सफल नहीं हो पाई 2003 में हुई शादी, 2014 में तलाक के बाद मानसिक अवसाद ने घेरा, बेटी के साथ सहारनपुर में मायके में रह रही महिला
मुजफ्फरनगर। एक महिला चिकित्सक ने नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन में सभी के सामने अपने हाथ की कलई को काट लिया। महिला लहूलुहान हो गई, खून ही खून देखकर ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। स्टेशन पर पहंुचने पर लोगों ने पुलिस को सूचित किया। रेलवे पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल में लाकर भर्ती कराया, जहां महिला की हालत ठीक बताई जा रही है।
प्राप्त समाचार के अनुसार सहारनपुर जनपद के थाना सदर बाजार के मौहल्ला नवीन नगर निवासी 36 वर्षीया ज्योतिका त्यागी पुत्री फूलचंद त्यागी बुधवार को सवेरे मेरठ जनपद से नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर सहारनपुर अपने घर वापस लौट रही थी। इसी बीच जब ट्रेन मुजफ्फरनगर स्टेशन पर पहुंची तो यात्रियों ने रेलवे पुलिस को सूचना दी कि ज्योतिका त्यागी ने अपने हाथ की कलई को काटकर आत्महत्या का प्रयास किया है। पुलिस कर्मियों ने घायल अवस्था में ज्योतिका को ट्रेन से उतारा। आरपीएफ की महिला कांस्टेबल खुशबू चौधरी ने घायल ज्योतिका को जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। यहां ज्योतिका की हालत ठीक बताई जा रही है।
दैनिक नयन जागृति संवाददाता ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती ज्योतिका त्यागी से बातचीत की। ज्योतिका ने बताया कि उन्होंने एमबीबीएस किया है और वो पीजीआई पिलखनी सहारनपुर में गायनाक्लोजिस्ट के रूप में सर्विस करती हैं। ज्योतिका ने बताया कि वो जीवन में काफी आघात झेल चुकी हैं। पिता ने उनकी शादी साल 2003 में छपार थाना क्षेत्र के गांव रेई में की थी। शादी के बाद से ही उनको पति से शोषण ही मिला। ज्योतिका ने आरोप लगाया कि उनके पति का चरित्र ठीक नहीं था और वो बेवफाई करता रहा। इसी बीच ज्योतिका ने एक बेटी को जन्म दिया। शादी ठीक नहीं चली और साल 2014 में ज्योतिका का अपनी पति से तलाक हो गया। इसके बाद वो अपने मायके सहारनपुर में ही रहने लगी।
ज्योतिका ने बताया कि पिछले करीब एक सप्ताह से वो ज्यादा डिप्रेशन में थी और आत्म शांति के लिए अपने गुरू छतरपुर आश्रम के पास जाने के लिए तीन दिन पहले सहारनपुर से चली थी। मंगलवार को वो मेरठ पहुंची थी। स्टेशन पर गई तो ट्रेन निकल चुकी थी, देर रात होने के कारण वो मेरठ में एक होटल में रूकी और बुधवार की सुबह मेरठ स्टेशन से नौचंदी एक्सप्रेस में सवार होकर सहारनपुर लौट रही थी। ज्योतिका ने बताया कि ट्रेन में सवार होने पर वो मानिसक रूप से खुद पर नियंत्रण नहीं रख सकी और मेरठ स्टेशन निकलते ही उसने अपने हाथ की कलई को ब्लेड से काट लिया था। खून बहने लगा। मुजफ्फरनगर स्टेशन पर उसको नीम बेहोशी की अवस्था में पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया। उसकी बेटी भी उसके साथ ही रहती है। वो जीवन से हताश होकर कई बार सुसाइड का प्रयास कर चुकी है। परिजनों को भी रेलवे पुलिस ने सूचित कर दिया था।