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भाकियू अध्यक्ष बोले-बिजनौर में सीएमओ तेवतिया को अपमानित किया

नरेश टिकैत ने महिला आयोग सदस्या के छापे को लेकर उठाये सवाल, जाट महासभा मुजफ्फरनगर ने भी जताया आक्रोश

मुजफ्फरनगर। पडौसी जनपद बिजनौर के कस्बा चांदपुर में अपनी निजी आवास पर अपनी पत्नी के क्लीनिक जनजीवन नर्सिंग होम पर राज्य महिला आयोग की सदस्या संगीता अग्रवाल के औचक निरीक्षण में कथित रूप से प्राइवेट पै्रक्टिस करते हुए पकड़े गये मुजफ्फरनगर के सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया के समर्थन में आवाज उठने लगी हैं। इस छापे और इसकी खबरों को लेकर संगठनों ने मीडिया पर भी सवाल उठाये और चेतावनी दी तो वहीं अब सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन और जाट महासभा मुजफ्फरनगर जैसे संगठनों के शीर्ष नेतृत्व ने आवाज मुखर की और निष्पक्ष जांच की वकालत की है।
बता दें कि रविवार के दिन मुजफ्फरनगर के सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया जनपद बिजनौर के अपने चांदपुर कस्बा स्थित आवास पर गये हुए थे। वहां पर उनकी पत्नी जनजीवन नर्सिंग होम चलाती हैं। इसी बीच वहां पर राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश की सदस्या संगंीता अग्रवाल ने पुलिस फोर्स के साथ आकस्मिक छापा मार दिया। आरोप है कि टीम जब दाखिल हुई तो सीएमओ डॉ. तेवतिया लोगों को परामर्श दे रहे थे और 300 रुपये परामर्श शुल्क की पर्ची भी पकड़ी गई। बाहर लगे बोर्ड पर भी उनका नाम अंकित किया गया था। टीम को देखकर वो टॉयलेट में जाकर छिप गये। इस मामले में संगीता अग्रवाल के बयानों के आधार पर मीडिया में खबरें चली तो हंगामा मच गया। संगीता अग्रवाल ने इस प्रकरण में कई गंभीर आरोप डॉ. तेवतिया पर लगाये हैं और इसकी पूरी रिपोर्ट डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को सौंपने की बात भी कही है। दूसरी ओर डॉ. तेवतिया ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि साप्ताहिक अवकाश होने के कारण वो अपने घर पर अपने परिवार से मिलने के लिए गये थे। उन्होंने कुछ भी गलत काम नहीं किया है।
वहीं यह प्रकरण अभी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, इसी बीच सीएमओ डॉ. तेवतिया के समर्थन में कई संगठन खड़े हो गये हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने भी मीडिया को अपना एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के वर्तमान सीएमओ सुनील तेवतिया अनुशासनप्रिय और कर्मठ अधिकारी हैं। उनके कार्यभार संभालने के बाद जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में स्पष्ट सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि छुट्टी के दिन परिवार से मिलने दूसरे जिले जाना अनुशासनहीनता नहीं माना जा सकता। यदि कोई अधिकारी रोजाना घंटों दूसरे जिले में बैठता, तब मुद्दा बनता, लेकिन छुट्टी के दिन निजी कारणों से जाना स्वाभाविक है।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता और किसान चिंतक कमल मित्तल ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि आजकल ईमानदार लोगों को प्रायः निशाना बनाया जाता है, जबकि चाटुकारों को तरजीह मिलती है। उन्होंने कहा कि डॉ. सुनील तेवतिया ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार किया है। सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण में जाट महासभा मुजफ्फरनगर ने भी रोष जताया है और महासभा के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान ने इसे एक साजिश करार देते हुए शासन एवं प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की है।

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