ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल भरकर राहगीरों और वाहन चालकों को खुलेआम बेच रहे हैं।
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर में कानून और सुरक्षा व्यवस्था को खुलेआम चुनौती देती एक गंभीर और चिंताजनक तस्वीर एक वीडियो के सहारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सामने आई है। यहां अवैध पेट्रोल की बिक्री में नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सड़कों पर कोल्ड ड्रिंक की खाली प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल बेचते बच्चों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

मुजफ्फरनगर जनपद में अवैध पेट्रोल की बिक्री का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। ताजा मामला थाना भोपा क्षेत्र के ग्राम सीकरी का बताया जा रहा है, जहां नाबालिग बच्चों को पेट्रोल बेचने के लिए सड़कों पर खड़ा किया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल भरकर राहगीरों और वाहन चालकों को खुलेआम बेच रहे हैं। यह पूरा घटनाक्रम न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों की जान के साथ खतरनाक खिलवाड़ भी है। पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थ को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के सड़कों पर बेचना किसी बड़े हादसे को दावत देने जैसा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है।

जो वीडियो सामने आया है, उसके एक बच्चा कपड़े के थैले में प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल लिए बैठा है। थैले में कई बोतले नजर आती हैं, जिनमें पैट्रोल है। बच्चे की उम्र बेहद कम है। वो वहां आने वाले बाइक सवारों को बोतलों से पेट्रोल बेचता है। उनकी बाइकों में तेल डालता है। पैसों की बात करता है। यह बच्चे खुलेआम ऐसे में पेट्रोल बेच रहा है, यह इतना चौंकाने वाला नहीं है, बल्कि सवाल यह है कि इस बच्चे को इन बोतलों में पेट्रोल कहां से मिल रहा है। नियमों के अनुसार पेट्रोल पंपों पर बोतलों में पेट्रोल देना सख्त मना है, इसके बावजूद यह पेट्रोल बच्चों तक पहुंच रहा है। इससे यह आशंका और भी गहरी हो जाती है कि कहीं न कहीं किसी पेट्रोल पंप की मिलीभगत से यह पूरा अवैध कारोबार संचालित हो रहा है।

लोगों की मांग है कि न केवल नाबालिगों से पेट्रोल बिकवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, बल्कि उस पेट्रोल पंप या स्रोत की भी गहन जांच हो, जहां से यह पेट्रोल उपलब्ध कराया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बच्चों को इस तरह के खतरनाक काम में धकेलना अपराध है और बाल श्रम कानूनों का भी खुला उल्लंघन है। ऐसे में जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। अब देखना यह होगा कि वायरल वीडियो के बाद जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इस गंभीर मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जाती है। फिलहाल, यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चेतावनी बनकर सामने आया है।






