प्रयागराज। विमान किराये में सरकार के दखल के बाद भी टिकटों का तय कीमत से कई गुना पर बिकने का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। इंडिगो की सीधी उड़ानें निरस्त होने से यात्रियों को अब महंगी कनेक्टिंग उड़ानों के सहारे सफर करना पड़ रहा है। रविवार को मुंबई की कनेक्टिंग उड़ान का किराया 45 हजार रुपये पार कर गया। इंडिगो से उपजे संकट के बाद विमानों के बेतहाशा बढ़ रहे किराये पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कैपिंग की है। इस आदेश के बावजूद कई विमान कंपनियां महंगे किराये पर टिकट बेच रही हैं। इंडिगो के अलावा प्रयागराज से दिल्ली, पटना, देहरादून और जयपुर समेत कुछ शहरों के लिए ही दूसरी कंपनियों की सीधी उड़ान सेवाएं हैं। टन्न्वेल एजेंटों के मुताबिक, पुणे, मुंबई, बंगलूरू व चेन्नई जैसे महानगरों के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं है। इन शहरों के लिए कनेक्टिंग उड़ानें ही सहारा हैं। इंडिगो संकट के बाद प्रयागराज से मुंबई के लिए एअर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट का किराया 45,664 रुपये पहुंच गया है। किराया निर्धारित करने के बावजूद विमान कंपनियों की मनमानी जारी है। कोलकाता के लिए इंडिगो की उड़ान संख्या 6ई-6469 का किराया 13,852 रुपये चल रहा है। पुणे के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है, ऐसे में एअर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट का किराया 36,104 रुपये है। चेन्नई के लिए सीधी फ्लाइट नहीं होने से एअर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट का किराया 20,979 रुपये तथा दिल्ली के लिए एअर इंडिया एक्सप्रेस की सीधी फ्लाइट का किराया 17,252 रुपये चल रहा है। इन दिनों यात्रा के बाद लगेज नहीं मिलने की शिकायतें भी हैं। इंडिगो के विमान से दिल्ली से प्रगयागराज पहुंचे मनोज सिंह का लगेज 24 घंटे बाद भी नहीं मिला। ऐसे ही आशिमा जो मुंबई से एअर इंडिया की उड़ान से आई थीं, उनका लगेज मुंबई एयरपोर्ट पर रह गया। एयरलाइन प्रशासन ने खेद जताते हुए सोमवार को लगेज पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

देवबंद कोतवाली में एसपी देहात का औचक निरीक्षण, मिशन शक्ति केंद्र में मिली खामियां
देवबंद कोतवाली में एसपी देहात सागर जैन ने शुक्रवार को मिशन शक्ति केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अभिलेखों की जांच की और पाई गई कमियों को शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। साथ ही महिला सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए। निरीक्षण के दौरान एसपी देहात ने एंटी रोमियो टीम की गश्त बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति के अंतर्गत पीड़ित महिलाओं से शिकायत दर्ज होने के बाद तीन माह तक प्रत्येक पखवाड़े में फीडबैक दर्ज किया जाना अनिवार्य है, लेकिन देवबंद कोतवाली में यह प्रक्रिया अभिलेखों में पूर्ण रूप से दर्ज नहीं पाई गई। इस





