि को अंजाम देना सख्त दंडनीय माना जाएगा। वहीं दूसरी ओर प्रकरण के तहत पुलिस की एफआईआर में उपनिरीक्षक मोहित कुमार ने उल्लेख किया है कि काली स्कॉर्पियो के बोनट पर बाईं ओर भारतीय किसान यूनियन रजिस्ट्रेशन नम्बर 4981 लिखा झंडा लगा था।






