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MUZAFFARNAGAR-भाकियू में कार्ड परम्परा से यूनियन मुखिया खफा

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन में आई कार्ड की चल रही परम्परा के खिलाफ खुद संगठन के मुखिया ही खड़े नजर आ रहे हैं। आई कार्ड को उन्होंने बदनामी का कारण बताते हुए कहा कि संगठन के नाम पर महाबेकारे भी सिर्फ कार्ड लियो घूम रे, जबकि उनका कहीं आना नी और कहीं जाना नी। भाकियू अध्यक्ष के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें एक खुले मंच से वो भाकियू में चल रही कार्ड परम्परा का पूरजोर विरोध करते हुए इसे बंद करने का ऐलान कर रहे है। उनका कहना है कि भाकियू में केवल दस रुपये की सदस्यता रसीद ही यूनियन कार्यकर्ता होने का प्रमाण होगा, किसी का कार्ड नहीं बनाया जायेगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यदि किसी को संगठन से ज्यादा कार्ड प्यारा है तो वो दूसरी किसी भी यूनियन में जा सकता है, जहां कार्ड की राजनीति हो रही है।

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन में पिछले कई सालों से आई कार्ड बनाने का दौर शुरू हुआ है, ऐसे में कई ऐसे मामले में सामने आये, जिनमें भाकियू के कार्ड वाले लोगों को पुलिस ने कुछ गलत कार्यों में पकड़ा, ऐसे में उनके पास से आई कार्ड मिलने पर संगठन की बदनामी हुई। वैसे भी किसान संगठनों के नाम पर आज दो दर्जन से ज्यादा संगठन जिले में चल रहे हैं। इनमें आई कार्ड की परम्परा हावी है। बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुई। इसमें भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत एक सभा को सम्बोधित कर रहे हैं। इसमें उन्होंने भाकियू में शुरू की जा रही कार्ड परम्परा का मुखर विरोध किया और इसे बंद करने की भी वो घोषणा कर रहे हैं। वो अपने सम्बोधन में कह रहे हैं कि यूनियन के कार्यकर्ता की पहचान सिर्फ दस रुपये की रसीद है, भाकियू में कार्ड परम्परा नहीं चलेगी। कार्ड चाहिए तो दूसरी यूनियन में चले जाओ, इस यूनियन में कार्ड नहीं चलेगा। महा बेकार आदमी भी कार्ड के लिए यूनियन में आ रहे हैं, जिनका कहीं आना नी जाना नी, खेती नी वो भी कार्ड चाह रहे। सैंकड़ों कार्ड रोज हमारे सामने आ रहे। यूनियन में और भी काम हैं, लेकिन यो कार्ड का खड़दू नया जोड़ दिया। ये नहीं चलेगा। कोई कार्ड नहीं बनाया जायेगा। जिनके पास कार्ड हैं, वो जमा कर दो भाई, केवल रसीद से ही कार्यकर्ता बनेगा। उनके इस सम्बोधन से नई हलचल पैदा हो गई है। इससे साफ है कि कहीं न कहीं संगठन में कार्ड को लेकर मुखिया नाराज हैं।

जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने इस वीडियो और नाराजगी को लेकर बताया कि यह वीडियो करीब दो महीने पुरानी एक सभा की है। उसमें कार्ड बनाने को लेकर मिली शिकायतों से नाराज होकर अध्यक्ष नरेश टिकैत ने यह बयानबाजी की थी। इसके बाद उनको वास्तविक स्थिति से अवगत करा दिया गया था। भाकियू में कार्ड बनाने की परम्परा बंद नहीं की गयी है। कार्ड से ही पहचान होती है। संगठन के पदाधिकारियों को ही कार्ड जारी किये जाते हैं, कार्यकर्ता के पास केवल दस रुपये वाली सदस्यता रसीद है। 

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